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Saturday 26 March 2022 02:30:06 PM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड केसाथ 'खरीदें-भारतीय' श्रेणी केतहत 887 करोड़ रुपये की कुल लागत से भारतीय नौसेना केलिए दो बहुउद्देश्यीय पोतों के अधिग्रहण केलिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे और अतिरिक्त सचिव व महानिदेशक (अधिग्रहण) पंकज अग्रवाल की उपस्थिति में इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। नौसेना को मई 2025 तक इन पोतों को सौंपे जाने का समय तय किया गया है। एमपीवी अपनी तरह का पहला पोत होगा, जिसका निर्माण भारतीय नौसेना की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने को लेकर लागत प्रभावी समाधान प्रदान करने केलिए किया जाएगा। मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड इन जहाजों का निर्माण कट्टुपल्ली चेन्नई में करेगी। अधिकांश उपकरण एवं प्रणाली स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त होने के चलते ये पोत रक्षा मंत्रालय की मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड पहल के एक गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।
एमपीवी पोत गनरी/ एएसडब्ल्यू फायरिंग अभ्यासों केलिए समुद्री निगरानी एवं गश्ती, टारपीडो की लॉंचिंग या रिकवरी और विभिन्न प्रकार के हवाई, सतह-जल के नीचे के लक्ष्यों के परिचालन जैसे विविध भूमिकाओं में सहायता करने का काम करेगा। ये पोत जहाजों को खींचने और सीमित अस्पताल जहाज क्षमता केसाथ मानवीय सहायता एवं आपदा राहत समर्थन प्रदान करने में सक्षम होंगे, इसके अलावा ये पोत नौसेना के हथियारों और सेंसर के परीक्षण मंच, आईएसवी एवं बचाव कार्यों केलिए समर्थन मंच और द्वीपीय क्षेत्रों में लॉजिस्टिक (रसद) सहायता प्रदान करने का भी काम करेंगे। माना जा रहा हैकि यह अनुबंध भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप भारतीय पोत निर्माण उद्योग की सक्रिय भागीदारी को और अधिक बढ़ावा देगा एवं प्रोत्साहित करेगा।