स्वतंत्र आवाज़
word map

जम्मू में 861 करोड़ से बनेगा सिविल एन्क्लेव

जम्मू व कश्मीर में हवाई संपर्क का एक नया अध्याय शुरू-सिंधिया

'हेलीकॉप्टर फॉर लास्ट माइल कनेक्टिविटी' पर हेली-इंडिया समिट

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 11 October 2022 01:27:06 PM

heli-india summit on helicopter for last mile connectivity

जम्मू। नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने 'हेलीकॉप्टर फॉर लास्ट माइल कनेक्टिविटी' विषय पर शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉंफ्रेंस सेंटर श्रीनगर में चौथी हेली-इंडिया समिट-2022 में कहाकि जम्मू में 861 करोड़ रुपये की लागत से एक सिविल एन्क्लेव बनाया जाएगा और श्रीनगर के वर्तमान टर्मिनल का तीन गुना विस्तार 20,000 वर्ग मीटर से 60,000 वर्ग मीटर तक 1500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। उन्होंने कहाकि जम्मू-कश्मीर में एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर वैट 26.5 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे यहां ईंधन भरने में 360 प्रतिशत की वृद्धि केसाथ हवाई संपर्क केलिए एक नया अध्याय शुरू हो गया है, इसप्रकार जम्मू-कश्मीर केलिए हवाई संपर्क में वृद्धि हुई है। उन्होंने वर्ष 2014 केबाद से भारत में नागरिक विमानन क्षेत्रमें क्रांति केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और कहाकि वर्ष 1947 से 2014 तक देशमें केवल 74 हवाई अड्डे थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 141 हो गई है। उन्होंने कहाकि सात वर्ष में 67 नए हवाई अड्डे जोड़े गए हैं, जो नागरिक उड्डयन क्षेत्रमें प्रगति में तेज़ी को प्रदर्शित करते हैं।
नागरिक विमानन मंत्री ने कहाकि पिछले सम्मेलन से इस सम्मलेन तक हेलीकॉप्टर सेवा के विस्तार की दिशामें हमने काफी कुछ हासिल किया है, इसमें सर्वप्रथम है-हेलीसेवा पोर्टल की शुरुआत, इसके कारण पहले जहां अलग-अलग विभागों से स्वीकृति लेनी पड़ती थी, अब एक जगह सेही स्वीकृति मिल जाती है। उन्होंने कहाकि अगले कुछ वर्षमें देशमें हवाईअड्डों के संख्या 200 से ऊपर होगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि नागरिक उड्डयन अब न केवल भारत केलिए, बल्कि दुनियाभर में मानवजाति केलिए समय की आवश्यकता बन गया है, क्योंकि यह हमेशा अपनेसाथ दो महत्वपूर्ण गुणक आर्थिक और रोज़गार गुणक लाता है। उन्होंने बतायाकि 3.1 के आर्थिक गुणक और 6 के रोज़गार गुणक केसाथ इस क्षेत्रका व्यापक प्रभाव है, इसलिए दुनियाभर में नागरिक उड्डयन आर्थिक विकास की दिशामें एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि हेलीकॉप्टरों की विभिन्न भूमिकाएं हैं, जो शहरी संपर्क प्रदान करती हैं और हेलीकॉप्टर अब भारतमें एक अभिजातवर्ग का विशेषाधिकार नहीं रह गया है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना 'सब उड़े, सब जुड़े' पर आधारित है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बतायाकि हेलीकॉप्टर सेवा की अन्य भूमिका बाढ़, बचाव कार्यों आदि के दौरान आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं और आपदा प्रबंधन की भी है। उन्होंने कहाकि जम्मू-कश्मीर ने पीरपंजाल पर्वत श्रृंखला पर हेलीक्रेन का उपयोग करके ट्रांसमिशन लाइनों और टावरों को खड़ा करते हुए हेलीकॉप्टर सेवा के सर्वोत्तम उपयोग का एक उदाहरण स्थापित किया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि नागरिक विमानन मंत्रालय न केवल शिखर सम्मेलन आयोजित करता है, बल्कि एक शिखर से दूसरे शिखर सम्मेलन में लिएगए संकल्पों की प्रगति की निगरानी भी करता है। उन्होंने बतायाकि देहरादून में तीसरे हेली-इंडिया शिखर सम्मेलन के दौरान आठ संकल्प लिएगए थे जैसे-हेलीसेवा पोर्टल, हेली-दिशा, हेलीकॉप्टर एक्सेलेरेटर सेल प्रदान करना, हेलीकॉप्टर सेवा केलिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क को समाप्त करना, विशिष्ट हेलीकॉप्टर कॉरिडोर और हेलीपैड का निर्माण। उन्होंने कहाकि नए हवाई मार्गों केलिए डीपीआर तैयार करते समय प्राथमिकता दी गई, रातके संचालन को समायोजित करने केलिए जुहू एयरबेस के उन्नयन आदि को उनके तार्किक समापन तक लेजाया गया, हेलीसेवा पोर्टल पूरी तरह से ऑनलाइन है और सभी ऑपरेटर हेलीपैड केलिए लैंडिंग अनुमति प्राप्त करने केलिए उपयोग कररहे हैं और इससे देशमें हेलीपैड का डेटाबेस भी बनरहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि राज्य प्रशासन केलिए हेलीकॉप्टर संचालन पर मार्गदर्शन सामग्री हेलीदिशा 780 जिलों में वितरित की गई है। उन्होंने कहाकि हेलीकॉप्टर एक्सेलेरेटर सेल हेलीकॉप्टर मुद्दों को हल करने में पूरी तरह से सक्रिय है और उद्योग प्रतिनिधियों का सलाहकार समूह समस्या क्षेत्रोंकी पहचान करने में मदद कर रहा है।
