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आईएनएस खंडेरी पर रक्षामंत्री की समुद्र यात्रा

पनडुब्बियों ने भारतीय नौसेना की जल के अंदर क्षमता और बढ़ाई

दुश्मन की पनडुब्बी रोधी कार्रवाई में जवाबी क्षमता प्रदर्शन देखा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 27 May 2022 06:50:46 PM

defense minister's sea voyage on ins khanderi

कारवाड़ (कर्नाटक) रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज कर्नाटक में कारवाड़ नौसेना बेस में भारतीय नौसेना के शक्तिशाली प्लेटफॉर्म में से एक आईएनएस खंडेरी पर समुद्र यात्रा की। रक्षामंत्री को अत्याधुनिक कावेरी क्लास की सबमरीन की युद्ध क्षमताओं और उसकी आक्रामक शक्ति की प्रत्यक्ष जानकारी दी गई। रक्षामंत्री को चार घंटे से अधिक समय तक स्टेल्थ सबमरीन के जल के अंदर के अभियानों की पूर्ण क्षमताओं को दिखाया गया। रक्षामंत्री ने कार्रवाई संबंधी अनेक अभ्यासों को देखा, जिनमें सबमरीन ने एडवांस्ड सेंसर सुइट, युद्ध प्रणाली तथा हथियार क्षमताओं को दिखाया, ये क्षमताएं उपसतह क्षेत्र में पनडुब्बी को अलग लाभ प्रदान करती हैं। समुद्री यात्रा में रक्षामंत्री को शत्रुरोधी पनडुब्बी कार्रवाई का जवाब देने में स्टेल्थ सबमरीन की क्षमताओं को भी दिखाया गया। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार तथा भारतीय नौसेना और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने समुद्री यात्रा केबाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए भारतीय नौसेना को आधुनिक, शक्तिशाली, विश्वसनीय, सतर्कता सक्षम, पराक्रमी और सभी स्थितियों में विजेता बल बताया। उन्होंने कहाकि आज भारतीय नौसेना की गणना विश्व की अग्रणी नौसेनाओं में की जाती है, विश्व की सबसे बड़ी समुद्री शक्तियां भारत केसाथ काम और सहयोग करने केलिए तैयार हैं। रक्षामंत्री ने आईएनएस खंडेरी को देश की ‘मेक इन इंडिया’ की क्षमताओं का ज्वलंत उदाहरण बताया। उन्होंने इस तथ्य की सराहना कीकि भारतीय नौसेना के आदेशित 41 में 39 जहाज या पनडुब्बी भारतीय शिपयाड में तैयार की जा रही हैं। उन्होंने कहाकि प्लेटफॉर्मों की संख्या और भारतीय नौसेना के लॉंच किए जाने की गति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को प्राप्त करने के संकल्प को मजबूत बनाया है। भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक ‘विक्रांत’ को कमीशन किए जाने के बारेमें राजनाथ सिंह ने कहाकि यह आईएनएस विक्रमादित्य केसाथ देश की समुद्री सुरक्षा को बढ़ाएगा।
रक्षामंत्री ने सबमरीन के चालक दल से बात की और चुनौतीपूर्ण वातावरण में संचालन केलिए उनकी सराहना की। उन्होंने उच्च तैयारी तथा समुद्री क्षेत्र में किसी खतरे से निपटने में आक्रामक क्षमता रखने केलिए भारतीय नौसेना की प्रंशसा की। ऑपरेशन सॉर्टी केसाथ पश्चिमी बेड़े के जहाजों की तैनाती, पी-81 एमपीए द्वारा एंटीसबमरीन मिशन सॉर्टी और सी-किंग हेलीकॉप्टर, मिग29-के युद्धक विमानों से फ्लाइपास्ट तथा खोज और बचाव क्षमता का प्रदर्शन भी था। रक्षामंत्री ने भारतीय नौसेना की तीन पक्षीय युद्ध क्षमता को प्रत्यक्ष रूपसे देखा। रक्षामंत्री ने सितंबर 2019 में आईएनएस विक्रमादित्य से यात्रा की थी और इस महीने के शुरू में पी-81 लॉन्ग रेंज मैरीटाइम रिकॉन्सेन्स एंटी सबमरीन युद्धक विमान की यात्रा की थी। प्रोजेक्ट 75 सबमरीन की दूसरी सबमरीन को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत मझगांव डॉक इंडिया लिमिटेड मुंबई में बनाया गया था।
रक्षामंत्री ने कहाकि भारतीय नौसेना की तैयारियां किसी आक्रमण केलिए उकसावा नहीं हैं, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की गारंटी हैं। रक्षामंत्री ने 28 सितंबर 2019 को आईएनएस खंडेरी को कमीशन किया था। स्कॉर्पीन सबमरीन अत्यधिक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म है, इसमें अत्याधुनिक गुप्त विशेषताएं हैं और लंबी दूरी के गाइडेड टोरपेडो तथा एंटीशिप मिसाइलों से लैस हैं। इन पनडुब्बियों में अत्याधुनिक सोनर तथा सेंसर सुइट लगे हुए हैं, जो असाधारण कार्रवाई क्षमता की अनुमति देते हैं। वर्तमान में इस इस श्रेणी की चार पनडुब्बियों का संचालन भारतीय नौसेना करती है। आशा हैकि वर्ष के अंत तक दो और पनडुब्बियां शामिल कर ली जाएंगी। इन पनडुब्बियों के शामिल किए जानेसे हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की जल के अंदर की क्षमता और भी ज्यादा बढ़ जाएगी।

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