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सत्ता पक्ष व विपक्ष में गरिमापूर्ण सौहार्द हो-राष्ट्रपति

'जनसेवा के दायरे में सभी नागरिक शामिल हैं, चाहे वोट दिया हो या नहीं'

राष्ट्रपति का यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों के विशेष सत्र में संबोधन

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Monday 6 June 2022 05:19:59 PM

president's address in the special session of both the houses of the up legislature

लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों के विशेष सत्र को संबोधित किया और कहा हैकि उन्हें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े राज्य के विधानमंडल के सदस्यों को संबोधित करते हुए बहुत प्रसन्नता है। राष्ट्रपति ने कहाकि विधायिका लोकतंत्र का मंदिर है और लोग जनप्रतिनिधियों को अपने भाग्य का निर्माता मानते हैं, उत्तर प्रदेश के लोगों को उनसे आशाएं हैं और उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना उनका सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है। उन्होंने कहाकि जनसेवा के दायरे में सभी नागरिक शामिल हैं, चाहे उन्होंने आपको वोट दिया हो या न दिया हो, इसलिए हर व्यक्ति के हित में कार्य करना आपकी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने सदस्यों को याद दिलायाकि शपथ के अनुसार वे अपने-अपने क्षेत्र को छोड़कर पूरे राज्य केलिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश केलिए काम करने केलिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास जतायाकि आप सबके अथक परिश्रम से उत्तर प्रदेश शीघ्र ही हर तरह से ‘उत्तम प्रदेश’ बनेगा और जब देश का सबसे बड़ा राज्य प्रगति के उत्तम मानकों को हासिल करेगा तो स्वतः ही पूरे देश के विकास को संबल प्राप्त होगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कहाकि उत्तर प्रदेश विधानमंडल के सत्ता पक्ष और विपक्ष केबीच सम्मानजनक सद्भाव का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है और जनप्रतिनिधियों को उत्तर प्रदेश की स्वस्थ राजनीतिक परंपरा को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहाकि लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की विचारधाराओं में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन दोनों पक्षों के बीच वैमनस्य नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि सदन में मौजूद जनप्रतिनिधि प्राचीन लोकतांत्रिक विरासत के वारिस हैं। उन्होंने कहाकि यूरोप के तीन महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक देश-जर्मनी, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम को मिलाकर जितनी कुल आबादी है, उतनी अकेले उत्तर प्रदेश की है। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और भौगोलिक विविधता यहां के लोकतंत्र को औरभी समृद्ध और मजबूत बनाती है। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ से अधिक की आबादी अनेकता में एकता की हमारी सांस्कृतिक विशेषता का बहुत अच्छा उदाहरण हमारे सामने प्रस्तुत करती है और इस महत्वपूर्ण राज्य में जनप्रतिनिधि के रूपमें निर्वाचित होना विशेष महत्व की बात है। राष्ट्रपति ने कहाकि बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर कहा करते थेकि हमने भारतीय लोकतंत्र के बीज पश्चिमी देशों से प्राप्त नहीं किए हैं, बल्कि यह भगवान गौतम बुद्ध के समय में गठित संघों के कामकाज में दिखाई देता है।
रामनाथ कोविंद ने कहाकि प्राचीनकाल मेंभी कौशाम्बी और श्रावस्ती में ऐसी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के उदाहरण थे, जिनकी चर्चा डॉ भीमराव आंबेडकर ने संविधान सभा में अपने भाषण में की थी। रामनाथ कोविंद ने कहाकि यह सभी जनप्रतिनिधियों केलिए गर्व की बात है, लेकिन साथही उनपर भगवान गौतम बुद्ध और डॉ भीमराव आंबेडकर के आदर्शों को आगे बढ़ाने का दायित्व भी है। राष्ट्रपति ने कहाकि वर्तमान विधानमंडल में समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व बहुत व्यापक हो गया है, जो सामाजिक समावेश की दृष्टि से एक अच्छी उपलब्धि है। राष्ट्रपति ने कहाकि उत्तर प्रदेश विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या 47 है, जो कुल 403 सदस्यों का लगभग 12 प्रतिशत है, इसी प्रकार उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के वर्तमान 91 सदस्यों में से महिलाओं की संख्या केवल पांच है, जो आज की स्थिति में लगभग 5.5 प्रतिशत है। उन्होंने कहाकि महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं, उत्तर प्रदेश ने स्वतंत्र भारत में पहली महिला मुख्यमंत्री के चुनाव केसाथ इतिहास रच दिया था, उस ऐतिहासिक घटना को महिला सशक्तिकरण के आरंभिक उदाहरण के रूपमें देखा जाना चाहिए और उत्तर प्रदेश को महिला सशक्तिकरण में अग्रणी राज्य बनना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहाकि इतिहास के हर दौर में उत्तर प्रदेश एक अग्रणी राज्य रहा है, भारत की संविधान सभा मेंभी सबसे अधिक प्रतिनिधि इसी राज्य से गए, यही नहीं यहां के प्रतिनिधियों का योगदान भी