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Saturday 17 September 2022 03:36:49 PM
हैदराबाद। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज तेलंगाना में 75वें हैदराबाद मुक्ति दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और कहाकि हम देशके शहीदों को श्रद्धांजलि देने केलिए आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं एवं हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाना भी निश्चित रूपसे जारी रहेगा। अमित शाह ने भारत के इतिहास को बताते हुए कहाकि 15 अगस्त 1947 के दिन पूरा देश आज़ादी का उत्सव मना रहा था, लेकिन हैदराबाद को आज़ादी नसीब नहीं हुई थी, तेरह महीने तक निज़ाम के अन्याय और अत्याचारों को ये क्षेत्र सहन करता रहा और उसके बाद जब लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने पुलिस एक्शन लिया, तब तेलंगाना स्वतंत्र हुआ था। गृहमंत्री ने कहाकि सरदार वल्लभभाई पटेल ने ऑपरेशन पोलो का निर्णय कई कठिनाइयों के बावजूद लिया और इस क्षेत्र को आज़ाद कराकर अखंड भारत के स्वप्न को पूरा किया, वे सरदारजी ही थे, जिन्होंने निज़ाम की सेना को पुलिस एक्शन से परास्त करके इस पूरे क्षेत्रको आज़ादी की सांस लेने का अधिकार दिया था।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि इस आज़ादी केलिए कोमाराम भीम, रामजी गोंड, स्वामी रामानंदतीर्थ, एम चिन्नारेड्डी, नरसिम्हा राव, शाइक बंदगी, केवी नरसिम्हा राव, विद्याधर गुरु और पंडित केशवराव कोरटकर जैसे अनगिनत महापुरुषों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। उन्होंने कहाकि हम श्रद्धापूर्वक अनाभेरी प्रभाकरी राव, बद्दम येल्ला रेड्डी, रविनारायण रेड्डी, बुरुगुला रामकृष्ण राव, कलोजी नारायण राव, दिगंबरराव बिंदु, वामनराव नाइक, आ. कृ. वाघमारे, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बी रामकृष्ण राव को याद करते हैं, जिन्होंने निजाम के अन्याय और अत्याचारों के विरुद्ध विद्रोह की लौ जलाई। गृहमंत्री ने कल्याण कर्नाटक के कई नेताओं को नमन किया, जिन्होंने निजाम और रजकार सेना के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष किया, इनमें बीदर के पूर्व सांसद रामचंद्र वीरप्पा, जेवर्गी के सरदार शारंगौडा पाटिल, रायचूर केएम नागप्पा, शिवकुमारस्वामी अलवंडी, जो बादमें कोप्पल से लोकसभा सदस्य बने, कनकगिरी के जयतीर्थ राजपुरोहित, यादगीर के कोलुर मल्लप्पा, कराटागी के बेनकाल भीमासेनराव और भी कई लोग शामिल हैं।
गृहमंत्री ने कहाकि इस क्षेत्रके लोगों की मांग थीकि हैदराबाद मुक्ति दिवस को सरकारी तौरपर मनाया जाए, लेकिन दुर्भाग्य की बात हैकि 75 साल मेभी जिन्होंने यहां शासन किया, उन्होंने वोटबैंक की राजनीति के कारण हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का साहस नहीं किया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के लोगों के मन की भावना समझते हुए हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का निर्णय लिया। अमित शाह ने कहाकि हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का उद्देश्य इस मुक्ति संग्राम के इतिहास और जाने-अनजाने शहीदों की गाथाओं को युवा पीढ़ी के मन में पुनर्जीवित करके उनके मन में देशभक्ति की लौ जगाना है और इससे हमारी नई पीढ़ी में देशभक्ति की भावना पुनर्जीवित होगी। अमित शाह ने सरदार पपन्ना गौड़, तुर्रेबाज़ खान, अलाउद्दीन, भाग्य रेड्डी वर्मा, पंडित नरेंद्र आर्य, वंदेमातरम रामचंद्र राव, शोयबुल्ला खान, मोगिलिया गौड़, डोड्डी कोमारैया, चकली इलम्मा केप्रति भी कृतज्ञता व्यक्त की। गृहमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों नारायण राव पवार, जगदीश आर्य और गंदैया आर्य को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने निज़ाम के सुरक्षा बलों का मुक़ाबला करते हुए सर्वोच्च बहादुरी का प्रदर्शन किया।
गृहमंत्री ने 15 अगस्त 1947 को उस्मानिया विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले देशभक्तों को भी नमन, जिन्हें निजाम की सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने कहाकि कई संगठनों ने आज़ादी की इस जंगमें अपना योगदान दिया था, चाहे आर्य समाज, हिंदू महासभा का भागानगर सत्याग्रह हो या फिर उस्मानिया यूनिवर्सिटी में छेड़ा गया वन्दे मातरम आन्दोलन हो, गांधीजी की स्थापित हैदराबाद स्टेट कांग्रेस और बीदर क्षेत्र के किसानों के उस समय के संघर्ष के लोकगीत आज भी गाए जाते हैं। गृहमंत्री ने कहाकि आजही के दिन 1948 में तेलंगाना, मराठवाड़ा और कल्याण कर्नाटक स्वतंत्र हुए और 13 से 17 सितंबर 1948 में 109 घंटे के संघर्ष में अनेक वीर यहां शहीद हुए। उन्होंने कहाकि निज़ाम और उसके रजाकारों ने कई प्रकार के कठोर क़ानून लगाकर, असहनीय अन्याय और महिलाओं केसाथ दुर्व्यवहार करके तीनों राज्यों की जनता को कुचलने का प्रयास किया था, इन कुकृत्यों और अत्याचारों के ख़िलाफ़ हमारे लोगों ने आंदोलन किया था और अंततोगत्वा हम विजयी हुए। अमित शाह ने कहाकि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देशको सुरक्षित और विकसित किया है, भारतीय और भारतीयता को उच्चतम शिखर पर बिठाने केलिए बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय गृह सचिव और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।