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Saturday 24 September 2022 01:11:46 PM
नई दिल्ली। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने कहा हैकि लोग लंबे समय से यह कहते रहे हैंकि भारत शक्ति और कद के हिसाब से नहीं बोलता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने केसाथ भारत अब एक ताकत बन गया है और भारत की आवाज़ सभी सुनते हैं। वेंकैया नायडु ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर केसाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनिंदा भाषणों के संग्रह 'सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास' पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक विभिन्न विषयों पर मई 2019 से मई 2020 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 86 भाषणों का संकलन है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह पुस्तक राष्ट्र के समक्ष मौजूद चुनौतियों को समझने और उनसे निपटने केलिए किए जा रहे ठोस प्रयासों की समझ को व्यापक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। उन्होंने कहाकि मौजूदा सरकार पूर्णत: तत्व ज्ञान के तहत काम कर रही है 'सर्वे जन सुखिनो भवंतु'।
वेंकैया नायडु ने कहाकि अच्छी योजनाएं पहले भी शुरू की गई हैं, लेकिन केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व करते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैंकि सभी कार्यक्रम निर्धारित समयसीमा और लक्ष्यों का पालन करें, वे स्वयं कमान संभाले हैं और निरंतर निगरानी एवं संभावित वितरण सुनिश्चित करते हैं। वेंकैया नायडु ने कहाकि अपने असाधारण संवाद कौशल के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशके सभी लोगों से समान रूपसे जुड़ते हैं। उन्होंने उस समय को याद किया जब करोड़ों बैंक खाते खोलने के सपने का पूरा होना कठिन लगता था, लेकिन उनके कुशल नेतृत्व में इस लक्ष्य को बहुत जल्दही प्राप्त कर लिया गया। उन्होंने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। वेंकैया नायडु ने कहाकि इसने लोगों को बिचौलियों की बेड़ियों से मुक्त कराया और कल्याणकारी उपायों की अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित की। उन्होंने कहाकि पहले की योजनाओं को या तो सरकार या राजनीतिक के रूपमें पहचाना जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को समझ गए थेकि एक लक्ष्य की प्राप्ति लोगों की भागीदारी पर निर्भर करती है, इसी तरह उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान की परिकल्पना एक जनआंदोलन के रूपमें की थी। प्रकाशन विभाग निदेशालय ने विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया था।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहाकि यह पुस्तक एक साझे धागे से संचालित है और वह है-हाशिए के वर्ग और महिला सशक्तिकरण केलिए प्रधानमंत्री की चिंता। उन्होंने इस बात को रेखांकित कियाकि शौचालयों की उपलब्धता और जल की कनेक्टिविटी के दोहरे मुद्दों केलिए बहुत लंबे समय से तत्काल सरकारी प्रयासों की आवश्यकता थी, लेकिन कई सरकारें आने और उनके जानेके बावजूद यह पीछे छूटा हुआ ही था, यह केवल मौजूदा सरकार है, जिसने शुरू से ही इस मिशन को युद्धस्तर पर शुरू किया। तीन तलाक पर उन्होंने कहाकि सदियों से पनप रही इस बुराई से छुटकारा दिलाना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, ये बहुत निराशाजनक थाकि विवाहित मुस्लिम महिलाएं लगातार तलाक के खतरे में जीती थीं। आरिफ मोहम्मद खान ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मुस्लिम महिलाओं को हिंदू महिलाओं के समान अधिकार न दिला पाने को अपनी सबसे बड़ी विफलता मानने से जुड़े एक किस्से को याद करते हुए कहाकि इस ऐतिहासिक निर्णय का असर कई वर्षों बाद महसूस किया जाएगा, जब राजनीतिक एवं सामाजिक विचारक इस निर्णय का विश्लेषण करेंगे और तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिम महिलाओं के उद्धारक के रूपमें याद किया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये श्रेय दियाकि उन्होंने सब बाधाओं और विरोधों का मुकाबला किया एवं इस वादे को पूरा किया।
आरिफ मोहम्मद खान ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले देशका विकास केवल सरकार और उसकी नौकरशाही की जिम्मेदारी थी, हालांकि अब उन्होंने ये सुनिश्चित किया हैकि देशका विकास जनभागीदारी का एक कार्यक्रम बने, जहां देशके लोग इस प्रक्रिया और इसके नतीजों में समान रूपसे भागीदार बनें और इसी ने सच्चे लोकतंत्र की अवधारणा को साकार किया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पुस्तक के बारेमें कहाकि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 86 भाषणों को 10 अध्यायों में संकलित किया गया है और ये जटिल सामाजिक मुद्दों को लेकर उनकी गहरी समझ और स्पष्ट विजन को दिखलाती है। उन्होंने कहाकि ये संकलन भविष्य के इतिहासकारों केलिए बहुत उपयोगी होगा। उन्होंने कहाकि इन भाषणों में हम जटिल राष्ट्रीय मुद्दों पर उनके विचार और उनके नेतृत्व को देख सकते हैं, जिसका परिणाम ऐसी कार्रवाइयों के रूपमें सामने आयाकि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूपमें आज खड़ा है, इन कार्यों के साथ-साथ उनकी सेवा करने की भावना और बिचौलियों से मुक्त, अंतिम छोर तक डिलीवरी सुनिश्चित करने के उनके जुनून के कारण लोगों में उनके प्रति अटूट विश्वास पैदा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीवन के हर क्षेत्र के लोगों से जुड़ने की अदभुत क्षमता का श्रेय देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहाकि छात्रों से महिलाओं तक, किसानों से सीमापर तैनात सैनिकों तक, खिलाड़ियों से कारोबारियों तक कोईभी व्यक्ति जो प्रधानमंत्री की बात सुनता है वो उनके भाषणों केसाथ एक जुड़ाव महसूस कर सकता है और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षणों ने उनको दुनिया का सबसे पसंदीदा प्रधानमंत्री बताया है, दुनिया के ताकतवर नेताओं ने यह विस्तार से बतलाया हैकि नरेंद्र मोदी होने के मायने आखिर क्या हैं? अनुराग ठाकुर ने कहाकि पुस्तक में विदेश संबंधों पर उनके भाषण, अर्थव्यवस्था पर उनके चिंतन और काशी विश्वनाथ धाम, केदारनाथ धाम, अयोध्या, देवघर आदि में हमारी सांस्कृतिक विरासत की बहाली केलिए उनके विचार शामिल हैं। उन्होंने कहाकि यह पुस्तक पाठक को भारत के पर्यावरण और हरित भारत के निर्माण केलिए उठाए गए कदमों, विभिन्न मंत्रालयों की उपलब्धियों, फिटनेस, योग और खेल को मुख्य धारा में लाने, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों, कृषि और कृषि-व्यवसाय, रोजगार, ग्रामोदय से राष्ट्रोदय तक, आत्मनिर्भर बनने की भारत की यात्रा के बारेमें उनके विचारों से अवगत कराएगी।
पुस्तक विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारेमें नरेंद्र मोदी के विचारों का विश्वकोश है, इसमें पाठकों को ऐतिहासिक अवसरों जैसेकि राज्यसभा का 250वां सत्र, एसोचैम के 100 साल पूरे होने पर दिया गया भाषण, 8 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर दिएगए भाषण पढ़ने को मिलेंगे। राष्ट्रके नाम उनका संबोधन, कोविड के संबंध में 19 मार्च 2020 को राष्ट्रको दिया गया संदेश, फिट इंडिया मूवमेंट के शुभारंभ पर दिया गया संबोधन, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले केबाद राष्ट्रके नाम उनका संदेश आदि भी इस पुस्तक में शामिल हैं। अनुराग ठाकुर ने कहाकि पुस्तक में विभिन्न राजनीतिक नेताओं की भयावह भविष्यवाणियों का जवाब है, जिन्होंने कहा थाकि अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर भारत का अस्तित्व नहीं बचेगा और एकभी व्यक्ति कश्मीर में भारतीय तिरंगा नहीं फहराएगा, आज हर घर तिरंगा अभियान को कश्मीर में उतनीही सफलता मिली है, जितनी देशके अन्य हिस्सों में और कश्मीर मेंभी अभूतपूर्व विकास देखने को मिल रहा है। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, प्रकाशन विभाग की महानिदेशक मोनिदीपा मुखर्जी और मंत्रालय की विभिन्न मीडिया इकाइयों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास पुस्तक मई 2019 से लेकर मई 2020 के दौरान विभिन्न विषयों पर दिए गए प्रधानमंत्री के 86 भाषणों पर केंद्रित है। दस विषयगत क्षेत्रों में वर्गीकृत ये भाषण प्रधानमंत्री के नए भारत के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। पुस्तक के सुव्यवस्थित खंडों में शामिल हैं-आत्मनिर्भर भारत: अर्थव्यवस्था, लोग-प्रथम पर शासन, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई, उभरता भारत: विदेश नीति, जय किसान, टेक इंडिया-न्यू इंडिया, ग्रीन इंडिया-रेसिलिएंट इंडिया-क्लीन इंडिया, फिट इंडिया-एफिशिएंट इंडिया, एटरनल इंडिया-मॉडर्न इंडिया: कल्चरल हेरिटेज और मन की बात। पुस्तक प्रधानमंत्री के एक ऐसे नए भारत के दृष्टिकोण को चित्रित करती है, जो आत्मनिर्भर, सुदृढ़ और चुनौतियों को अवसरों में बदलने में सक्षम है। प्रधानमंत्री अपनी असाधारण वक्तृत्वशैली के जरिए जनता से जुड़ने की उत्कृष्ट संवाद क्षमताओं केसाथ नेतृत्व कौशल, दूरदर्शी सोच और दूरंदेशी का समावेश करते हैं। उनके व्यक्तित्व की यही विशेषता पुस्तक में परिलक्षित होती है। पुस्तक का अंग्रेजी एवं हिंदी संस्करण प्रकाशन विभाग के बिक्री केंद्रों और नई दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सूचना भवन के बुक्स गैलरी में उपलब्ध है। इन पुस्तकों को प्रकाशन विभाग की वेबसाइट केसाथ भारतकोश प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। ई-किताबें अमेज़न और गूगल प्ले पर भी उपलब्ध हैं।