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लद्दाख में 'आइस एंड स्नो स्कल्पचर फेस्टिवल'

सर्दियों में भी लद्दाख में आय रोज़गार और पर्यटन बढ़ाने के प्रयास

लद्दाख के उपराज्यपाल की राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात

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Tuesday 15 February 2022 01:02:09 PM

lt governor of ladakh meets minister of state dr jitendra singh

नई दिल्ली। लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात की और उन्हें बताया कि लद्दाख में सर्दियों के मौसम में पर्यटकों को आकर्षित करने केलिए स्नो स्कल्पचर यानी बर्फ की मूर्ति को बड़े पैमाने पर शामिल किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों केलिए रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे। उपराज्यपाल ने डॉ जितेंद्र सिंह से लद्दाख में विश्व प्रसिद्ध बर्फ मूर्तिकला कला के आयोजन केलिए सीएसआईआर से सहायता प्रदान करने की अपील की। उन्होंने कहाकि इस कला के स्थिर होने केबाद आनेवाले वर्ष में लद्दाख में आइस एंड स्नो स्कल्पचर फेस्टिवल आयोजित किया जा सकेगा।
प्रथम लद्दाख आइस एंड स्नो-स्कल्पचर वर्कशॉप 2022 का समापन समारोह 11 फरवरी को हुआ था, जिसका आयोजन कांगसिंग स्नो एंड आइस स्कल्पचर एसोसिएशन ने लद्दाख पुलिस के सहयोग से चिलिंग मार्ग पर त्सुगास्ती के पास सैंगटैकचान में किया था, इसके समापन समारोह में उपराज्यपाल आरके माथुर भी शामिल हुए थे। उपराज्यपाल ने इस मौके पर कहा थाकि उन्हें सर्दियों में लद्दाख छोड़ने में कोई तर्क नहीं दिखता, बल्कि इस समय यहां आय अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस साल अप्रैल-मई से लेह बेरी की व्यावसायिक खेती शुरू करने का निर्णय लेने केलिए लद्दाख प्रशासन को धन्यवाद दिया। उन्होंने बतायाकि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद लेह बेरी को बढ़ावा दे रही है, जो शीत मरुस्थल का एक विशिष्ट खाद्य उत्पाद है और बड़े पैमाने पर व्यवसाय के साथ-साथ स्वरोज़गार भी है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने मई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे का जिक्र किया, जब उन्होंने सी बकथॉर्न की व्यापक रूपसे खेती का सुझाव दिया था, जो लेह बेरी का स्रोत भी है। उन्होंने कहाकि सीएसआईआर स्थानीय किसानों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा उपयोग केलिए उपयुक्त उपकरण विकसित करेगा, वर्तमान में केवल 10 प्रतिशत नट वाइल्ड सी बकथॉर्न प्लांट से निकाले जाते हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि स्थानीय उद्यमियों को सी बकथॉर्न पौधे से जैम, जूस, हर्बल टी, विटामिन-सी सप्लीमेंट्स, हेल्दी ड्रिंक्स, क्रीम, तेल और साबुन जैसे करीब 100 उत्पादों की पूरी तरह से जैविक तरीके से खेती, प्रसंस्करण और विपणन के माध्यम से आकर्षक रोज़गार प्रदान किया जाएगा। आरके माथुर ने यह भी बतायाकि तीन औषधीय पौधों की व्यावसायिक खेती इस वसंत ऋतु में 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर शुरू होगी, इसमें संजीवनी बूटी भी शामिल है, जिसे स्थानीय तौरपर सोला के रूपमें जाना जाता है, जिसमें बहुत अधिक जीवन रक्षक और चिकित्सीय गुण होते हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने लद्दाख के एलजी को बतायाकि परमाणु ऊर्जा विभाग फलों और सब्जियों के संरक्षण या उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने केलिए केंद्रशासित प्रदेश में गामा विकिरण प्रौद्योगिकी केलिए सुविधाएं स्थापित करेगा। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पहलीबार बड़ी मात्रा में दुबई को खुबानी का निर्यात किया गया था। डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रसिद्ध पश्मीना बकरियों के रोगों के उपचार केलिए लेह और कारगिल में दो-दो प्रशिक्षण कार्यशालाओं के आयोजन केलिए सीएसआईआर की सराहना की। लद्दाख के चारथांग में 4 लाख से अधिक पशु हैं, जिनमें मुख्य रूपसे पश्मीना बकरियां हैं, जो आजीविका का काफी समृद्ध स्रोत हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने आरके माथुर को बतायाकि सीएसआईआर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की एक उच्चस्तरीय टीम इस गर्मी में पश्मीना बकरियों, भेड़ों और याक के लिए जिंक फोर्टिफिकेशन परियोजना समीक्षा करने केलिए लद्दाख का दौरा करेगी, क्योंकि लद्दाख मुख्य रूपसे एक पशुधन आधारित अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहाकि सीएसआईआर जीरो-नेट एनर्जी प्रोग्राम को सोलर पावर से जोड़कर वार्मिंग और कूलिंग सिस्टम केलिए जियो-थर्मल एनर्जी प्रोजेक्ट शुरू करने पर भी विचार कर रहा है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र के प्रशासन के तहत आनेवाले क्षेत्र लद्दाख को उच्च प्राथमिकता दी, जिससे नए विश्वविद्यालयों, पेशेवर कॉलेजों और अन्य संस्थानों को मंजूरी मिल सकी। उन्होंने कहाकि जोजिला दर्रा खुलने से स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है। उपराज्यपाल ने डीएआरपीजी द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण केलिए केंद्रशासित प्रदेश सरकार के अनुरोध पर प्रतिक्रिया केलिए डॉ जितेंद्र सिंह का आभार जताया, जिससे पहले ही दो व्यापक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा चुके हैं। उन्होंने केंद्र की प्रायोजित नई परियोजनाओं और शुरू की गई योजनाओं के मद्देनजर लद्दाख में अधिक संख्या में एजीएमयूटी कैडर के अधिकारियों को तैनात करने का भी अनुरोध किया। उपराज्यपाल ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने केलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी धन्यवाद दिया।

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