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Saturday 1 January 2022 01:50:52 PM
नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल के 24वें प्रमुख के रूपमें महानिदेशक वीएस पठानिया ने पदभार ग्रहण कर लिया है। वह वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज और नई दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज के छात्र रहे हैं। फ्लैग ऑफिसर वीएस पठानिया एक योग्य हेलीकॉप्टर पायलट हैं और उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा एवं सामरिक अध्ययन में परास्नातक किया है। उन्होंने यूएस कोस्ट गार्ड केसाथ खोज व बचाव तथा बंदरगाह संचालन में विशेषज्ञता हासिल की है। अपने 36 वर्ष से अधिक समय के शानदार करियर में वे कई प्रमुख नियुक्तियों पर रहे हैं, इनमें गांधीनगर में कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (उत्तरपश्चिम), मुंबई में कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम), उप महानिदेशक तटरक्षक मुख्यालय तथा नई दिल्ली में उप महानिदेशक (नीति और योजनाएं) प्रमुख हैं।
फ्लैग ऑफिसर वीएस पठानिया ने तटरक्षक जहाजों के सभी वर्गों अर्थात तटवर्ती गश्ती पोत 'रानीजिंदन', अपतटीय गश्ती जहाज 'विग्रह' और उन्नत अपतटीय गश्ती पोत 'सारंग' की कमान संभाली है। वीएस पठानिया ने नई दिल्ली में तटरक्षक मुख्यालय के प्रधान निदेशक, तटरक्षक मुख्यालय नई दिल्ली में प्रधान निदेशक (नीति एवं योजना), तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर पश्चिम) मुख्यालय में चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्य कर्मचारी अधिकारी (संचालन), मुख्यालय तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) में मुख्य कर्मचारी अधिकारी (कार्मिक एवं प्रशासन), चेन्नई में तटरक्षक वायु स्टेशन पर कमांडिंग ऑफिसर, तटरक्षक मुख्यालय में निदेशक (कार्मिक) तथा संयुक्त निदेशक (विमानन) और चेन्नई में 848 स्क्वाड्रन के स्क्वाड्रन कमांडर के पदों पर कार्य किया है।
वीएस पठानिया को नवंबर 2019 में अपर महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया था और विशाखापत्तनम में तटरक्षक कमांडर (पूर्वी समुद्र तट) के रूपमें पदभार ग्रहण किया था। पूर्वी समुद्र तट पर उनकी शीर्ष निगरानी की अवधि के दौरान प्रमुख अभियानों में वृद्धि देखी गई, जिसमें हजारों करोड़ के सोने और कई टन दवाओं/ मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम, प्रदूषण नियंत्रण अभियान, विदेशी तटरक्षक बलों केसाथ संयुक्त अभ्यास, अवैध शिकार विरोधी अभियान और चक्रवातों/ प्राकृतिक आपदाओं केदौरान मानवीय सहायता तथा मजबूत तटीय सुरक्षा जैसे सामूहिक बचाव अभियान शामिल थे। वीएस पठानिया को विशिष्ट सेवा केलिए राष्ट्रपति का तटरक्षक पदक, वीरता केलिए तटरक्षक पदक तथा महानिदेशक भारतीय तटरक्षक प्रशस्तिपत्र से भी सम्मानित किया जा चुका है।