स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 7 April 2022 02:33:31 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना मुख्यालय नई दिल्ली में तीन दिवसीय वायुसेना कमांडरों के सम्मेलन में वरिष्ठ कमांडरों केसाथ वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिक और समकालीन तथा राष्ट्र के सामने आनेवाले मुद्दों या चुनौतियों को व्यापक रूपसे कवर करने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया। राजनाथ सिंह ने कहाकि उन्हें यह देखकर प्रसन्नता हुईकि सम्मेलन में उच्च प्राधिकारों की ओरसे दिए गए निर्देशों पर व्यापक रूपसे चर्चा की गई है और यह भविष्य के सभी कार्यों केलिए मार्गदर्शक का काम करेगा। उन्होंने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा चुनौतियों के बारेमें बात की।
रक्षामंत्री ने भारतीय सशस्त्रबलों के उभरती परिस्थितियों का जवाब देने में सक्षम होने पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की। रक्षामंत्री ने कहाकि ऑपरेशन गंगा की पूरे देश ने सराहना की है, इसके तहत रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वहां फंसे भारतीयों को वायुसेना सुरक्षित स्वदेश वापस लेकर आई। उन्होंने कहाकि मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थिति ने फिरसे स्वदेशीकरण की जरूरत को रेखांकित किया है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी कमांडरों से सभी चुनौतियों का सामना करने केलिए तैयार रहने और कम समय में कई कार्यक्षेत्र में जवाब देने की क्षमता बढ़ाने केलिए कहा। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने केलिए परिसंपत्तियों के संरक्षण, संसाधनों के बेहतर उपयोग और संयुक्त कौशल की जरूरत पर भी जोर दिया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वृद्धिशील स्वदेशी ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देने केलिए मेहर बाबा प्रतियोगिता-II शुरू की है, जिसका उद्देश्य विमान परिचालन सतहों पर बाह्य वस्तुओं का पता लगाने केलिए समूह ड्रोन आधारित प्रणाली केलिए प्रौद्योगिकी विकसित करना है। तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान वायुसेना के कमांडर उच्च प्रौद्योगिकी और इवाल्विंग परिचालन परिदृश्य में भविष्य की चुनौतियों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसमें ड्रोन से उत्पन्न खतरों से निपटने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ कमांडरों ने हिस्सा लिया।