नागरिक विमानन मंत्री ने कहाकि हमने हवाईअड्डों पर हेलीकॉप्टरों केलिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क माफ कर दिया है और हेलीकॉप्टर यातायात को तेज करने केलिए एटीसी अधिकारियों का हेलीकॉप्टर संवेदीकरण प्रशिक्षण शुरू किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि मुंबई-पुणे, अहमदाबाद-गांधीनगर और शमशाबाद-बेगमपेट से तीन हेलीकॉप्टर कॉरिडोर बनाए गए हैं और नए आईएफआर कॉरिडोर की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहाकि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय केसाथ हम भविष्य के सभी एक्सप्रेसवे और प्रमुख राजमार्गों केलिए डिजाइन चरण से हेलीपैड केलिए रिक्तस्थान आवंटित करने में सक्षम हैं, ताकि इसका उपयोग दुर्घटना पीड़ितों की निकासी केलिए किया जा सके। उन्होंने कहाकि हमने पहलेही जुहू हेलीबेस के उन्नयन पर काम शुरू कर दिया है, जोकि गगन का उपयोग करते हुए रातके संचालन और हेलीकॉप्टर आईएफआर मार्गों को समायोजित करने केलिए देशमें सबसे बड़ा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बतायाकि हमारे निर्धारित संचालन तेजीसे चल रहे हैं और हमने वर्ष 2013 में 400 हवाई जहाजों से बेड़े का आकार बढ़ाकर वर्ष 2021-22 में इनकी संख्या 700 से अधिक करदी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि आंशिक स्वामित्व एकत्रित पूंजी से हेलीकाप्टरों और हवाई जहाजों के अधिग्रहण की लागत में आनेवाली रुकावट को कम करेगा, यह कंपनियों और व्यक्तियों को खरीद लागत साझा करके, जोखिमों कम करके और एनएसओपी व्यवसाय केलिए वित्तीय रूपसे आसान बनाकर पूंजी के बहिर्गमन में मदद करेगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि आंशिक स्वामित्व मॉडल में विमान के स्वामित्व को लोकतांत्रिक बनाकर एनएसओपी सेगमेंट को सक्रिय करने की क्षमता है और यह एनएसओपी उद्योग में मौजूद विमानों की संख्या को बढ़ावा देने केलिए एक प्रमुख चालक हो सकता है। उन्होंने कहाकि हेलीकॉप्टर उद्योग को उसकी समाज सेवा केलिए पहचाना जाना चाहिए, यह एक परिवहन वाहन नहीं है, बल्कि एक परिवर्तन उपकरण है, इसका उपयोग न केवल आर्थिक विकास केलिए किया जा सकता है, बल्कि जीवन को बदलने केलिए भी किया जा सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने केलिए अगले कुछ सप्ताह में एक हेलीकॉप्टर तैनात करके प्रोजेक्ट संजीवनी-भारतीय इतिहास में पहली बार हेलीकॉप्टर आधारित इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेज की शुरुआत होने जा रही है। उन्होंने कहाकि हेलीकॉप्टरों की गति और गतिशीलता का उपयोग करके देशभर में जनसंख्या आधार पर चिकित्सा पहुंच और आपात देखभाल सेवाओं तक पहुंच का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहाकि हम प्रोजेक्ट संजीवनी का उपयोग इसकी अवधारणा की व्यवहार्यता, इसके लाभों और परिचर जोखिमों का पता लगाने केलिए करेंगे और बादमें बड़े संसाधन देनेसे पहले एचईएमएस पर एक राष्ट्रीय नीति तैयार करेंगे।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी शिखर सम्मेलन को संबोधित किया और कहाकि नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सुझाव पर एयर टरबाइन फ्यूल पर वैट कम करने के कारण जम्मू-कश्मीर में उड़ानों में भारी वृद्धि हुई है, पहले जम्मू से मात्र 6 उड़ानों की तुलना में आज 44 उड़ानें और श्रीनगर से 100 से अधिक फ्लाइट उड़ान भर रही हैं। उन्होंने कहाकि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने केबाद जम्मू-कश्मीर में एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर तेजीसे काम केसाथ सड़क संपर्क, हवाई संपर्क और रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास केसाथ विकास की नई सुबहें देखी जा सकती हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए कहाकि रेलवे संपर्क के मामले में जम्मू-कश्मीर अगले वर्ष तक कन्याकुमारी से जुड़ जाएगा। शिखर सम्मेलन में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल, प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन विभाग जम्मू-कश्मीर आलोक कुमार, अतिरिक्त सचिव नागरिक उड्डयन मंत्रालय उषा पाधी और रेमी माइलर्ड अध्यक्ष फिक्की नागरिक उड्डयन समिति और अध्यक्ष एवं एमडी एयरबस इंडिया ने भाग लिया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]