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Friday 29 April 2022 01:05:05 PM
नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने नई दिल्ली में रसद (लॉजिस्टिक्स) प्रबंधन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपने प्रमुख भाषण में कहा हैकि वायुसेना को अचानक सूचना पर किसी भी घातक और छोटे युद्ध एवं लंबे गतिरोध का सामना करने केलिए सदैव तैयार रहना चाहिए, जैसाकि हम लद्दाख में चीन के साथ लंबे संघर्ष को देख रहे हैं। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी दिल्ली में वायुसेना सभागार में हो रही थी। उन्होंने कहाकि अनुभव बताता हैकि तनावपूर्ण वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए हमें हर समय उच्च तीव्रता वाले सैन्य अभियान केलिए कम से कम समय में बड़े से बड़े बदलाव केलिए तैयार रहने की आवश्यकता है। उन्होंने उन्नत डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने की जरूरत पर भी जोर दिया, जो सैन्य अभियान परिचालन की सहायता केलिए लॉजिस्टिक्स क्षमता को बनाए रखने में सहायता करेगा।
वायुसेना प्रमुख ने आईएएफ के हितधारकों से राष्ट्रीय रसद नीति और भारत सरकार के आत्मनिर्भरता संबंधित लक्ष्यों के व्यापक उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करने का भी अनुरोध किया। संगोष्ठी में प्रमुख वक्ताओं और विषय के विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय रक्षा में एनएलपी और लॉजिस्टिक्स पर अपने विचार साझा किए। उद्योग जगत के विख्यात सलाहकारों ने आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में नई तकनीकों के बारेमें जानकारियां दीं। भारतीय वायुसेना के चुनिंदा लॉजिस्टिक्स परिचालकों ने 'आईएएफ के युद्ध अभियानों और भविष्य की जरूरतों केलिए लॉजिस्टिक्स' पर सुझाव और विचार प्रस्तुत किए, जिनसे संगोष्ठी के प्रतिभागियों में काफी रुचि उत्पन्न हुई, जिसका भारतीय वायुसेना की सभी इकाइयों में सीधा प्रसारण किया गया। आईएएफ के लॉजिस्टिक्स के दर्शन पर ‘टेनेट्स ऑफ लॉजिस्टिक्स’ शीर्षक से एक दस्तावेज और आईएएफ में लॉजिस्टिक्स के इतिहास पर एक पुस्तक 'फुटप्रिंट्स इन सैंड्स ऑफ टाइम' शीर्षक से जारी की गई।
आईएएफ में 'टेनेट्स ऑफ लॉजिस्टिक्स' रसद परिचालन की अवधारणा के संदर्भ में रसद प्रमाण, मुख्य कार्यात्मक क्षेत्रों, व्यावसायिक प्रक्रियाओं के संचालन केलिए तकनीक का लाभ उठाने और सहयोगी सेवाओं केसाथ संयुक्तता की जरूरत को रेखांकित करता है। यह संगोष्ठी ऐसे समय पर हुई है, जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है, जिसमें वायुसेना काफी सक्रियता से यूक्रेन के ठिकानों पर मिसाइल और गोले बरसा रही है, जिसमें युद्ध की सभी तकनीकों को देखा जा रहा है। भारत-यूक्रेन युद्ध की रणनीति में रसद परिचालन भी उतना ही बड़ा विषय है, जोकि युद्ध में सेना को रसद की आपूर्ति सुनिश्चित करता है। इस समय वैश्विक स्तर युद्ध के मुहाने पर खड़ा दिख रहा है और सभी शक्तिशाली देश अपनी सैन्य तैयारियों को आधुनिक बनाने में जुटे हुए हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारत को अपनी सैनिक तैयारियों और सैन्य अभियानों से हर समय लैश रहने की नसीहत दी है, खासतौर से तब जब भारत एक लंबे समय से पाकिस्तान और चीन के साथ परोक्ष और अपरोक्ष रूपसे छद्म युद्ध लड़ता आ रहा है।