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Friday 6 May 2022 04:46:46 PM
कोलकाता। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दो दिनी पश्चिम बंगाल यात्रा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुंदरबन के दुर्गम क्षेत्र की सुरक्षा केलिए बनवाई गई नर्मदा, सतलुज और कावेरी फ्लोटिंग सीमा चौकियों का उद्घाटन किया। अमित शाह ने फ्लोटिंग बोट एम्बुलेंस को फ्लेग ऑफ किया और मैत्री संग्राहलय की भी आधारशिला रखी। गृहमंत्री ने इस अवसर पर भारत-बांग्लादेश सीमा हरिदासपुर में ‘सीमा प्रहरी सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहाकि भारत सरकार का मूल लक्ष्य देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को अभेद्य बनाना है। अमित शाह ने कहाकि मै जबभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों केबीच आता हूं तो हमेशा एक नई ऊर्जा और चेतना लेकर जाता हूं, चाहे राजस्थान के रेगिस्तान हों, कच्छ का क्रीक या फिर पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में मगरमच्छों केबीच घुसपैठ रोकना, सीमा प्रहरियों का यह जज़्बा और जुनून पूरे देश को सुरक्षित रखता है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण यह हैकि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। अमित शाह ने कहाकि मै देशभर में जहांभी जाता हूं, वहां गर्व केसाथ यह कहता हूंकि हमसब चैन की नींद इसलिए सो पाते हैं, क्योंकि बॉर्डर पर खड़ा हमारा बीएसएफ़ का जवान 24 घंटे देश की सेवा कर रहा है, इसलिए देश की जनता की ओर मैं सभी जवानों को आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहाकि भारत की सीमाओं केसाथ छेड़खानी करने वालों का मुकाबला करते हुए हमारे अनेकानेक जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, इसी वीरता और समर्पण के कारण सीमा सुरक्षा बल को एक महावीर चक्र, 4 कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र और 13 शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। अमित शाह ने कहाकि बीएसएफ़ जवानों के परिश्रम, त्याग, बलिदान और शोर्य के साथही उन्हें आधुनिक तकनीक से लैस करने की जरूरत है और बॉर्डर सुरक्षा केलिए हम उसे दुनियाभर की आधुनिक से आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवा रहे हैं, इसी केतहत सतलुज, कावेरी और नर्मदा तीन फ्लोटिंग बीओपी राष्ट्र को समर्पित की गई हैं।
अमित शाह ने कहाकि आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के अनुरूप कोच्चि शिपयार्ड ने इनका निर्माण किया है, एक बीओपी की लागत 38 करोड़ रुपये है और इसका वजन लगभग 53000 मेट्रिक टन है, सभी आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षा उपकरणों से लैस इन बीओपी के अगले हिस्से को जवानों की सुरक्षा केलिए बुलेट प्रूफ बनाया गया है, साथही खाने-पीने की भरपूर चीजों की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहाकि यह बीओपी एक महीने तक पेट्रोल और डीजल लिए बगैर डीजी सेट केसाथ तैर सकती है। उन्होंने कहाकि सुंदरबन बहुत संवेदनशील क्षेत्र है, एक बीओपी केसाथ 6 छोटी बोट भी हैं, इसमें घुसपैठ और तस्करी दोनों को रोकने केलिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। गृहमंत्री ने कहाकि भारत ने हमेशा विश्वमें मानव अधिकारों की सुरक्षा पर बल दिया है, 1970 के दशक में जब हमारे पड़ोसी देशमें मानवाधिकारों का हनन हुआ और घोर अत्याचार किए गए, उस वक्त बीएसएफ और सेना दोनों ने मिलकर उस क्षेत्र में बड़ी वीरता से मानवाधिकारों की रक्षा की। अमित शाह ने कहाकि इस बात को 50 साल हो गए हैं और इस स्वर्ण जयंती वर्ष में इसकी एक चिरकालीन स्मृति बनाने केलिए यहां पर मैत्री संग्राहलय का निर्णय किया है।
गृहमंत्री ने कहाकि बीएसएफ़ की पोस्टिंग बहुत कठिन है, बॉर्डर क्षेत्र में काम करना सरल नहीं होता मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा यह प्रयास रहता हैकि बॉर्डर क्षेत्रमें काम करने वाले हमारे जवान को कम से कम कठिनाई हो, इसीलिए आरोग्य, हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेशों और परिवार केसाथ ज्यादा बिता पाए इस प्रकार की कार्यप्रणाली की रचना गई है, साथही हम पोस्टिंग वाली जगहों पर सुविधाओं में बढ़ोतरी करके उनकी तकलीफों को कम करने का लक्ष्य लेकर भी चले हैं। गृहमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि बीएसएफ में अब महिलाओं कीभी तैनाती होने लगी है, वे गर्व से पुरुषों केसाथ कंधे से कंधा मिलाकर मां भारती की रक्षा कर रही हैं। अमित शाह ने कहाकि महिलाओं केलिए अलग बैरक की रचना और उनकी सभी सुविधाओं का ख्याल रखने केलिए भारत सरकार ने एक पांच वर्षीय कार्यक्रम बनाया है। गृहमंत्री ने बीएसएफ जवानों से कहाकि वे अपने जीवन के जो स्वर्णिम वर्ष भारत माता की सेवा केलिए दे रहे हैं, इनका कोई मोल नहीं हो सकता। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक और शांतनु ठाकुर, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।