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Friday 25 March 2022 01:54:31 PM
हैदराबाद। भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने केलिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने अपनी अनुसंधान और विकास पहल केतहत देश में हवाई अड्डों पर हवाई यातायात प्रबंधन और विमान की सतह की आवाजाही केलिए संयुक्त स्वदेशी विकास प्रणालियों केलिए नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड केसाथ एक समझौता किया है, जो अबतक आयात किए जा रहे थे। एएआई से बीके सरकार ईडी (एटीएम-एटीएफएम) और बीईएल के एमवी राजा शेखर निदेशक (आर एंड डी) ने हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर नागरिक उड्डयन पर एशिया का सबसे बड़ा आयोजन विंग्स इंडिया 2022 में एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार, एम सुरेश सदस्य (एएनएस), एएआई और एएआई तथा बीईएल के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए। माना जा रहा हैकि यह करार भारतीय विमानन उद्योग में सहयोग का एक नया अध्याय शुरू करेगा।
बीईएल और एएआई समझौते के तहत संयुक्त रूपसे एडवांस्ड सरफेस मूवमेंट गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम केसाथ नागरिक हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली विकसित करेंगे, जो एक जटिल जमीनी निगरानी प्रणाली है। यइ उड़ान भरने से लेकर लैंडिंग तक की उड़ान की सुरक्षित संचालन केलिए हवाई अड्डों और भारतीय नागरिक हवाई क्षेत्र में हवाई यातायात का प्रबंधन करती है। एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार ने कहाकि एएआई अपने ग्राहकों केलिए क्षमता और किफायती तथा पर्यावरण के अनुकूल सेवाओं को बढ़ाने केलिए भारतीय हवाई क्षेत्र, हवाई अड्डों पर सुरक्षित और कुशल एयर नेविगेशन सेवाओं केलिए प्रतिबद्ध है। एएआई नियमित रूपसे विकसित हो रहे वैश्विक सेवा मानकों के अनुरूप हवाई अड्डों पर एटीएम प्रणाली का उन्नयन करता है। वर्तमान समझौता भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुसार व्यवस्थित, कुशल और किफायती तरीके से अपने एएनएस अवसंरचना को अपग्रेड करने के लिए एएआई की आरएंडडी नीति के अनुरूप है, इससे एएनएस अवसंरचना की खरीद केलिए एएआई की विदेशी निर्भरता कम हो जाएगी।
एमवी राजशेखर निदेशक (आरएंडडी) बीईएल ने कहाकि बीईएल विभिन्न गैर रक्षा व्यापार क्षेत्रों केलिए अपने समाधानों की श्रृंखला का विस्तार करने केलिए लगातार प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहाकि एएआई केसाथ यह समझौता भारत सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है। समझौते का उद्देश्य बीईएल-एएआई की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना तथा दोनों को हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण के अवसरों को साधने में सक्षम बनाना है। हवाई यातायात नियंत्रण का दोहरा उद्देश्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, कई विमानों केबीच अंतर को बनाए रखना और हवाई अड्डे तथा भारतीय हवाई क्षेत्र में संचालन के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करना है। एएसएमजीसीएस हवाई अड्डे पर सभी मौसमों में सुरक्षित सतह आवाजाही को बनाए रखने केलिए जमीन पर विमानों और वाहनों को रूटिंग, मार्गदर्शन तथा निगरानी सेवाएं प्रदान करता है। इस उन्नत प्रणाली की विश्वसनीयता और उपलब्धता एटीएम संचालन की सुरक्षा अतिरिक्त और वितरित संरचना के माध्यम से प्रदान की जाती है।
एएसएमजीसीएस केसाथ एटीएमएस का उद्देश्य प्राथमिक व माध्यमिक रडार, स्वचालित आश्रित निगरानी प्रसारण, मल्टी-लेटरेशन सिस्टम और नेविगेशनल उपकरण जैसे-जीपीएसए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और डॉपलर वेरी हाई फ़्रीक्वेंसी ओमनी रेंज केसाथ संपर्क कर हवाई यातायात नियंत्रक को कवरेज क्षेत्र की संपूर्ण हवाई यातायात तस्वीर प्रदान करना है। यह एयरोनॉटिकल फिक्स्ड टेलीकम्युनिकेशंस नेटवर्क एयरपोर्ट ऑपरेशनल डेटाबेस, एयरपोर्ट कोलैबोरेटिव डिसीजन मेकिंग और सेंट्रलाइज्ड एयर ट्रैफिक फ्लो मैनेजमेंट सिस्टम सहित कई उप-प्रणालियों के साथ इंटरफेस करता है। इस प्रणाली का उपयोग भीड़भाड़ वाले हवाई अड्डों और हवाई क्षेत्रों में सैन्य उड़ानों सहित बड़ी मात्रा में हवाई यातायात की सेवा केलिए किया जाता है। प्रणाली में कई इनहाउस विकसित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जैसे हवाई यातायात नियंत्रक केलिए स्थिति प्रदर्शित करने वाला डिस्प्ले, सर्विलांस डेटा प्रोसेसिंग, फ्लाइट डेटा प्रोसेसिंग सेफ्टी नेट एंड डिसीजन सपोर्ट कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग डिस्प्ले, उन्नत एएसएमजीसीएस आदि। यह नियंत्रक कार्यभार को कम करके, हवाई यातायात प्रवाह में सुधार और उड़ान देरी को कम करके बेहतर सुरक्षा केसाथ क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।