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असम में सात कैंसर अस्पताल समर्पित

प्रधानमंत्री ने उद्योगपति रतन टाटा के योगदान को सराहा

कैंसर के अत्याधुनिक उपचार केलिए असम महत्वपूर्ण राज्य

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 29 April 2022 01:14:55 PM

pm appreciates contribution of industrialist ratan tata

डिब्रूगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल असम को सात कैंसर अस्पताल समर्पित किए हैं जो डिब्रूगढ़, कोकराझार, बारपेटा, दरांग, तेजपुर, लखीमपुर और जोरहाट में उपचार केलिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने परियोजना के दूसरे चरण में बनाए जानेवाले धुबरी, नलबाड़ी, गोलपारा, नगांव, शिवसागर, तिनसुकिया और गोलाघाट में सात नए कैंसर अस्पतालों का भी शिलान्यास किया। इस प्रकार असम देश के उन गिने-चुने राज्यों में शामिल हो गया है, जहां कैंसर के उपचार की अत्याधुनिक सुविधा मिलने जा रही है। कैंसर अस्पतालों की यह परियोजना असम सरकार और टाटा ट्रस्ट के संयुक्त उपक्रम असम कैंसर केयर फाउंडेशन की है। इस अवसर पर उपस्थित देश के जानेमाने उद्योगपति रतन टाटा ने कहाकि उनके जीवन के ये आखिरी वर्ष स्वास्थ्य सेवाओं के नाम समर्पित हैं। रतन टाटा बहुत भावुक थे और उन्होंने संक्षेप में टूटीफूटी हिंदी में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं, जिनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई और रामेश्वर तेली आदि ने भावपूर्ण स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर त्योहारी सीजन के उत्साह का वर्णन करते हुए अपना भाषण शुरू किया और असम के महान सपूतों और पुत्रियों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि असम में कैंसर अस्पताल पूर्वोत्तर के साथ-साथ दक्षिण एशिया में स्वास्थ्य सेवा की क्षमता में वृद्धि करेंगे। यह स्वीकार करते हुएकि असम ही नहीं नॉर्थ ईस्ट में कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या रही है, प्रधानमंत्री ने कहाकि इससे सबसे अधिक हमारा गरीब प्रभावित होता है, मध्यमवर्ग होता है। प्रधानमंत्री ने इन कैंसर अस्पतालों के निर्माण में उद्योगपति रतन टाटा के योगदान को सराहा और देश की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि कैंसर के इलाज केलिए कुछ साल पहले तक यहां के मरीजों को बड़े-बड़े शहरों में जाना पड़ता था, जिससे एक बहुत बड़ा आर्थिक बोझ ग़रीब और मिडिल क्लास परिवारों पर पड़ता था। प्रधानमंत्री ने कहाकि असम में ग़रीब और मिडिल क्लास की इस परेशानी को दूर करने केलिए बीते 5-6 साल से जो कदम उठाए गए हैं, उसके लिए मै असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और टाटा ट्रस्ट को बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस साल के बजट में 1500 करोड़ रुपये की योजना-प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर विकास पहल की परिकल्पना की गई है, इसके तहत कैंसर के इलाज पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और गुवाहाटी में भी इसी तरह की सुविधाएं प्रस्तावित है। स्वास्थ्य क्षेत्र केलिए सरकार के दृष्टिकोण पर प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य के सप्तऋषि के बारेमें बताया। उन्होंने कहाकि सरकार का पहला प्रयास इस बीमारी को होने से रोकना है, इसलिए प्रीवेंटिव हेल्थकेयर पर सरकार ने बहुत जोर दिया है, योग, फिटनेस से जुड़े कार्यक्रम भी इसी वजह से लागू किए जा रहे हैं, दूसरा यदि रोग होता है तो उसका शीघ्र निदान किया जाना चाहिए, इसके लिए देशभर में लाखों नए टेस्टिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि तीसरा फोकस हैकि लोगों को घरके पास ही प्राथमिक उपचार की बेहतर सुविधा हो, इसके लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को सुधारा जा रहा है, चौथा प्रयास हैकि गरीब को अच्छे से अच्छे अस्पताल में मुफ्त इलाज मिले, इसके लिए आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज भारत सरकार की तरफ से दिया जा रहा है, पांचवा फोकस इस बात पर हैकि अच्छे इलाज के लिए बड़े-बड़े शहरों पर निर्भरता कम से कम हो, इसके लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमारी सरकार