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Tuesday 5 July 2022 12:03:21 PM
विशाखापत्तनम। इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन 324 को पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता की उपस्थिति में आईएनएस डेगा विशाखापत्तनम में प्रभावशाली कमीशनिंग समारोह में भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है। यह यूनिट पूर्वी समुद्र तट पर स्वदेशी रूपसे डिजाइन और निर्मित उन्नत हल्के हेलीकाप्टर एमके III हेलीकाप्टरों का संचालन करने वाली नौसेना की पहली स्क्वाड्रन है। आईएनएएस 324 को 'केस्ट्रेल्स' नाम दिया गया है, जो शिकारी पक्षी हैं और इनमें अच्छी संवेदी क्षमताएं हैं, जो एयरक्राफ्ट एवं इस एयर स्क्वाड्रन की इच्छित भूमिका का प्रतीक हैं।
स्क्वाड्रन का प्रतीक चिन्ह एक 'केस्ट्रेल' को दर्शाता है, जो विशाल नीली और सफेद समुद्री लहरों पर खोज कर रहा है, जो इस स्क्वाड्रन की अभिन्न समुद्री टोही तथा खोजबीन एवं बचाव भूमिका को दर्शाता है। एएलएच एमके III हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं, इनमें आधुनिक निगरानी रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर शामिल हैं। इन फ्लाइंग मशीनों को शामिल किया जाना भारत सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के अनुरूप है, क्योंकि इन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने विकसित एवं निर्मित किया है। समुद्री टोही तथा खोजबीन एवं बचाव की अपनी मुख्य भूमिकाओं के अलावा इन हेलीकॉप्टरों को मानवीय सहायता एवं आपदा राहत संचालन के साथ-साथ समुद्री कमांडो केसाथ स्पेशल ऑपरेशन्स के लिए भी तैनात किया जा सकता है।
एएलएच एमके III हेलीकॉप्टर में गंभीर रूपसे बीमार रोगियों की चिकित्सा संबंधी निकासी की सुविधा केलिए एयर एम्बुलेंस भूमिका में उपयोग केलिए एक हवाई चिकित्सा गहन देखभाल इकाई भी है। वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता ने इस अवसर पर कहाकि पूर्वी नौसेना कमान में पहली एएलएच एमके III स्क्वाड्रन के चालू होने से पूर्वी समुद्र तट पर निगरानी क्षमता में वृद्धि होगी। आईएनएएस 324 की कमान कमांडर एसएस डैश ने संभाली है, जो सैन्य अभियान के अपने व्यापक अनुभव केसाथ एक कुशल और अत्यधिक अनुभवी एएलएच क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं।