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आनो भद्रा क्रतवो यंतु विश्वतः प्रधानमंत्री

इंटरपोल ने 195 देशों के पुलिस संगठनों को जोड़ा है

'असफलताओं से सीखें और भविष्य से आशा करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 19 October 2022 01:20:28 PM

prime minister narendra modi at the 90th interpol general assembly

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करते हुए भारतीय संस्कृति केसाथ इंटरपोल के दर्शन के संबंध पर प्रकाश डाला और इंटरपोल के 'एक सुरक्षित दुनिया केसाथ पुलिस को जोड़ने' के आदर्श वाक्य केबीच समानता पर बोले, जिसमें वेदों के उद्धरण आनो भद्रा क्रतवो यंतु विश्वतः यानी सभी दिशाओं से महान विचारों को आने दें कहा गया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने केलिए सार्वभौमिक सहयोग का आह्वान है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव मना रहा है, जो लोगों और संस्कृतियों का उत्सव है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इंटरपोल वर्ष 2023 में अपनी स्थापना के 100वें वर्ष का उत्सव मनाएगा, यह पूर्व निरीक्षण केसाथ-साथ भविष्य का फैसला करने का समय है, यह खुशी मनाने और चिंतन करने, असफलताओं से सीखने और भविष्य की ओर आशा के साथ देखने का सही समय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि दुनियाभर में पुलिसबल न केवल लोगों की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि सामाजिक कल्याण को आगे बढ़ा रहे हैं, वे किसीभी संकट की स्थिति में समाज की प्रतिक्रिया की अग्रिमपंक्ति में हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि कोविड संकट में पुलिसकर्मियों ने लोगों की मदद करने केलिए अपनी जान जोखिम में डाल दी, उनमें से कईयों ने लोगों की सेवामें सर्वोच्च बलिदान भी दे दिया। प्रधानमंत्री ने भारत की भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधता केसाथ-साथ इसके आकार और भारत की विशालता के बारेमें बताया। भारत के अद्वितीय वैश्विक दर्शन पर प्रधानमंत्री ने कहाकि संयुक्तराष्ट्र शांति अभियानों में बहादुर पुरुषों और महिलाओं को भेजने में भारत शीर्ष योगदानकर्ताओं मेसे एक है। उन्होंने कहाकि हमने भारत को आजादी मिलने से पहलेही दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने केलिए बलिदान दिया था। उन्होंने कहाकि विश्वयुद्धों में हजारों भारतीयों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। कोविड टीकों और जलवायु संबंधी लक्ष्यों के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने किसीभी तरहके संकट में नेतृत्व करने की इच्छा दिखाई है और ऐसे समय में जब राष्ट्र और समाज अंतर्मुखी हो रहे हैं, भारत औरभी अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आह्वान करता है, स्थानीय हितों केलिए वैश्विक सहयोग का हमारा आह्वान है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारतीय पुलिस संघीय और राज्य स्तरपर 900 से अधिक राष्ट्रीय और राज्य के लगभग दस हजार कानूनों को लागू करने केलिए सहयोग करें। उन्होंने कहाकि हमारे पुलिसबल संविधान में किएगए वादे के अनुसार लोगों की विविधता और अधिकारों का सम्मान करते हुए काम करते हैं, वे न केवल लोगों की रक्षा करते हैं, बल्कि हमारे लोकतंत्र कीभी सेवा करते हैं। इंटरपोल की उपलब्धियों के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि इंटरपोल ने 99 वर्ष में 195 देशों में विश्वस्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है और इस गौरवशाली आयोजन को यादगार बनाने केलिए भारत सरकार एक स्मारक टिकट और सिक्का जारी कर रही है। