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Friday 15 July 2022 02:02:58 PM
हल्द्वानी। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने हल्द्वानी में भूतपूर्व सैनिकों केलिए एक आउटरीच कार्यक्रम में भाग लिया, जिसका आयोजन भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग रक्षा मंत्रालय ने आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूपमें किया था। एक दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम में रक्षा राज्यमंत्री ने वीडियो लिंक से उत्तराखंड राज्य के विकासनगर, रायवाला और पौड़ी गढ़वाल में ईसीएचएस पॉलिटेक्निक भवनों की आधारशिला रखी और ईएसएम एवं उनके आश्रितों को 64-केबी ईसीएचएस स्मार्ट कार्ड सौंपे। उन्होंने ईएसएम को नौकरीपत्र भी वितरित किए। इस अवसर पर अजय भट्ट ने निकटवर्ती क्षेत्रों के भूतपूर्व सैनिकों की एक रैली को भी संबोधित किया।
रक्षा राज्यमंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण केलिए हर संभव कदम सुनिश्चित करने केलिए सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहाकि इस देश के नागरिक सशस्त्र सेना की वीरता के कारण अपने को सुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने आश्वासन दियाकि सरकार अपने सेवानिवृत एवं अनुभवी समुदाय के कल्याण और भलाई को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। रक्षा राज्यमंत्री ने कहाकि मातृभूमि केलिए सशस्त्र सेना के समर्पण और बलिदान की पर्याप्त रूपमें भरपाई नहीं की जा सकती है, हालांकि सरकार सभी परिस्थितियों में भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण केलिए प्रतिबद्ध है। अजय भट्ट ने कहाकि सरकार ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ केतहत 50,000 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पेंशन योजना को जारी रखने केलिए प्रतिबद्ध हैं।
भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण केलिए सरकार के उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने तथ्य को रेखांकित कियाकि भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की पेंशन संबंधी शिकायतों के त्वरित निवारण केलिए एक विशेष रक्षा पेंशन शिकायत निवारण पोर्टल शुरू किया गया है। रक्षा राज्यमंत्री ने बतायाकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 1,84,198 भूतपूर्व सैनिकों एवं आश्रितों को वित्तीय सहायता के रूपमें 398.18 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई। उन्होंने कहाकि दिव्यांगों केलिए संशोधित स्कूटर की खरीद, किरकी एवं मोहाली में स्ट्रोक पुनर्वास केंद्र और युद्ध स्मारक छात्रावासों केलिए अनुदान के रूपमें 1.71 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष केलिए 320 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान किए जाने का उल्लेख करते हुए रक्षा राज्यमंत्री ने बतायाकि कुल 7,583 आवेदकों केलिए शिक्षा अनुदान के रूपमें 284 करोड़ रुपये की धनराशि और विवाह अनुदान के रूपमें 36 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।
कुष्ठ रोगियों, मानसिक रूपसे अस्वस्थ रोगियों एवं अन्य गंभीर रोग के पीड़ितों और टीबी रोगियों की देखभाल करने वाले चेशायर होम्स केबारे में अजय भट्ट ने कहाकि केंद्रीय सैनिक बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2021 से नई दिल्ली तथा लखनऊ चेशायर होम और देहरादून के राफेल राइडर इंटरनेशनल चेशायर होम को दी जानेवाली प्रति निवासी वार्षिक अनुदान राशि को 9,000 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया है। रक्षा राज्यमंत्री ने कहाकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 15,957 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत 53.24 