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Sunday 02 June 2013 11:42:32 AM
भारत के प्रधानमंत्री का विमान। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि उन्होंने दो देशों जापान और थाईलैंड की यात्राएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं-पहली यात्रा प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निमंत्रण पर जापान की और उसके बाद थाईलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलुक शिंवात्रा के निमंत्रण पर बैंकाक की। उनका इन दोनों यात्राओं की समाप्ति पर संयुक्त वक्तव्य भी जारी हो चुका है, इसलिए उन्होंने उन वक्तव्यों में कही गई बातों को न दोहराकर विमान में मौजूद संवाददाताओं को उनसे सवाल पूछने के लिए आमंत्रित किया।
सिविल परमाणु समझौते के बारे में आगे की कार्रवाई के संदर्भ में विचार करें तो क्या 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जापान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है? सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान के साथ विचार-विमर्श हुए हैं और इस यात्रा से इस दिशा में औपचारिक प्रस्ताव किया गया है, मुझे उम्मीद है कि सिविल परमाणु ऊर्जा समझौते पर शीघ्र ही हम जापान के साथ हस्ताक्षर करेंगे। लुक ईस्ट नीति के संदर्भ में हुई प्रगति और विशेषकर इन दो देशों की यात्रा के संदर्भ में क्या कुछ नए मुद्दे सामने आए हैं, जिन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की आवश्यकता है? प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की लुक ईस्ट नीति कोई नई घटना नहीं है, जब नरसिंह राव प्रधानमंत्री थे और मैं वित्त मंत्री था, उस समय हमने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, विशेषकर आसियान के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करने की योजना बनाई थी, उसके बाद से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता रहा है, आसियान के देश हमारे महत्वपूर्ण भागीदार हैं और उनके साथ व्यापारिक संबंधों के विस्तार, निवेश संबध बढ़ाने, समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, व्यापार और निवेश का दायरा बढ़ाने के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं और अब हम एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां व्यापार और निवेश का व्यापक प्रवाह एक वास्तविकता बन गया है।
पाकिस्तान में एक नई सरकार, एक नई व्यवस्था कायम हो रही है और नवाज शरीफ ने सद्भाव प्रदर्शित करते हुए आपको पाकिस्तान यात्रा का निमंत्रण दिया है, कृपया बताएं क्या इस वर्ष के अंत तक आपका पाकिस्तान जाने का कोई कार्यक्रम है और यह भी बताएं कि पाकिस्तान यात्रा से आप किस तरह के परिणामों की उम्मीद करते हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने उसी दिन नवाज शरीफ से फोन पर बातचीत की थी, जब चुनाव परिणाम घोषित किए जा रहे थे, मैंने उन्हें बधाई दी और उनकी इस भावना से सहमति व्यक्त की थी कि भारत-पाकिस्तान सबंधों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए, मैंने भी उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया, पाकिस्तान सरकार की ओर से मुझे पाकिस्तान यात्रा का निमंत्रण मिला है, किसी भी तरफ से कोई ठोस निर्णय नहीं किया गया है, कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन हम पाकिस्तान के साथ निश्चित रूप से अच्छे पड़ोसी के संबंध रखना चाहते हैं, हमारी निरंतर यह नीति रही है कि भारत और पाकिस्तान को सभी बकाया मुद्दों का समाधान करना चाहिए, हम उनका शांतिपूर्वक समाधान करने के प्रति वचनबद्ध हैं, नवाज शरीफ की ओर से भी ऐसी ही भावना व्यक्त की गई है।
झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हुए पांच महीने हो गए हैं, ये कब तक जारी रहेगा और निकट भविष्य में क्या वहां चुनाव संभव होंगे? प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बात पर विचार हो रहा है, मैं इस समय इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। सवाल-पूर्वोत्तर में औद्योगिक विकास के लिए काफी सब्सिडी दी जा रही है, सब कुछ सब्सिडाइज्ड है, वहां कर होलिडे है, परंतु सब्सिडी का रुपया पूर्वोत्तर के विकास के लिए कोई भी इंडस्ट्री खर्च नहीं कर रही है, यह बहुत बड़ा मुद्दा है, एक सौ करोड़ रुपये की इंडस्ट्री लगा रहे हैं और दो सौ करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं, इसमें केंद्र सरकार को एक्शन लेना चाहिए...प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे यकीन है कि हमारी लुक ईस्ट नीति से पूर्वोत्तर राज्यों को व्यापक लाभ पहुंचेगा, हमने भारत, म्यांमा और थाईलैंड के बीच सड़क संपर्क सुधारने के प्रयास किए हैं, मेरा मानना है और आप भी इससे सहमत होंगे कि संचार सुविधाओं में सुधार से देश के पूर्वोत्तर राज्यों को भी लाभ पहुंचेगा, जहां तक सब्सिडी का मामला है, मैं यह मानता हूं कि शेष भारत की तुलना में और पूर्वोत्तर राज्यों में संचार सुविधाओं की कुछ विशेष कठिनाइयां और समस्याएं अवश्य हैं, जिन्हें देखते हुए कुछ वस्तुओं पर सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि देर सबेर पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग अपने पैरों पर खड़ा होना सीखेंगे।
असम से आप राज्य सभा के लिए एक बार फिर निर्वाचित हुए हैं, क्या अगले प्रधानमंत्री के बारे में कोई सहमति बन गयी है या अभी तक आपने इस बात का खुलासा नहीं किया कि अगर आपको एक बार फिर से प्रधानमत्री पद के लिए जिम्मेदारी मिलती है तो आप उसको स्वीकार करेंगे? प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैंने अपने नोमिनेशन पेपर भरे थे तो उसी समय मैंने साफ कह दिया था कि मेरा यह सौभाग्य है कि मै 1991 से राज्य सभा के लिए असम का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, असम के लोगों ने मुझे एक फिर सेवा का अवसर दिया है, मैं उनका कृतज्ञ हूं, मैंने असम के लोगों की सेवा अपनी पूरी योग्यता के साथ करने की कोशिश की है, मै अधिक समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ असम के लोगों की सेवा करना जारी रखूंगा। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में नौ स्थान खाली हैं और चुनाव बहुत पास हैं, तो क्या हम मंत्रिमंडल में विस्तार की उम्मीद कर सकते हैं, और कब तक? प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल में कुछ सीटें खाली हैं, उनको भरने का विचार किया जा रहा है।
क्रिकेट जगत में आज सबसे बड़ी खबर मैच फिक्सिंग की है, सट्टेबाजी, हवाला और सब तरह के घोटाला आईपीएल में सामने आए हैं, इस खेल के साथ वरिष्ठ मंत्री, राजनेता भी जुड़े हुए हैं, क्या आपको लगता है कि इसमें सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए? प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, जो बातें आप कह रह हैं, उनकी जांच की जा रही है और मेरे लिए जांच के स्तर पर कुछ कहना उचित नहीं है, मैं यह उम्मीद करता हूं कि खेल को राजनीति से अलग रखा जाएगा। यूपीए-1 के दौरान वामपंथी पार्टियों ने आपको छोड़ दिया था, यूपीए-2 में ममता ने आपको छोड़ दिया, संभावित यूपीए-3 के लिए क्या आप वामपंथी दलों तक फिर से पहुंच बनाने की योजना बना रहे हैं या आपको उम्मीद है कि ममता यूपीए-3 में शामिल हो जाएंगी? प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति में कोई स्थाई मित्र और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता, कुछ लोगों के आने और जाने की संभावनाएं बनी रहती हैं, हमें जो स्थितियां होती हैं, उन्हें स्वीकार करना पड़ता है।
