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Friday 22 July 2022 03:40:22 PM
नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन केबीच द्विपक्षीय सहयोग के रोडमैप में शिक्षा एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में दोनों पक्ष शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता केबारे में सहमत होकर शैक्षिक संबंधों के विस्तार केलिए राजी हुए हैं। भारत और ब्रिटेन ने उच्च शिक्षा संस्थानों केबीच छात्रों की आवाजाही और शैक्षणिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता से संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग के स्थायी सचिव जेम्स बॉलर और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय में सचिव उच्च शिक्षा के संजय मूर्ति ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
गौरतलब हैकि मई 2021 में भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों केबीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों केबीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने केलिए 2030 तक का एक व्यापक रोडमैप अपनाया गया था। दोनों पक्ष एक नई संवर्धित व्यापारिक साझेदारी पर भी सहमत हुए थे। यह करार दोनों देशों केबीच द्विपक्षीय शैक्षिक संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि इससे छात्रों की आवाजाही आसान होगी और मजबूत संस्थागत सहयोग विकसित करने में मदद मिलेगी, साथ ही दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों केबीच शैक्षणिक एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग का दायरा व्यापक होगा। भारत सरकार शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण, जोकि एनईपी 2020 केतहत ध्यान दिए जानेवाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से दूसरे देशों केसाथ अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को अनुमति प्रदान करने केलिए कई कदम उठा रही है।