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Saturday 1 October 2022 04:43:42 PM
जम्मू। पीएमओ और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि 'सिर्फ सरकारी नौकरी ही' की मानसिकता स्टार्टअप संस्कृति केलिए बाधा उत्पन्न कर रही है, विशेष रूपसे उत्तर भारत केलिए। डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भविष्य का विजन स्टार्टअप केलिए श्रेय दिया और कहाकि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में 'स्टार्टअप इंडिया स्टैंड अप इंडिया' का आह्वान किया था, जिससे लोगों में जागरुकता आई और जिसके परिणामस्वरूप भारतमें स्टार्टअप की संख्या 2022 में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न केसाथ 77,000 से ज्यादा हो गई है, जो 2014 में केवल 350 थी एवं भारत ने स्टार्टअप की दुनिया में तीसरी रैंकिंग भी प्राप्त की है।
जम्मू में कृषि, अरोमा, डेयरी, फार्मा, आईटी, कंप्यूटर और संचार क्षेत्रों को कवर करते हुए अपनी तरह के पहले स्टार्टअप एक्सपो के उद्घाटन पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि स्टार्टअप संस्कृति अभीतक दक्षिण भारतीय राज्यों की तुलना में उत्तर भारतीय राज्यों के युवाओं और उद्यमियों की कल्पना से संबद्ध नहीं हो सकी है, जिसने वैश्विकस्तर पर मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की एक श्रृंखला बनाते हुए शानदार बढ़त हासिल की है। कार्मिक राज्यमंत्री ने कहाकि कई युवा उद्यमियों के कुछ अनुकरणीय कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना बहुतही महत्वपूर्ण है, जिन्होंने अपने स्टार्टअप को शुरू करने केलिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आकर्षक नौकरियों को छोड़ा है, क्योंकि उनको भविष्य में इस क्षेत्र में ज्यादा संभावनएं नज़र आ रही हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि जम्मू-कश्मीर में स्टार्टअप अभियान अपेक्षाकृत धीमा रहा है, भलेही भारतमें 'पर्पल रिवोल्यूशन' का जन्म जम्मू-कश्मीर में ही हुआ था और जम्मू-कश्मीर भव्य अरोमा अभियान का जन्मस्थल भी रहा है।
कार्मिक राज्यमंत्री ने आशा व्यक्त कीकि डेयरी और फार्मा क्षेत्रोंके अलावा विभिन्न कृषि आधारित स्टार्टअप के सफलता की कहानियों के माध्यम से इसके सकारात्मक प्रभावों को महसूस किया जाएगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों को भारतमें स्टार्टअप का बूम लाने वाली जगहों के रूपमें रेखांकित किया और कहाकि 5जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, सेमीकंडक्टर, ब्लॉक, हरित ऊर्जा और अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके इनोवेटर्स, इन्क्यूबेटर्स और उद्यमी अपनी वैश्विक पहचान बना रहे हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि उनके नेतृत्व में विभिन्न मंत्रालय और विभाग स्टार्टअप उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने केलिए वित्तीय सहायता केसाथ तकनीकी सहायता और सुविधाएं दोनों उपलब्ध कराते हुए आकर्षक योगदान दे रहे हैं, जिसमें आजीविका का एक आकर्षक अवसर भी मौजूद है। राज्यमंत्री ने कहाकि लेकिन दुर्भाग्यवश विशेष रूपसे इस क्षेत्र के लोग और कई संभावित लाभार्थी इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, क्योंकि उनमें जागरुकता की कमी है, हालांकि सभी जानकारी वेबसाइटों और पोर्टलों पर उपलब्ध है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने मीडिया से आग्रह कियाकि वह युवाओं को इस ओर लाने की कोशिश करें और उनका मार्गदर्शन करने केलिए सप्ताह में कम से कम एक बार स्टार्टअप की सफलता की कहानियां प्रस्तुत करें। कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का बहुतही महत्वपूर्ण स्तंभ है, क्योंकि भारत की 54 प्रतिशत आबादी पूर्ण रूपसे इसपर निर्भर है और यह सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 20 प्रतिशत है। उन्होंने कहाकि सीएसआईआर की जम्मू-कश्मीर में ‘अरोमा मिशन ऑफ लैवेंडर’ नामक अभियान के माध्यम से खेती को बढ़ावा देने वाली सफलता की कहानी को अन्य राज्यों मेंभी लागू किए जाने की आवश्यकता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि कुछ वर्ष में देशमें कृषि-तकनीकी स्टार्टअप की एक नई लहर सामने आई है और ये स्टार्टअप आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, शीतलन और प्रशीतन, बीज प्रबंधन एवं वितरण से संबंधित समस्याओं का समाधान कर रहे हैं, इसके अलावा किसानों को बाजारों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंचने में मदद भी कर रहे हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि फसल मूल्यांकन को बढ़ावा देने, भूमि रिकॉर्ड को डिजिटलीकृत करने, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव को बढ़ावा देने केलिए किसान ड्रोन को बड़े पैमाने पर अपनाया जा सकता है। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए इजरायल, चीन और अमेरिका जैसे देशों ने अपने यहां कृषि प्रथाओं को रूपांतरित कर दिया है। एक्सपो में शामिल होनेवाले कुछ प्रमुख स्टार्टअप हैं-अनमोल शक्ति फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, फेरमेंटेक लैब्स प्रां लिमिटेड, मरीन गेट इनक्यूबेशन सेंटर (मैजिक), वृंदा एग्रीफार्म टेक्नोलॉजीज, वैनिक्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अरोमा, भद्रवाह, अर्बन एयर लैब्स, पहाड़ी अमृत, आहूजा इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, जेनेटिको रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक्स, स्कैनपॉइंट जियोमैटिक्स लिमिटेड, पैराडॉक्स सोनिक स्पेस रिसर्च एसोसिएशन (पीएसएसआर इंडिया), सेंगाथली बायोफाइबर प्राइवेट लिमिटेड, अर्थटेक रिन्यूएबल्स एलएलपी, किडौरा इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, वर्डेंट इम्पैक्ट प्राइवेट लिमिटेड पहले इसका नाम स्टार्सकिल कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड था, साइंटेक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, हिमालयन एसेंशियल ऑयल प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, एसआरएनएएस ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड, जेके अरोमा लिमिटेड, गियर टेक्नोलॉजीज, यूब्रीथ, एस्पल कैन प्राइवेट लिमिटेड, सूरज श्रीकेमिकल्स, साहिल एपियरीज एंड बीहाइव प्रोडक्ट्स, कश्मीर ट्राउट, युक्तिका बायोटेक, रुद्र शक्ति जड़ी बूटी प्राइवेट लिमिटेड आदि।