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Sunday 27 March 2022 04:39:07 PM
राजमहेंद्रवरम (आंध्रप्रदेश)। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन एवं डीओएनईआर मंत्री जी किशन रेड्डी ने संयुक्त रूपसे आजादी के अमृत महोत्सव केतहत कला कॉलेज ग्राउंड राजमहेंद्रवरम में मेगा फेस्टिवल राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव-2022 का उद्घाटन किया। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने महोत्सव को संबोधित करते हुए कहाकि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव जैसे त्योहार हमारी संस्कृति एवं परंपराओं को और मजबूत करेंगे। उन्होंने कहाकि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय देशभर में विभिन्न त्योहारों का आयोजन कर रहा है, जो देश के लोगों में राष्ट्रवाद को विकसित करने में मदद करेगा। उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस का उल्लेख एक ऐसे राष्ट्रवादी नेताओं मेंसे एकके रूपमें किया, जिन्होंने अन्य बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों केबीच देश के लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा दिया।
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी महोत्सव को संबोधित किया और कहाकि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव संस्कृति मंत्रालय का प्रमुख उत्सव है, जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना, बढ़ाना और लोकप्रिय बनाना है। उन्होंने कहाकि आरएसएम-2022 भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है, जिसका आयोजन 3 अप्रैल तक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के तेलुगु राज्यों में किया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और तेलुगू राज्यों में विविधता का जश्न मनाने वाला एक अनूठा त्योहार मनाने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद दिया, क्योंकि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव लोगों को नए सिरे से जोड़ता है, विशेष रूपसे हमारी स्वदेशी संस्कृति, इसकी बहुमुखी प्रकृति, भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के संदर्भ में एक राष्ट्र के रूपमें भारत केसाथ युवाओं को। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव ने एक राज्य की लोक एवं आदिवासी कला, नृत्य, संगीत, व्यंजन और संस्कृति को दूसरे राज्यों में प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जी किशन रेड्डी ने कहाकि इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के लक्ष्य को मजबूती दी है और दक्षिणी राज्यों की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराया है, साथही इसने स्थानीय आबादी को भारत के हिस्सों की विविध संस्कृतियों से भी अवगत कराया है। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार ने देशभर में कला एवं संस्कृति के विभिन्न रूपों की रक्षा करने, प्रचार करने और संरक्षण केलिए सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए हैं। जी किशन रेड्डी ने कहाकि इस वर्ष सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन राजमुंदरी, वारंगल और हैदराबाद शहरों में किया जा रहा है, जो संस्कृतियों के संगम को प्रदर्शित करेगा और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करने केलिए भारतीयों केलिए उत्प्रेरक के रूपमें कार्य करेगा। ज्ञातव्य हैकि पहला राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 2015 में हुआ था, जिसमें मीडिया एवं जनता से मिली अच्छी प्रतिक्रिया ने त्योहारों की एक श्रृंखला आयोजित करने केलिए प्रेरित किया।
राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव भारत के प्रत्येक लोक, पारंपरिक, आदिवासी, शास्त्रीय और लोकप्रिय कलारूपों को एक ही छत के नीचे देखने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है, जहां लगभग 1,000 से अधिक कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। इसके तहत स्थापित रंगीन आंगन क्षेत्रीय संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और पारंपरिक कला एवं शिल्प का प्रदर्शन करते हैं, जहां कारीगरों ने अपना माल बेचने के साथ-साथ अपनी उत्कृष्ट शिल्प कौशल का प्रदर्शन करने केलिए अपने-अपने स्टाल लगाए हैं। लोक मंडलों के अलावा प्रतिष्ठित पद्म सम्मान और संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित शास्त्रीय कलाकार हर साल महोत्सव में प्रस्तुति देते हैं। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के तहत वारंगल में 29 एवं 30 मार्च को और हैदराबाद में 1 से 3 अप्रैल तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान आंध्र प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री एम श्रीनिवास राव, राज्यमंत्री वेणुगोपाल कृष्ण और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।