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Saturday 7 May 2022 02:14:41 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने ‘पूर्वोत्तर में गहन उग्रवाद को दूर करने केलिए आर्थिक विकास अपेक्षित है’ विषय पर असम राइफल्स के सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा हैकि यह सेमिनार देश के शिक्षाविदों केलिए एक साझा मंच प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण वार्षिक कार्यक्रम है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्रसे संबंधित रणनीतिक मुद्दों में योगदान करनेवाले समकालीन विषयों पर विचारों के आदान-प्रदान का व्यापक मंच है। गृह राज्यमंत्री ने कहाकि पिछली सरकारों में पूर्वोत्तर क्षेत्र की उपेक्षा की गई, क्योंकि देश के समग्र विकास को टुकड़ों में देखा गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण और कनेक्टिविटी में सुधार करके इस क्षेत्र की विशाल क्षमता को उजागर किया जा रहा है। गृह राज्यमंत्री ने कहाकि आज देश के विकास को एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना से देखा जा रहा है, विकास को अब देश की एकता और अखंडता का पर्याय माना जाता है।
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को न केवल राष्ट्र के समग्र विकास में योगदानकर्ता, बल्कि देश के बाकी हिस्सों केसाथ इस क्षेत्र को एकीकरण के रूपमें देखा है, साथही पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट हटाने का निर्णय इस क्षेत्रमें जागृत प्रबल विकास की संभावनाओं को उजागर करता है। नित्यानंद राय ने कहाकि गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में विभिन्न उग्रवादी संगठनों केसाथ वार्ता, राज्यों केसाथ मिलकर बैठकों आदि से पूर्वोत्तर की सुरक्षा स्थिति में व्यापक सुधार आया है और युवावर्ग तेजीसे विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहा है। गृह राज्यमंत्री ने कहाकि भारत सरकार एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत पूर्वोत्तर को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ने वाला एक आर्थिक केंद्र बनाने केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के विकास केलिए वर्ष 2014 से मार्च 2021 तक 2,65,513 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की है, जिसका परिणाम हम सबके सामने विकास के रूपमें दिखाई दे रहा है।
गृह राज्यमंत्री ने कहाकि उत्तर पूर्व समुदायों का अध्ययन इस क्षेत्र में रहने वाली विविध जनजातियों के समृद्ध इतिहास, जीवंत परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों की एक झलक प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहाकि पूर्वोत्तर में लगभग 145 आदिवासी समुदाय हैं, जो भारत की कुल जनजातीय आबादी का 12 प्रतिशत और पूर्वोत्तर की कुल आबादी का 26 प्रतिशत है, यह विविध जातीय संस्कृतियों, अलग-अलग भाषाओं, विविध परंपराओं और अद्वितीय आदिवासी पहचान क्षेत्र सम्मुख करने वाला एक विशाल मंच है। नित्यानंद राय ने कहाकि दशकों से विद्रोहिता की विचारधारा में सामाजिक मुद्दों से राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं, निर्विवाद सत्ता की भूख और मौद्रिक लाभ के अनुसार बदलाव आता गया है, क्षेत्र के भोले-भाले युवक छद्म राष्ट्रवाद और हथियार के दुष्चक्र में फंसते गए, नशीली दवाओं के खतरे केसाथ आर्थिक अभाव और नौकरी के अवसरों की कमी ने इस पीढ़ी को उग्रवाद के दलदल में और खींच लिया। उन्होंने कहाकि हिंसा और गलत विचारधाराओं से दूर करने केलिए व्यवस्था में सामाजिक और आर्थिक प्रोत्साहन के निर्माण की प्रथा एक अनिवार्य शर्त है, यह तभी हो सकता है, जब क्षेत्र का राजनैतिक माहौल और सुरक्षा की स्थिति, बेरोज़गार युवाओं केलिए पर्याप्त रोज़गार सृजित करने के उद्देश्य से एक सुविचारित और व्यापक आर्थिक एवं बुनियादी ढांचा विकास योजना के कार्यांवयन केलिए अनुकूल हो।
नित्यानंद राय ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर राज्यों में यह अनुकूलता आई है और इसके अच्छे परिणाम सामने हैं, शांति, रोज़गार और विकास के क्षेत्रमें काफ़ी प्रगति हुई है, बुनियादी ढांचे के विकास और आर्थिक विकास ने बेहतर कनेक्टिविटी के कारण समुदायों केलिए वित्तीय स्थिरता और संसाधनों के बंटवारे की शुरूआत की है, जिससे एक स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध क्षेत्र का निर्माण हो रहा है। गृह राज्यमंत्री ने कहाकि पूर्वोत्तर क्षेत्र में परिवहन, राजमार्ग, संचार, बिजली और जलमार्ग के विकास केलिए एक मजबूत राजनीतिक संकल्प और प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहाकि अब सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में है और लोगों को विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है। उन्होंने कहाकि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना से कार्यबद्ध होकर उत्तर पूर्व को एक आधुनिक विकास कीओर ले जाना हम सबका कर्तव्य है। नित्यानंद राय ने कहाकि 1835 में स्थापना के बादसे असम राइफल्स विकास में सहायक है और पूर्वोत्तर में सामान्य स्थिति बहाल करने में उसका बहुत बड़ा योगदान है, यह बल भारतीय सेना केसाथ कंधे से कंधा मिलाकर अतिउत्तम कार्य कर रहा है और इसने बहुत ही संवेदनशील परिस्थतियों को बड़ी आसानी से सुलझाने का सराहनीय काम किया है।
नित्यानंद राय ने कहाकि सरकार ने असम राइफल्स को नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साईकोट्रोपिक सब्सटांस एक्ट अधिनियम की शक्तियां प्रदान की हैं, यह एक सुविचारित निर्णय था नतीजन असम राइफल्स ने पिछले एक वर्ष में लगभग 1500 करोड़ रूपए के मादक पदार्थ एवं ड्रग्स जब्त किए हैं। गृह राज्यमंत्री ने कहाकि असम राइफल्स ने सरकार के वृक्षारोपण अभियान केतहत अबतक लगभग 31 लाख पेड़ लगाए हैं, जोकि गृह मंत्रालय के अधीन सभी बलों में सबसे अधिक है। देश को विश्वमें महाशक्ति बनाने की हमारी आकांक्षाओं को विश्वशांति और स्थिरता में योगदान से बल मिलता है। उन्होंने कहाकि हम बहुत लंबे समय से संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना में योगदान दे रहे हैं, लेकिन असम राइफल्स की राइफलवुमन टीम के इसमें जुड़ने से राष्ट्रों के समुदाय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में एक और सामाजिक एवं मानवीय आयाम जुड़ गया है। नित्यानंद राय ने कहाकि सरकार भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण केलिए कार्यबद्ध है और इसी अभियान केतहत असम राइफल्स ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए कई रैलियां आयोजित करके इन सैनिकों की कई क्षेत्रों में आने वाली बाधाओं को हल किया है। असम राइफल्स ने नेपाल में भी भूतपूर्व सैनिकों केलिए ईएसएम रैली का आयोजन किया। सेमिनार में असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।