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Wednesday 18 May 2022 04:18:07 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन एवं भारतीय नौसेना ने आज ओडिशा के समुद्र तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से नौसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए स्वदेशी रूपसे विकसित नौसैनिक एंटी-शिप मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। मिशन ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया। यह भारतीय नौसेना केलिए पहली स्वदेशी रूपसे विकसित हवा से लॉंच की जानेवाली एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है। मिसाइल वांछित समुद्री स्किमिंग प्रक्षेपवक्र का अनुसरण किया और नियंत्रण, मार्गदर्शन एवं मिशन एल्गोरिदम को मान्य करते हुए उच्च सटीकता केसाथ निर्दिष्ट लक्ष्य तक पहुंची। सभी उप-प्रणालियों ने संतोषजनक प्रदर्शन किया। परीक्षण रेंज और निकट प्रभाव बिंदु पर तैनात सेंसर ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र को ट्रैक किया और सभी घटनाओं को कैद किया।
एंटी-शिप मिसाइल में कई नई तकनीकों को शामिल किया गया है, जिसमें हेलीकॉप्टर केलिए स्वदेशी रूपसे विकसित लांचर भी शामिल है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नौसंचालन प्रणाली और एकीकृत वैमानिकी शामिल हैं। उड़ान परीक्षण को डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने गौर से देखा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस अवसर पर पहले विकासात्मक उड़ान परीक्षण केलिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और परीक्षण से संबंधित टीमों को बधाई दी है। उन्होंने कहाकि भारत ने मिसाइल प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास में उच्चस्तर की क्षमता हासिल कर ली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने मिशन के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक सिद्ध करने केलिए परियोजना टीम के प्रयास सराहे। उन्होंने परियोजना में मदद केलिए भारतीय नौसेना और नौसेना उड़ान परीक्षण स्क्वाड्रन की भी प्रशंसा की और कहाकि यह प्रणाली भारतीय नौसेना की आक्रामक क्षमता को और ज्यादा मजबूत करेगी।