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराध जैसे कई उभरते हानिकारक वैश्वीकृत खतरों का जिक्र किया। उन्होंने कहाकि इन खतरों के परिवर्तन की गति पहले की तुलना में तेज है। उन्होंने कहाकि जब खतरे वैश्विक हों तो प्रतिक्रिया सिर्फ स्थानीय स्तरपर नहीं हो सकती, समय आगया हैकि दुनिया इन खतरों को हराने केलिए एकसाथ आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत कई दशक से आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है, इससे भी पहलेकि जब दुनिया ने इसकी पहचान की। उन्होंने कहाकि हम सुरक्षा और संरक्षा की कीमत जानते हैं, हमारे हजारों लोगों ने इस लड़ाई में सर्वोच्च बलिदान दिया। प्रधानमंत्री ने बतायाकि आतंकवाद अब केवल भौतिक रूपमें नहीं फैल रहा है, बल्कि ऑनलाइन कट्टरता और साइबर खतरों के माध्यम से तेजीसे फैल रहा है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि एक हमले को अंजाम दिया जा सकता है अथवा सिस्टम को केवल एक बटन के क्लिक से ध्वस्त किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय रणनीतियों को और विकसित करने की आवश्यकता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रत्येक राष्ट्र आतंकवाद के खिलाफ रणनीतियों पर काम कर रहा है, लेकिन हम अपनी सीमाओं के भीतर जो करते हैं, वह अब काफी नहीं है। उन्होंने सुझाव दियाकि शीघ्र पता लगाने और चेतावनी प्रणाली की स्थापना, परिवहन सेवाओं की सुरक्षा, संचार के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा, तकनीकी और प्रौद्योगिकीय सहायता, खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान और विभिन्न अन्य चीजों को एक नए स्तरपर ले जाया जाए।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भ्रष्टाचार और वित्तीय अपराधों ने कई देशोंके नागरिकों के कल्याण को नुकसान पहुंचाया है, भ्रष्ट लोग दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपराध की आय को रखने का एक तरीका ढूंढ लेते हैं, यह पैसा उस देशके नागरिकों का है, जहां से उन्हें लिया गया है, अक्सर यह दुनिया के कुछ सबसे गरीब लोगों से लिया गया है, इसके अलावा पैसा कई हानिकारक कामों में लगाया जाता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दियाकि आतंकवाद के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने केलिए वैश्विक समुदाय को और भी तेजीसे काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि भ्रष्ट, आतंकवादियों, ड्रग कार्टेल, अवैध शिकार करने वाले गिरोहों या संगठित अपराध केलिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं हो, एकही स्थान पर लोगों के खिलाफ इस तरह के अपराध सभी के खिलाफ अपराध हैं, मानवता के खिलाफ अपराध हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि पुलिस और कानून का अमल कराने वाली एजेंसियों को सहयोग बढ़ाने केलिए प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल तैयार करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भगोड़े अपराधियों केलिए रेड कॉर्नर नोटिस तेज करके इंटरपोल मदद कर सकता है, एक सुरक्षित और संरक्षित दुनिया हमारी साझा जिम्मेदारी है, जब अच्छी ताकतें सहयोग करती हैं तो अपराध की ताकतें काम नहीं कर सकतीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी गणमान्यों से अपील कीकि वे नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक एवं राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर देश और नागरिकों की सुरक्षा केलिए अपने प्राणों की आहुति देनेवाले शहीदों को श्रद्धांजलि दें। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि 90वीं इंटरपोल महासभा अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद से निपटने केलिए एक प्रभावी और सफल मंच साबित होगी। उन्होंने कहाकि अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद को हराने में संचार, समन्वय और सहयोग का इस्तेमाल करें। प्रधानमंत्री को इंटरपोल अध्यक्ष ने कार्यकारी समिति से मिलवाया। प्रधानमंत्री ने एक सामूहिक तस्वीर खिंचवाई और इंटरपोल के शताब्दी स्टैंड का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री ने रिबन काटकर राष्ट्रीय पुलिस विरासत प्रदर्शन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने एंट्रेंस ऑफ द कलर्स-आईटीबीपी दल के मार्च पास्ट का निरीक्षण किया, इसके बाद भारत का राष्ट्रगान और इंटरपोल गान संपन्न हुआ। उनको इंटरपोल के अध्यक्ष ने बोन्साई का पौधा भेंट किया। प्रधानमंत्री ने 90वीं इंटरपोल महासभा को यादगार बनाने केलिए एक स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का भी जारी किया। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासेर अल रईस, इंटरपोल के महासचिव जर्गन स्टॉक और सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल उपस्थित थे।

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