स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत की दुनिया केसाथ कदमताल-प्रधानमंत्री

इंडिया मोबाइल कांग्रेस में प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक संबोधन

नरेंद्र मोदी ने किया भारत में 5जी सेवाओं का शुभारंभ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 1 October 2022 06:11:59 PM

pm launch of 5g services

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत में 5जी सेवाओं का शुभारंभ कर दिया है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में छठी इंडिया मोबाइल कांग्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहाकि आज 21वीं सदीके विकसित होते भारत के सामर्थ्य को देखने और उसके प्रदर्शन का एक विशेष दिवस है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज का शिखर सम्मेलन भलेही वैश्विक हो, किंतु इसके प्रभाव और निर्देश स्थानीय हैं। उन्होंने कहाकि आज देशकी ओरसे देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओरसे 130 करोड़ भारतवासियों को 5जी के तौरपर एक शानदार उपहार मिल रहा है, 5जी देश के द्वार पर नए दौर की दस्तक है, यह अवसरों के अनंत आकाश की शुरुआत है। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहाकि 5जी के लॉंच एवं प्रौद्योगिकी की शुरुआत में ग्रामीण क्षेत्र और कामगार समान भागीदार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि नया भारत टेक्नॉलजी का सिर्फ कंज्यूमर बनकर नहीं रहेगा, बल्कि भारत उस टेक्नोलॉजी के विकास में, उसके इंप्लीमेंटेशन में एक्टिव भूमिका निभाएगा, भविष्य की वायरलेस टेक्नोलॉजी को डिजाइन करने में, उससे जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग में भारत की बड़ी भूमिका होगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि 2जी, 3जी, 4जी के समय भारत टेक्नोलॉजी केलिए दूसरे देशोंपर निर्भर रहा, लेकिन 5जी केसाथ भारत ने नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहाकि 5जी केसाथ भारत पहलीबार टेलीकॉम टेक्नोलॉजी में ग्लोबल स्टैंडर्ड तय कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि डिजिटल इंडिया की बात करते हैं तो कुछ लोग समझते हैं ये सिर्फ एक सरकारी योजना है, लेकिन डिजिटल इंडिया सिर्फ एक नाम नहीं है, ये देशके विकास का बहुत बड़ा विजन है, इसका लक्ष्य है उस टेक्नोलॉजी को आम लोगों तक पहुंचाना, जो लोगों के, लिए काम करे, लोगों केसाथ जुड़कर काम करे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए बतायाकि उन्होंने 4 पिलर्स पर चार दिशाओं में एकसाथ फोकस किया है, पहला डिवाइस की कीमत, दूसरा डिजिटल कनेक्टिविटी, तीसरा डेटा की कीमत, चौथा और सबसे जरूरी डिजिटल फर्स्ट की सोच। पहले पिलर के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि आत्मनिर्भरता के माध्यम सेही उपकरणों की कम लागत हो सकती है। उन्होंने कहाकि आठ साल पहले तक भारतमें केवल दो मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं, ये संख्या अब 200 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि 2014 में जीरो मोबाइल फोन निर्यात करने से लेकर आज हम हजारों करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात करने वाले देश बन चुके हैं, स्वाभाविक है इन सारे प्रयासों का प्रभाव डिवाइस की कीमत पर पड़ा है, अब कम कीमत पर हमें ज्यादा फीचर्स भी मिलने लगे हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी के दूसरे पिलर के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि इंटरनेट उपयोगकर्ता 2014 में 6 करोड़ थे, जो अब बढ़कर 80 करोड़ हो गए हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि 2014 में 100 सेभी कम पंचायत ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े थे, किंतु अब इनकी संख्या बढ़कर 1.7 लाख पंचायतों तक पहुंच गई