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Friday 23 September 2022 01:44:16 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय कैडेट कोर और संयुक्तराष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे से निपटने और 'पुनीत सागर अभियान' और 'टाइड टर्नर्स प्लास्टिक चैलेंज प्रोग्राम' के माध्यम से स्वच्छ जल निकायों का सार्वभौमिक लक्ष्य हासिल करने केलिए एक समझौता किया है। एनसीसी और यूएनईपी केबीच समझौता ज्ञापन का उद्देश्य स्वच्छ जल निकायों को बढ़ावा देने केलिए युवाओं को शामिल करने की दिशामें प्रयास करना और तालमेल बिठाना है। इसका उद्देश्य सूचना साझा करने और प्रशिक्षण पहल से क्षमता निर्माण और पर्यावरणीय स्थिरता पर जागरुकता पैदा करना है। एनसीसी कैडेट्स केलिए पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित उपयुक्त राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों में भाग लेने के अवसरों को बढ़ावा देना एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित पारस्परिक इरादे की संयुक्त पहल में शामिल होना है। तीन साल की अवधि तक लागू किए जानेवाले समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पर्यावरण के क्षेत्रमें सामान्य उद्देश्यों को प्राप्त करने केलिए उनके सहयोग और प्रभावशीलता को मजबूत करना, विकसित करना और विस्तृत करना है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह और रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम बिशो परजुली ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। पुनीत सागर अभियान को सबसे अच्छी पहलों में से एक बताते हुए रक्षा सचिव ने अभियान को सफल बनाने में एनसीसी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विश्वास जतायाकि वे इस अभियान को एक जनआंदोलन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहाकि 15 लाख एनसीसी कैडेटों केपास दुनियाभर के युवाओं की सोच को प्रभावित करने की क्षमता है। डॉ अजय कुमार ने अभियान केलिए एनसीसी को अपना समर्थन देने केलिए यूएनईपी को धन्यवाद देते हुए कहाकि भविष्य की पीढ़ियों केलिए एक लंबा और स्वस्थ जीवन जीने केलिए पर्यावरण की रक्षा करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। पुनीत सागर अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने केलिए सरकार की पहलों में से एक है, जिसे उन्होंने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में 26वें संयुक्तराष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप-26 के दौरान 'पंचामृत' के रूपमें बताया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर से 13 नवंबर 2021 केबीच पांच अमृत तत्वों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत के अभूतपूर्व योगदान के रूपमें पेश किया था, यह तत्व हैं-भारत 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगा वॉट तक ले जाएगा, भारत 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से पूरा करेगा, भारत अबसे 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी करेगा, वर्ष 2030 तक भारत अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 45 प्रतिशत से अधिक कम कर देगा और 2070 तक भारत नेट जीरो का लक्ष्य हासिल कर लेगा। एनसीसी ने 1 दिसंबर 2021 को स्वच्छता के महत्व के बारेमें जागरुकता को प्रोत्साहन देते हुए प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थों से समुद्र तटों को साफ करने केलिए एक राष्ट्रव्यापी प्रमुख अभियान 'पुनीत सागर अभियान' शुरू किया था, जो शुरू में एक महीने केलिए था, बादमें इसको नदियों और अन्य जल निकायों को भी कवर करने केलिए वर्षभर चलने वाले अखिल भारतीय अभियान के रूपमें विस्तारित कर दिया गया। विश्व के सबसे बड़े वर्दीधारी युवा संगठन एनसीसी ने अपने कैडेटों को प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थ एकत्र करने केलिए प्रेरित किया है।
पुनीत सागर अभियान ने जबरदस्त गति, स्वीकृति और भागीदारी प्राप्त की है। पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल, सैनिक स्कूल सोसाइटी, सेना कल्याण शिक्षा सोसाइटी, सीमा सड़क संगठन और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सहित विभिन्न मंत्रालयों और संगठनों ने अभियान में एनसीसी को अपना समर्थन प्रदान किया है। अभियान के शुभारंभ केबाद से 12 लाख से अधिक एनसीसी कैडेटों, पूर्व छात्रों और स्वयंसेवकों ने लगभग 1,900 स्थानों से 100 टन से अधिक प्लास्टिक कचरा एकत्र किया है, जिससे 1.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। एकत्र किएगए लगभग 100 टन प्लास्टिक कचरे में से 60 टन से अधिक को पुनर्चक्रण केलिए सौंप दिया गया है। अभियान के बढ़ते समर्थन और सफलता केबाद अपने 'टाइड टर्नर चैलेंज प्रोग्राम' से इस पहल में लगे यूएनईपी ने युवा संगठन की ताकत का लाभ उठाने के उद्देश्य से एनसीसी केसाथ हाथ मिलाने का फैसला किया। प्लास्टिक प्रदूषण सहित पर्यावरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों के समाधान केलिए संयुक्तराष्ट्र निकाय केपास जनादेश और ज्ञान है और युवाओं को अभियान से जोड़ने केलिए एक कार्यक्रम है। इस अवसर पर रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और यूएनईपी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।