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Friday 31 December 2021 01:05:07 PM
हल्द्वानी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए बतायाकि वह क्यों सोचते हैंकि यह दशक उत्तराखंड का दशक है। उन्होंने कहाकि उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगा, उत्तराखंड में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चारधाम परियोजना, नए रेल रूट्स इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएंगे। उन्होंने पनबिजली, उद्योग, पर्यटन, प्राकृतिक कृषि और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उत्तराखंड की प्रगति केबारे में भी चर्चा की, जो इस दशक को उत्तराखंड का दशक बना देगी। उन्होंने कुमाऊं केसाथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया, उत्तराखंडी टोपी से सम्मानित करने केलिए क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उत्तराखंड में जिस लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना का काम शुरू हो रहा है, हमारी सरकार ने 46 साल बाद इसके काम का शिलान्यास किया है और यह देरी किसी अपराध से कम नहीं है। उन्होंने 8,700 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, ये सड़क परियोजनाएं सुदूर, ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार केलिए उनके विजन को साकार करेंगी, इससे कैलाश मानसरोवर यात्रा को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। उन्होंने ऊधमसिंह नगर में एम्स ऋषिकेश उपग्रह केंद्र और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की आधारशिला भी रखी। ये केंद्र देश के सभी हिस्सों में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के उनके प्रयास के अनुरूप होंगे। उन्होंने काशीपुर में एरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक औद्योगिक पार्क और राज्यभर में आवास, स्वच्छता तथा पेयजल आपूर्ति में कई अन्य पहलों की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने पहाड़ी क्षेत्रों को विकास से दूर रखने की विचारधारा केबारे में कहाकि आजादी केबाद से ही यहां के लोगों ने दो धाराएं देखी हैं, एक धारा है-पहाड़ को विकास से वंचित रखने की और दूसरी धारा है-पहाड़ के विकास केलिए दिनरात एक कर देने की।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि अतीत की बदहाली और बाधाओं को अब सुविधाओं और सद्भाव में बदला जा रहा है, पिछले सात वर्ष के दौरान हर घर जल, शौचालय, उज्ज्वला योजना, पीएमएवाई के माध्यम से महिलाओं के जीवन को नई सुविधाएं और सम्मान मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकारी योजनाओं में देरी करना पहले जो सरकार में रहे हैं, ये उनका परमानेंट ट्रेडमार्क रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि गंगोत्री से गंगासागर तक हम एक मिशन में जुटे हैं, शौचालयों के निर्माण से, बेहतर सीवरेज सिस्टम और पानी के ट्रीटमेंट की आधुनिक सुविधाओं से गंगाजी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है, इसी तरह नैनीताल झील की भी देखभाल की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत के सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलीस्कोप को भी स्थापित किया है, इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर अफसोस व्यक्त कियाकि पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद कैसे उत्तराखंड क्षेत्र की रक्षा संबंधी कई जरूरतों की अनदेखी की। उन्होंने कहाकि कनेक्टिविटी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के हर पहलू को अनदेखा किया गया है, कनेक्टिविटी, आवश्यक सुरक्षा, गोला-बारूद एवं हथियारों के लिए और यहां तककि आक्रमणकारियों और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने केलिए भी हमारी सेना एवं सैनिकों को सिर्फ और सिर्फ इंतज़ार ही कराया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि उत्तराखंड विकास की गति को तेज करना चाहता है। उन्होंने कहाकि उत्तराखंड के लोगों के सपने, हमारे संकल्प हैं, उनकी इच्छा, हमारी प्रेरणा है और उनकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहाकि उत्तराखंड के लोगों का संकल्प इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगा। कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री साथ में पुष्कर सिंह धामी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।