है। उन्होंने कहाकि जैसे सरकार ने घर-घर बिजली पहुंचाने की मुहिम शुरू की, हर घर जल अभियान के जरिए हर किसी तक साफ पानी पहुंचाने के मिशन पर काम किया, उज्‍ज्‍वला योजना के जरिए गरीब से गरीब आदमी के घर मेभी गैस सिलेंडर पहुंचाया, वैसेही हमारी सरकार इंटरनेट फॉर ऑल के लक्ष्य पर काम कर रही है। तीसरे पिलर डेटा की लागत के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि उद्योग को कई प्रोत्साहन दिए गए थे और 4जी जैसी तकनीकों को नीतिगत समर्थन प्राप्त हुआ था, इससे डेटा की कीमत में कमी आई और देश में डेटा क्रांति की शुरुआत हुई। उन्होंने कहाकि इन तीन पिलरों ने हर जगह अपना कई गुना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया। चौथे स्तंभ यानी डिजिटल फर्स्ट के बारेमें प्रधानमंत्री ने उस समय को याद करते हुए कहाकि एक वक्त था, जब इलीट क्लास के कुछ मुट्ठीभर लोग गरीब लोगों की क्षमता पर संदेह करते थे, उन्हें शक थाकि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्हें देशके सामान्य मानवी की समझ, उसके विवेक, उसके जिज्ञासु मन पर हमेशा भरोसा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्होंने हमेशा देशके गरीबों को नई तकनीक अपनाने केलिए तैयार पाया। डिजिटल भुगतान के क्षेत्रमें सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट का रास्ता आसान बनाया, ऐप के जरिए सिटिजन सेंट्रिक डिलीवरी सर्विस को बढ़ावा दिया, बात चाहे किसानों की हो या छोटे दुकानदारों की, हमने उन्हें ऐप के जरिए रोज की जरूरतें पूरी करने का रास्ता दिया। उन्होंने महामारी के दौरान डीबीटी, शिक्षा, टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवाओं और वर्क फ्रॉम होम की निर्बाध निरंतरता को याद किया, जब कई देशों को इन सेवाओं को जारी रखना मुश्किल हो रहा था। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज हमारे छोटे व्यापारी हों, छोटे उद्यमी हों, लोकल कलाकार और कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है, बाजार दिया है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज आप किसी लोकल मार्केट में या सब्जी मंडी में जाकर देखिए रेहड़ी-पटरी वाला छोटा दुकानदार भी आपसे कहेगा, कैश नहीं यूपीआई कर दीजिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह दिखाता हैकि जब कोई सुविधा उपलब्ध होती है तो सोच भी बढ़ जाती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब सरकार साफ नीयत से काम करती है तो नागरिकों के इरादे भी बदल जाते हैं। उन्होंने कहाकि 2 जी और 5 जी के इरादे (नियात) में यह महत्वपूर्ण अंतर है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे देशमें डेटा की लागत दुनिया में सबसे कम है, यह 300 रुपये प्रति जीबी से घटकर करीब 10 रुपये प्रति जीबी हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारी सरकार के प्रयासों से भारत में डेटा की कीमत बहुत कम बनी हुई है, ये बात अलग है कि हमने इसका हल्ला नहीं मचाया, बड़े-बड़े विज्ञापन नहीं दिए। उन्होंने कहाकि हमने फोकस कियाकि कैसे देश के लोगों की सहूलियत बढ़े, ईज ऑफ लिविंग बढ़े। उन्होंने कहाकि भारत को पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों से भलेही लाभ न हुआ हो, लेकिन मुझे विश्वास हैकि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति का पूरा लाभ उठाएगा और वास्तव में इसका नेतृत्व करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहाकि 5जी तकनीक का इस्तेमाल तेज इंटरनेट एक्सेस तक सीमित नहीं होगा, बल्कि यह लोगों की जिंदगी बदलने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहाकि हम अपने जीवनकाल में प्रौद्योगिकी के वादों को साकार होते देखेंगे। नरेंद्र मोदी ने दूरसंचार उद्योग संघ के दिग्गजों से देश के स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करने