भारी निवेश कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि साल 2014 से पहले देशमें सिर्फ 7 एम्स थे, इसमें सेभी एक दिल्ली वाले को छोड़ दें तो कहीं एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं होती थी, कहीं ओपीडी नहीं लगती थी, कुछ अधूरे बने थे। उन्होंने कहाकि हमने इन सभीको सुधारा और देश में 16 नए एम्स घोषित किए, एम्स गुवाहाटी भी इन्हीं मेसे एक है। दृष्टिकोण के छठे बिंदु पर प्रधानमंत्री ने कहाकि डॉक्टरों कमी को दूर करने केलिए बीते सात सालों में एमबीबीएस और पीजी केलिए 70 हजार से ज्यादा नई सीटें जुड़ी हैं, सरकार ने 5 लाख से ज्यादा आयुष डॉक्टर्स को भी एलोपैथिक डॉक्टरों के बराबर माना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार का सांतवां फोकस स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन का है, कोशिश हैकि इलाज केलिए लंबी-लंबी लाइनों से मुक्ति हो, इलाज के नाम पर होनेवाली दिक्कतों से मुक्ति मिले, इसके लिए एक केबाद एक योजनाएं लागू की गई हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारा प्रयास हैकि देशवासियों को कहीं भी केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके, उसके लिए कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए, यह एक राष्ट्र एक स्वास्थ्य की भावना है, इस भावना ने 100 साल की सबसे बड़ी महामारी मेभी देशको इससे निपटने की ताकत दी है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि कैंसर के इलाज पर अत्यधिक खर्च, लोगों के मन में सबसे बड़ी चिंता थी, महिलाओं ने विशेष रूपसे इस इलाज से परहेज किया, क्योंकि इसमें परिवार कर्ज और दरिद्रता तक चला जाता था। उन्होंने कहाकि सरकार कई दवाओं की लागत को लगभग आधा करके कैंसर की दवाओं को सस्ती कर रही है, जिससे रोगियों को कम से कम 1000 करोड़ रुपये की बचत हो रही है, जन औषधि केंद्रों में अब 900 से अधिक दवाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं, आयुष्मान भारत योजनाओं के तहत बहुत से लाभार्थी कैंसर के रोगी हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आयुष्मान भारत और वेलनेस सेंटर कैंसर के मामलों का जल्द पता लगाना सुनिश्चित कर रहे हैं, असम और देश के अन्य हिस्सों में वेलनेस सेंटरों में 15 करोड़ से अधिक लोगों ने कैंसर की जांच कराई है। प्रधानमंत्री ने राज्य में बुनियादी चिकित्सा सुविधा में सुधार केलिए असम सरकार की सराहना की और कहाकि मुख्यमंत्री एवं उनकी टीम हर जिलेमें एक मेडिकल कॉलेज के राष्ट्रीय संकल्प को पूरा करने केलिए सराहनीय काम कर रही है। उन्होंने असम में ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर तकसभी सुविधाएं सुनिश्चित करने केलिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
नरेंद्र मोदी ने सभी को टीका लगवाने केलिए कहा, क्योंकि सरकार ने बच्चों के टीकाकरण और वयस्कों केलिए एहतियाती खुराक को मंजूरी देकर टीकाकरण के दायरे का विस्तार किया है। उन्होंने कहाकि केंद्र और असम सरकार चाय बगानों में काम करनेवाले लाखों परिवारों को बेहतर जीवन देने केलिए पूरी ईमानदारी से जुटी है, मुफ्त राशन से लेकर हर घर जल योजना केतहत जोभी सुविधाएं हैं, असम सरकार उनको तेजीसे पहुंचा रही है। प्रधानमंत्री ने जनकल्याण की बदली हुई धारणा के बारेमें कहाकि जनकल्याण के दायरे का विस्तार हुआ है, पहले केवल कुछ सब्सिडी को जनकल्याण से जोड़कर देखा जाता था, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी की परियोजनाओं को कल्याण से जोड़कर नहीं देखा जाता था, जबकि कनेक्टिविटी के अभाव में सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी बहुत मुश्किल थी। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश पिछली सदी की अवधारणाओं को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है, असम में सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क का विस्तार दिखाई दे रहा है, जिससे गरीबों, युवाओं, महिलाओं, बच्चों, वंचितों और आदिवासी समुदायों केलिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से असम और देश के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं।

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