करोड़ रुपये की कुल धनराशि प्रदान की गई। उन्होंने कहाकि वित्तीय वर्ष 2019-20 से लड़कों के लिए छात्रवृत्ति राशि को 24,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये प्रतिवर्ष और लड़कियों केलिए छात्रवृत्ति राशि को 27,000 रुपये से बढ़ाकर 36,000 रुपये प्रतिवर्ष कर दी गई है। रक्षा राज्यमंत्री ने ईएसएम के पुनर्वास का उल्लेख करते हुए कहाकि वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान पुनर्वास महानिदेशालय के जरिए कुल 32,209 भूतपूर्व सैनिकों का पुनर्वास किया गया है।
रक्षा राज्यमंत्री ने कहाकि इस संख्या में वे ईएसएम भी शामिल हैं, जो पहले डीजीआर के माध्यम से भी कार्यरत थे और जिनके अनुबंध अप्रैल 2021 से नवीनीकृत किए गए हैं, इसके अलावा वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान डीजीआर द्वारा कुल 10,871 ईएसएम को नई नौकरियां दी गईं। उन्होंने कहाकि आनेवाले वर्ष में इस संख्या को और बढ़ाने की योजना है। ईएसएम केलिए स्वास्थ्य सुविधाओं के मुद्दे पर अजय भट्ट ने कहाकि ईसीएचएस पॉलीक्लिनिकों में संविदा कर्मचारियों के रोज़गार से संबंधित नियमों को अंशकालिक आधार पर डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती केलिए संशोधित किया गया है, ताकि इन ग्रेड में पूर्णकालिक कर्मचारियों की गैर-उपलब्धता के कारण पैदा होनेवाली कमी को पूरा किया जा सके। रक्षा राज्यमंत्री ने दोहरायाकि हमारी सरकार अपने भूतपूर्व सैनिकों को उच्चतम गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्ध है। रक्षा राज्यमंत्री ने जानकारी दीकि सरकार ने अनुपलब्ध दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों की खुले बाजार से खरीद की समय अवधि को भुगतान के आधार पर 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन करने का निर्णय लिया है।
अजय भट्ट ने कहाकि कैंसर की दवाओं की खरीद केलिए अधिकतम राशि भी 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। सचिव ईएसडब्ल्यू बी आनंद ने कहाकि ये आउटरीच कार्यक्रम समग्र सरकार वाले दृष्टिकोण के विज़न पर आधारित है, इसमें केंद्रीय सैनिक बोर्ड, पुनर्वास महानिदेशालय केसाथ भूतपूर्व सैनिकों के विभाग की दी जाने वाली सेवाएं और भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना, रक्षा लेखा महानियंत्रक, लोकल कमांड फॉर्मेशन और राज्य सरकार राज्य सैनिक बोर्ड, जिला सैनिक बोर्ड और जिला प्रशासन की दी जानेवाली सेवाओं को प्रदर्शित किया गया और हल्द्वानी के पास स्थानीय क्षेत्रों में रहने वाले भूतपूर्व सैनिकों की उनसे संबंधित शिकायतों का निवारण किया गया है। सचिव ईएसडब्ल्यू ने कहाकि उत्तराखंड में लगभग 1.34 लाख ईएसएम हैं और ये उन शीर्ष 5 राज्यों में शामिल है, जहां 100 में से प्रत्येक 1 व्यक्ति ईएसएम है। उन्होंने कहाकि आनेवाले दिनों में इस तरह के आउटरीच कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किए जाएंगे।
आउटरीच कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में ईएसएम एवं आश्रितों केलिए चिकित्सा शिविर, रक्षा पेंशन समाधान आयोजन और स्पर्श आउटरीच, ईएसएम, विधवाओं, उनके आश्रितों के कल्याण एवं पुनर्वास योजनाओं के स्टॉल, ईएसएम, उनके आश्रितों केलिए शिक्षा एवं विवाह अनुदान एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं का वितरण, भूतपूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों, उनके आश्रितों केसाथ बातचीत और स्थानीय प्रशासन संबंधी समस्याओं केलिए शिकायत डेस्क प्रमुख थे। आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन रक्षा मंत्रालय के सचिव भूतपूर्व सैनिक कल्याण के नेतृत्व में एक टीम ने किया था। कार्यक्रम का समन्वय क्षेत्रीय सैनिक बोर्ड उत्तराखंड के सहयोग से सचिव केंद्रीय सैनिक बोर्ड ने किया था।