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Friday 24 June 2022 04:16:43 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय नौसेना ने कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल लॉंच मिसाइल का आज ओडिशा तट स्थित चांदीपुर समेकित परीक्षण रेंज से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। यह परीक्षण भारतीय नौसैनिक पोत से किया गया। वीएल-एसआरएसएएम पोत पर तैनात की जानेवाली हथियार प्रणाली है, जो समुद्र स्किमिंग लक्ष्यों सहित सीमित दूरी के विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर कर सकती है। इस प्रणाली का प्रक्षेपण एक उच्चगति वाले हवाई लक्ष्य के प्रतिरूपी विमान के खिलाफ सफलतापूर्वक किया गया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और उद्योग को सफल उड़ान परीक्षण केलिए बधाई देते हुए कहा हैकि इस प्रणाली के रूपमें एक ऐसे हथियार को शामिल किया गया है, जो हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा क्षमता को और बढ़ाएगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने वीएल-एसआरएसएएम के सफल उड़ान परीक्षण केलिए नौसेना और डीआरडीओ की सराहना की और कहाकि इस स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के विकास से भारतीय नौसेना की रक्षात्मक क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने सफल उड़ान परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना की।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने कहाकि परीक्षण ने भारतीय नौसेना के पोतों पर स्वदेशी हथियार प्रणाली के एकीकरण को साबित कर दिया है। उन्होंने कहाकि यह भारतीय नौसेना के बल को बढ़ाने वाला साबित होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण की दिशा में एक और मील का पत्थर है। आईटीआर चांदीपुर में तैनात कई ट्रैकिंग उपकरणों का उपयोग करते हुए और हेल्थ पैरामीटर का ध्यान रखते हुए वाहन के उड़ान पथ की निगरानी की गई। परीक्षण प्रक्षेपण की निगरानी डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने की।