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Tuesday 27 September 2022 12:59:16 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने धार्मिक समुदायों के खिलाफ हेट स्पीच और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने वाले 10 यूट्यूब चैनलों के 45 यूट्यूब वीडियो ब्लॉक करने का निर्देश यूट्यूब को दिया है। खुफिया एजेंसियों की जानकारी के आधार पर इन संबंधित वीडियो को ब्लॉक करने के आदेश 23 सितंबर को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम-2021 के प्रावधानों केतहत जारी किएगए थे। इन ब्लॉक वीडियो को 1 करोड़ 30 लाख से अधिक बार देखा गया था। इनकी विषयवस्तु में धार्मिक समुदायों केबीच नफरत फैलाने के इरादे से फैलाई गई फर्जी खबरें और मॉर्फ्ड वीडियो शामिल थे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस कार्रवाई पर कहा हैकि 10 यूट्यूब चैनलों को देशके खिलाफ जहर उगलने वाले, भ्रामक खबरों के माध्यम से मित्र देशोंके साथ सम्बंधों को ख़राब करने का प्रयास करने केलिए प्रतिबंध लगाकर उन्हें सस्पेंड कर दिया है और राष्ट्रहित में ये पहले भी किया है, आगे भी करेंगे। भारत सरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों एवं सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करने के किसीभी प्रयास को विफल करने केलिए प्रतिबद्ध है। ब्लॉक यूट्यूब वीडियो में ऐसे झूंठे दावे शामिल हैंकि सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकारों को छीन लिया है, धार्मिक समुदायों के खिलाफ हिंसक धमकियां दी गई हैं, भारतमें गृहयुद्ध की घोषणा हो गई है आदि। ऐसे वीडियो में देशमें सांप्रदायिक वैमनस्य और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने की क्षमता पाई गई।
ब्लॉक यूट्यूब वीडियो का उपयोग अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर आदि से संबंधित मुद्दों पर दुष्प्रचार फैलाने केलिए किया जा रहा था। इनकी विषयवस्तु को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मुल्कों केसाथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिहाज से गलत और संवेदनशील पाया गया। ब्लॉक यूट्यूब वीडियो में भारतीय क्षेत्र के बाहर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों से लगी भारत की बाहरी सीमा को गलत तरीके से दर्शाया गया है। इस तरहकी नक्शों, ग्राफिक्स से जुड़ी गलत बयानी को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता केलिए हानिकारक पाया गया है। ब्लॉक विषयवस्तु भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी मुल्कों केसाथ भारतके मैत्रीपूर्ण संबंधों और देशमें सार्वजनिक व्यवस्था केलिए हानिकारक है, इसीलिए संबंधित विषयवस्तु को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 की धारा 69ए के दायरे में शामिल किया गया है।