उच्चस्तरीय था, उन प्रतिनिधियों में पुरुषोत्तमदास टंडन, पंडित जवाहरलाल नेहरू, गोविंदवल्लभ पंत, हृदयनाथ कुंजरू, बीवी केसकर, पदमपत सिंघानिया, जॉन मथाई, हसरत मोहानी, कमला चौधरी, आचार्य जेबी कृपलानी, महावीर त्यागी, पूर्णिमा बैनर्जी तथा रफी अहमद किदवई जैसी अनेक प्रतिभाएं शामिल थीं। रामनाथ कोविंद ने कहाकि उत्तर प्रदेश विधानमंडल के जिन गलियारों में आप सभी जनप्रतिनिधियों का आना-जाना होता है, वहीं आप सबके यशस्वी पूर्ववर्ती आते-जाते थे, उन पूर्ववर्ती जनप्रतिनिधियों में आजादी के पहले वर्ष 1937 तथा 1946 में गठित दोनों विधानसभाओं के अध्यक्ष राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन, गोविंदवल्लभ पंत, डॉ सम्पूर्णानंद, सुचेता कृपलानी, चंद्रभानु गुप्त, चौधरी चरण सिंह, कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायणदत्त तिवारी, विश्वनाथ प्रताप सिंह तथा कल्याण सिंह विभूतियां शामिल हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस क्रम में मुलायम सिंह यादव और मायावती की भूमिकाओं को भी उल्लेखनीय बताया, जिन्होंने वर्षों तक इस राज्य को कुशल नेतृत्व प्रदान किया और जिनका राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रव्यापी राजनीति के संदर्भ में उत्तर प्रदेश केलिए इससे बढ़कर गर्व की बात क्या हो सकती हैकि इस राज्य से लोकसभा केलिए निर्वाचित सांसदों में से 9 प्रधानमंत्रियों ने अबतक देश को नेतृत्व प्रदान किया है, जवाहरलाल नेहरू के रूपमें देश को पहला प्रधानमंत्री तथा इंदिरा गांधी के रूपमें प्रथम महिला प्रधानमंत्री देने का गौरव भी उत्तर प्रदेश को ही जाता है। राष्ट्रपति ने कहाकि आदर्शों पर आधारित राजनीति एवं जनसेवा के प्रतीक दो पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री और अटल बिहारी वाजपेयी भी उत्तर प्रदेश से सांसद चुने गए थे तथा चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथप्रताप सिंह और चंद्रशेखर ने सिद्धांतों पर आधारित राजनीति के प्रभावी उदाहरण प्रस्तुत किए हैं, राजीव गांधी भी उत्तर प्रदेश से ही सांसद बने एवं प्रधानमंत्री चुने गए। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी को अपने गृहनगर की तरह अपनाया है तथा देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के चहुंमुखी विकास को नए आयाम प्रदान किए हैं।
रामनाथ कोविंद ने कहाकि अपनी विचारधाराओं तथा नैतिक आदर्शों से उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश की राजनीतिक एवं सामाजिक सोच पर अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले डॉ राममनोहर लोहिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय उत्तर प्रदेश की ऐसी विभूतियां हैं, जिनके जीवन-चरित से प्रत्येक जनप्रतिनिधि को बहुत कुछ सीखना चाहिए, इन्होंने अपनी विचारधाराओं से केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, अपितु व्यापक स्तर पर राजनीतिक संस्कृति को परिभाषित किया। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत में खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है, इसी तरह यह आम, आलू, गन्ना और दूध के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। राष्ट्रपति ने कहाकि हाल के वर्ष में राज्य में सड़क, रेल और हवाई संपर्क में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, उत्तर प्रदेश के प्रतिभाशाली युवा दूसरे राज्यों और विदेशों में आर्थिक प्रगति के मानदंड स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि राज्य में पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी और शहरी विकास की अपार संभावनाएं हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि उत्तर प्रदेश में उपजाऊ भूमि और कृषि केलिए अनुकूल प्राकृतिक परिस्थितियों को देखते हुए कृषि में उत्पादन केसाथ-साथ उत्पादकता और कृषि आधारित उद्यमों पर अधिक ध्यान केंद्रित करके राज्य की आर्थिक स्थिति में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, इस उत्सव का एक उद्देश्य हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण करना है, जिन्हें अक्सर भुला दिया जाता है और जिनके बारेमें सभी नागरिकों, विशेषकर युवा पीढ़ी को पता होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि उत्तर प्रदेश में ऐसे कई अज्ञात और गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं, जिनके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों के बारेमें अधिक जानकारी के प्रसार से भी लोगों में जागरुकता बढ़ेगी। उन्होंने कहाकि स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में शिक्षण संस्थानों में व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया जा सकता है। रामनाथ कोविंद ने कहाकि अन्य माध्यमों सेभी लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों की जीवन गाथाओं से अवगत कराया जा सकता है। इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, विधानसभा एवं विधानपरिषद के अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

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