और इस नई तकनीक के हर पहलू को उजागर करने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण केलिए स्पेयर पार्ट्स तैयार करने केलिए एमएसएमई केलिए एक सक्षम इकोसिस्टम बनाने केलिए भी कहा। उन्होंने कहाकि देशमें क्रांति लाने केलिए 5जी तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग पर प्रकाश डाला जोकि नई शुरू की गई ड्रोन नीति के बाद संभव हुआ है। उन्होंने बतायाकि कई किसानों ने ड्रोन उड़ाना सीख लिया है और खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करने केलिए उनका उपयोग करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने सभी को आश्वासन दियाकि भविष्य का भारत आगामी प्रौद्योगिकी क्षेत्रमें दुनिया का मार्गदर्शन करेगा और भारत को विश्वगुरु बनाएगा।
भारत में 5जी सेवाओं के शुभारंभ पर उद्योगजगत के दिग्गजों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के विजन को प्रेरित करने केलिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि सरकार के प्रत्येक कार्य और नीति को भारत को लक्ष्य की ओर ले जाने केलिए कुशलता से तैयार किया गया है। उन्होंने कहाकि भारत के 5जी युग में तेजीसे आगे बढ़ने केलिए उठाए गए कदम हमारे प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प का सशक्त प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने शिक्षा और जलवायु जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 5जी की संभावनाओं के बारेमें बताया। मुकेश अंबानी ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की प्रतिष्ठा, प्रोफाइल और शक्ति को वैश्विक स्तरपर इतना बढ़ाया है, जितना पहले कभी नहीं और आजकी तेजीसे बदलती दुनिया में एक पुनरुत्थानशील भारत को शीर्ष पर चढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।
भारती इंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहाकि 5जी का शुभारंभ एक नए युग की शुरुआत है और चूंकि यह आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान हो रहा है, इसलिए यह इसे और भी खास बनाता है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से देशमें नई ऊर्जा का संचार होगा और हम भाग्यशाली हैंकि हमारे पास नरेंद्र मोदी के रूपमें एक ऐसा नेता है, जो तकनीक को बहुत बारीकी से समझता है और देश के विकास केलिए बेजोड़ तरीके से उसका इस्तेमाल सुनिश्चित करता है।सुनील भारती मित्तल ने कहाकि यह विशेष रूपसे हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों केलिए एक वृहद अवसर खोलेगा। उन्होंने आधारभूत संरचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रमें गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के समय से लेकर प्रधानमंत्री की पहल को याद किया। उन्होंने कहाकि महामारी के दौरान गांवों और घरों तक यातायात सीमित हो गया था, किंतु देशकी धड़कन एक पल केलिए भी नहीं रुकी, इसका श्रेय डिजिटल विजन को जाता है।
सुनील भारती मित्तल ने मेक इन इंडिया के विजन की दृढ़ता और उपलब्धि कीभी सराहना की। उन्होंने कहाकि डिजिटल इंडिया केसाथ प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप इंडिया अभियान कोभी आगे बढ़ाया और जल्द ही भारतमें यूनिकॉर्न की संख्‍या में वृद्धि होने लगी। उन्होंने कहाकि 5जी के आगमन के बाद मुझे विश्वास हैकि भारत विश्व में कई और यूनिकॉर्न जोड़ेगा। आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने 5जी के आगमन को एक परिवर्तनकारी घटना बताया, जो वैश्विक मंच पर भारत के कौशल को साबित करती है और भारत के विकास के आधार के रूपमें दूरसंचार प्रौद्योगिकी की भूमिका सुनिश्चित करती है। उन्होंने प्रौद्योगिकी क्षेत्रमें एक पीढ़ीगत छलांग केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व केलिए धन्यवाद दिया, जिसके परिणामस्वरूप भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने महामारी के दौरान दूरसंचार उद्योग का समर्थन करने और उद्योग में पथ-प्रदर्शक दूरसंचार सुधारों केलिए प्रधानमंत्री को उनकी प्रेरणादायक भूमिका केलिए भी धन्यवाद दिया।
कुमार मंगलम बिड़ला ने कहाकि 5जी का शुभारंभ भारत केलिए एक रोमांचक यात्रा की शुरुआत है। उन्होंने कहाकि हम आनेवाले वर्ष में 5जी विकास और इस्तेमाल के मामलों केलिए असीमित संभावनाएं देखेंगे। देश के तीन प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों ने भारत में 5जी तकनीक की क्षमता दिखाने केलिए प्रधानमंत्री के सामने एक-एक यूज केस का प्रदर्शन किया। रिलायंस जियो ने मुंबई के एक स्कूल के एक शिक्षक को महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा में तीन अलग-अलग स्थानों के छात्रों से जोड़ा, इसने प्रदर्शित कियाकि कैसे 5जी शिक्षकों को छात्रों के करीब लाकर, उनके बीच की भौतिक दूरी को मिटाकर शिक्षा की सुविधा प्रदान करेगा। इसने स्क्रीन पर ऑगमेंटेड रियलिटी की शक्ति का प्रदर्शन किया और यह भी दिखायाकि कैसे एआर डिवाइस की आवश्यकता के बिना देशभर में बच्चों को दूरस्थ रूपसे पढ़ाने केलिए इसका उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में ज्ञानज्योति सावित्रीबाई फुले स्कूल रायगढ़ महाराष्ट्र के छात्रों से बातचीत की। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में रोपडा प्राइमरी स्कूल गांधीनगर गुजरात के छात्र जुड़े।
प्रधानमंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उपस्थिति में एसएलएस मेमोरियल स्कूल मयूरभंज ओडिशा के छात्रों सेभी बातचीत की। धीरूभाई अंबानी इंटर स्कूल बीकेसी मुंबई के अभिमन्यु बसु ने भी 5जी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को प्रदर्शित किया। प्रधानमंत्री ने शिक्षा में प्रौद्योगिकी के प्रति छात्रों के उत्साह के बारेमें बताया। लेखक अमीश त्रिपाठी ने इस हिस्सेकी शुरुआत की। वोडाफोन आइडिया परीक्षण मामले ने डायस पर यह दर्शायाकि कैसे सुरंग के डिजिटल ट्विन के निर्माण के माध्यम से दिल्ली मेट्रो की एक निर्माणाधीन सुरंग में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। डिजिटल ट्विन दूरस्थ स्थान से तत्काल श्रमिकों को सुरक्षा अलर्ट देने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने वीआर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके तत्काल काम की निगरानी केलिए डायस से लाइव डेमो लिया। प्रधानमंत्री ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना की उपस्थिति में दिल्ली मेट्रो टनल द्वारका नई दिल्ली में कार्यरत रिंकू कुमार से बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी को अपनाने केलिए उपयोगकर्ताओं के आवश्यक अनुभव और शिक्षण की स्थिति के बारेमें पूछताछ की। उन्होंने कहाकि सुरक्षा केप्रति श्रमिकों का विश्वास नई तकनीक का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने देशके विकास में योगदान केलिए भारत के श्रमिकों की सराहना की। एयरटेल डेमो में उत्तर प्रदेश के दनकौर के छात्रों ने वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी की मदद से सौरमंडल के बारेमें जानने केलिए एक जीवंत और इमर्सिव शिक्षण को प्रदर्शित किया। छात्रा खुशी ने होलोग्राम के माध्यम से मंच पर शिक्षण के अपने अनुभव को प्रधानमंत्री केसाथ साझा किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर वाराणसी से जुड़े। प्रधानमंत्री ने पूछाकि क्या वीआर शिक्षण के अनुभव ने उन्हें अवधारणाओं को व्यापक रूपसे समझने में मदद की है। छात्रा ने कहाकि इस अनुभव केबाद उसका रुझान नई चीजें सीखने की ओर ज्यादा है। इस अवसर पर आईएमसी प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय संचार राज्यमंत्री देवुसिंह चौहान और दूरसंचार विभाग के सचिव के राजारमन इस अवसर पर उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]