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Friday 8 July 2022 05:34:24 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज एक कार्यक्रम में जानकारी देते हुए बताया हैकि खेल विभाग की खिलाड़ियों केलिए अधिक अनुकूल, उपयोग में आसान और पारदर्शी बनाने की दृष्टि से अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं एवं उनके प्रशिक्षकों केलिए नकद पुरस्कार योजना, खिलाड़ियों केलिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष और मेधावी खिलाड़ी पेंशन योजना में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। अनुराग ठाकुर ने नागरिकों को सशक्त बनाने तथा सरकार एवं नागरिकों केबीच की खाई को कम करने, प्रणाली और सुविधाओं, समस्याओं के समाधानों केसाथ-साथ न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम के रूपमें इस पहल की सराहना की।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बतायाकि इन संशोधित योजनाओं से रिकॉर्ड समय में खिलाड़ियों को लाभ देने केलिए अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी। अनुराग ठाकुर ने कहाकि अब कोईभी खिलाड़ी अपनी पात्रता के अनुसार तीनों योजनाओं केलिए सीधे आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहाकि पहले खेल संघों एवं भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त भेजे जाते थे, जो प्रस्तावों को प्रस्तुत करने में काफी समय लेते थे, कभी-कभी प्रस्ताव को स्वीकृत करने में 1-2 वर्ष से अधिक समय लग जाता था। अनुराग ठाकुर ने कहाकि नकद पुरस्कार की समय पर प्रस्तुति और बाद में अनुमोदन सुनिश्चित करने केलिए आवेदक को अब विशेष आयोजन के समापन की अंतिम तिथि से छह महीने के भीतर नकद पुरस्कार योजना केलिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
खेल मंत्री ने कहाकि इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने केलिए तीनों योजनाओं में सत्यापन प्रक्रिया को काफी हद तक आसान कर दिया गया है, डेफलिम्पिक्स के एथलीटों को भी पेंशन का लाभ दिया गया है। उन्होंने कहाकि खेल विभाग ने इन योजनाओं में उपरोक्त सुविधाओं को लागू करने केलिए खेल विभाग की योजनाओं केतहत लाभ लेने केलिए आवेदन करने में खिलाड़ियों की सुविधा केलिए वेबपोर्टल विकसित किया है। उन्होंने कहाकि यह ऑनलाइन पोर्टल खिलाड़ियों के आवेदनों के वास्तविक समय का पता लगाने और उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए वन टाइम पासवर्ड के माध्यम से प्रमाणीकरण की सुविधा प्रदान करेगा। खेलमंत्री ने कहाकि आवेदकों को मंत्रालय को व्यक्तिगत रूपसे आवेदन जमा करने की आवश्यकता अब नहीं होगी, पोर्टल को डीबीटी-एमआईएस केसाथ जोड़ दिया गया है, जो भारत सरकार के डीबीटी मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने केलिए खिलाड़ियों को सीधे उनके बैंक खातों में धन के हस्तांतरण को संभव बनाएगा।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहाकि पोर्टल न केवल समयबद्ध तरीके से सभी आवेदनों के त्वरित निपटान में विभाग की मदद करेगा, बल्कि इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की आवश्यक रिपोर्ट और खिलाड़ियों के डेटा प्रबंधन केलिए भी किया जाएगा। उन्होंने कहाकि खिलाड़ियों की आवश्यकता एवं प्रचलित परिदृश्यों के अनुरूप समय-समय पर ऑनलाइन पोर्टल को और उन्नत किया जाएगा। खेलमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डालाकि राष्ट्रीय खेल विकास कोष देश में खेलों के प्रचार और विकास केलिए केंद्र व राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों और व्यक्तियों आदि के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के माध्यम से प्राप्त योगदान पर आधारित है। उन्होंने वेबपोर्टल dbtyas-sports.gov.in और राष्ट्रीय खेल विकास कोष वेबसाइट nsdf.yas.gov.in की भी शुरूआत की है।
अनुराग ठाकुर ने बतायाकि पोर्टल के माध्यम से अब खिलाड़ी, खेल सुविधाओं और खेल आयोजनों केलिए व्यक्तिगत, संस्था और कॉर्पोरेट संगठन सीधे योगदान कर सकते हैं। एनएसडीएफ कोष का उपयोग लक्ष्य ओलंपिक पोडियम (टीओपी) योजना, प्रख्यात खिलाड़ियों और खेल संगठनों द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास आदि केलिए किया जाता है। उन्होंने कहाकि यह समर्पित वेबसाइट न केवल खिलाड़ियों, को बल्कि सीएसआर केलिए योगदानकर्ताओं को भी आसान और पारदर्शी पहुंच प्रदान करेगी, यह वेबसाइट देश में खेलों के विकास केलिए एनएसडीएफ को बड़ी सफलता दिलाने में हमारी मदद करेगी।