विकास और मुद्रास्फीति में क्या आपको लगता है कि रिज़र्व बैंक इस संकट के पीछे है, वित्त मंत्री ने कुछ समय पहले कहा था कि अगर आरबीआई नहीं सुनेगा तो वे अकेले चलना पसंद करेंगे, आपका क्या कहना है? प्रधानमंत्री बोले कि देश की मौद्रिक नीति का फैसला रिज़र्व बैंक करता है और मैं रिज़र्व बैंक के फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन यह एक विकास की प्रक्रिया भी है, जैसे-जैसे हम मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करते हैं, वैसे-वैसे विकास नीतियों पर अमल करने की अधिक गुंजाईश रहती है और मेरा मानना है कि आने वाले महीनों में आप देखेंगे कि मुद्रास्फीति पर अधिक नियंत्रण किया जाएगा और विकास को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के लिए स्थान बढ़ेगा। अगर डीएमके एक मात्र राज्य सभा की सीट के लिए आपके पांच सदस्यीय विधायक दल से समर्थन के लिए अपील करेगा तो क्या कांग्रेस उनका समर्थन करेगी, जैसा कि वे उम्मीद करते हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कांग्रेस हाईकमान की ओर से कुछ नहीं कह सकता, ये ऐसे मामले हैं, जिन पर हमारी पार्टी में सर्वोच्च स्तर पर विचार किया जाता है और मेरे लिए यह उचित नहीं होगा कि मैं पार्टी के फैसले के बारे में पहले से कोई अनुमान व्यक्त करूं।
आपके कुछ प्रमुख विधेयक लंबित हैं, जिन पर संसद में व्यवधान के कारण पिछले सत्र में विचार नहीं किया जा सका, आपने यूपीए सरकार की वर्षगांठ बैठक में विपक्ष से अपील की थी कि वे इन विधेयकों को पारित कराने में सरकार की मदद करें तो क्या इसके लिए कोई विशेष अधिवेशन बुलाने की योजना है या फिर उनको पास कराने का कोई और उपाय किया जाएगा? प्रधानमंत्री ने कहा कि हम संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देना सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करेंगे, मैं सभी राजनीतिक दलों से एक बार फिर अपील करता हूं कि वे इस प्रक्रिया में सरकार की मदद करें। प्रधानमंत्री के रूप में आप दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं और इस दौरान उपलब्धियों की एक लंबी सूची आपके पास है, क्या आप ऐसे तीन मुद्दे बता सकते हैं, जिन पर आपको अफसोस हो? प्रधानमंत्री बोले कि मैं आपको यह बता नहीं सकता कि यूपीए-2 ने किन परिस्थितियों में काम किया है, यूपीए-1 और यूपीए-2 के बीच काफी हद तक निरंतरता बनी रही है, लेकिन दुर्भाग्य से यह एक तथ्य है कि विपक्ष पहले की तुलना में अधिक बेचैन हो गया है, उन्हें यह उम्मीद कभी नहीं थी कि हम यूपीए-1 के लिए चुनाव जीतेंगे, लेकिन उनको उस समय दोहरी निराशा हुई, जब हम यूपीए-2 के लिए चुनाव जीत गए, इसलिए हाल के वर्षों में विरोध करने की विपक्ष की भूमिका में भारी बढ़ोत्तरी हुई है और मुझे इस बात का बेहद अफसोस है कि विपक्ष और सरकार के बीच इस खींचतान के चलते सदन में कुछ अत्यंत जरूरी कार्य नहीं निपटाए जा सके।
ऐसी धारणाएं सामने आई हैं कि आपके और सोनिया गांधी के बीच विश्वास में कमी आई है और उन्होंने विधि मंत्री अश्वनी कुमार के इस्तीफे की मामले में आप पर दबाव डाला और यह भी कि उस समय आपको एक कठिन स्थिति का सामना करना पड़ा, जब सीबीआई डायरेक्टर ने प्रधानमंत्री कार्यालय में एक संयुक्त सचिव का नाम लिया, जिसने उच्चतम न्यायालय में दाखिल किए जाने वाले जांच एजेंसी के शपथ पत्र में संशोधन कराए? प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सत्य निष्ठापूर्वक कह सकता हूं कि मेरे और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच कोई मतभेद नहीं हैं, हम उन सभी मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं, जिनमें आपसी परामर्श जरूरी होता है, मैं कांग्रेस अध्यक्ष से सलाह लेता हूं, इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मतभेद होने की धारणा में कोई सच्चाई नहीं है।