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अमेरिका ने की भारत में चुनाव प्रबंधन की प्रशंसा

चुनाव परिणामों पर विश्वास एक स्वस्थ लोकतंत्र की बुनियादी-सीईसी

'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका प्रारूप और क्षमता' पर सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 31 October 2022 05:31:05 PM

conference on 'role, format and capacity of electoral management bodies'

नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, प्रारूप और क्षमता' विषय पर नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन का आयोजन भारत निर्वाचन आयोग ने विश्वभर के निर्वाचन प्रबंधन निकायों केसाथ 'निष्पक्ष चुनाव केलिए साझेदारी' का नेतृत्व करते हुए किया है। इसका गठन दिसंबर 2021 में लोकतंत्र केलिए शिखर सम्मेलन के क्रममें किया गया था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहाकि चुनाव परिणामों में लोगों का भरोसा एक स्वस्थ लोकतंत्र का सबसे बुनियादी सिद्धांत है। उन्होंने कहाकि मुक्त, निष्पक्ष, समावेशी, सुगम्य और प्रलोभनरहित चुनाव लोकतांत्रिक सिद्धांतों की बुनियाद हैं, यह शांति और विकासात्मक लाभों की पहली शर्त है। उन्होंने कहाकि यह बुनियादी अवधारणा इस विचार को अंगीकार करती हैकि सम्प्रभुता देशके लोगों से उत्पन्न होती है।
सीईसी राजीव कुमार ने कहाकि समावेशिता का अर्थ हैकि सबके लिए तथा खासतौर से महिलाओं, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, युवा मतदाताओं और सीमांत आबादी की असमानताओं का समायोजन किया जाए। राजीव कुमार ने भारतमें लोकतंत्र पर कहाकि लोकतंत्र हमेशा भारतीय लोकाचार और जीवन जीनेका एक तरीका रहा है, विविध प्रकार के मत, संवाद, चर्चाएं, सामंजस्य और गैर आक्रामकता हमारी संस्कृति का आंतरिक हिस्सा रहे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहाकि 'चुनाव प्रबंधन निकायों की भूमिका, प्रारूप और क्षमता' दरअसल निष्पक्ष चुनाव केलिए सबसे आधारभूत चीजें हैं, क्योंकि ये किसीभी चुनावी लोकतंत्र के मूलभूत और कार्यात्मक दोनों पहलुओं को शामिल करती है। सीईसी राजीव कुमार ने इस शिखर सम्मेलन की प्रतिबद्धताओं को असल परिणामों तक लेजाने केलिए विश्वके लोकतांत्रिक देशोंको चुनाव प्रबंधन में भारत निर्वाचन आयोग की विशेषज्ञता की पेशकश की। आज के संदर्भमें चुनाव प्रबंधन निकायों के सामने मौजूद चुनौतियों पर सीईसी राजीव कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों केसाथ काम कररहे ईएमबी के सहयोग पर जोर दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहाकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ये स्वघोषणा करते हैंकि उनके यहां कंटेंट को प्रदर्शित करनेवाली नीतियां हैं, लेकिन उनके पास जो एल्गोरिदम शक्ति है, वोभी काम कर रही होती है। सीईसी ने रेखांकित किया ईएमबी से ये अपेक्षा गैरवाजिब नहीं हैकि वे ज्ञात तौर-तरीकों और शैलियोंवाली फेक न्यूज़ को ज्यादा मजबूती या शुरुआत मेही नियंत्रित करें। उन्होंने कहाकि फेक न्यूज़ का मुकाबला करने केलिए इस तरहके एक सक्रिय दृष्टिकोण से भरोसेमंद चुनावी परिणाम देखने को मिलेंगे, जिससे स्वतंत्रता के अधिकारों को बनाए रखने में मदद मिलेगी, जिनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों में फलने-फूलने की जरूरत है। राजीव कुमार ने कहाकि ये समूह ही वो सहीमंच हैं, जहां हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं जैसाकि हमने कोविड के दौरान किया था। उन्होंने कहाकि मताधिकार से वंचना चाहे वो कोविड महामारी जैसे अशांत समय के दौरान अस्थायी रूपसे ही क्यों न हो, वो लोकतंत्र केलिए कतई विकल्प नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि ये समूह प्रासंगिक चुनौतियों एवं अवसरों पर सहयोग करने केलिए कई और संवादों एवं संस्थागत तंत्रों की नींव रखेगा।
अमेरिका की उपराजनयिक एलिजाबेथ जोन्स ने कहाकि अमेरिका के भारत केसाथ संबंध सर्वाधिक परिणाम आधारित हैं। उन्होंने कहाकि भारत चुनाव आयोग ने विभिन्न चुनौतियों पर विचार करते हुए लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बढ़ावा देनेमें महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहाकि भारत निर्वाचन आयोग, चुनावी प्रक्रियाओं की देखरेख करने वाला एवं एक अच्छी तरह से संचालित चुनाव प्रबंधन निकाय का उदाहरण है। एलिजाबेथ जोन्स ने कहाकि अमेरिका भारत के नेतृत्व और अन्य लोकतंत्रों केसाथ भारत चुनाव आयोग की विशेषज्ञता को साझा करने में प्रसन्नता का अनुभव करता है। उन्होंने कहाकि भारतीय चुनाव प्रशासन ने पूरी दुनियामें लोकतांत्रिक देशों केलिए मानक निर्धारित किए हैं। उन्होंने कहाकि वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने तथा दुनियाभर में शांति, सुरक्षा और समृद्धि केलिए आपसी सहयोग करने से जुड़ी दोनों देशोंकी साझेदारी औरभी मजबूत हुई है। उन्होंने कहाकि अमेरिका और भारत ने लोकतांत्रिक संस्थानों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एलिजाबेथ जोन्स ने चुनाव संचालन की विभिन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जिनमें सूचना व्यवस्था में हेरफेर, महिलाओं और हाशिए पर रहनेवाले समुदायों की भागीदारी में आनेवाली बाधाएं, नागरिकों केलिए व्यक्तिगत दायरे में कमी और चुनावी विश्वसनीयता को कमजोर करनेवाला प्रणालीगत भ्रष्टाचार प्रमुख थीं।
डीजी आईआईआईडीईएम और वरिष्ठ डीईसी धर्मेंद्र शर्मा ने सम्मेलन में भाग लेनेवाले सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया। मॉरीशस के चुनाव आयुक्त मोहम्मद इरफान अब्दुल रहमान, यूनान के आंतरिक मंत्रालय के चुनाव एवं राजनीतिक पार्टी विभाग की प्रमुख एग्गेलिकी बरौता, इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम के अध्यक्ष एवं सीईओ एंथनी बानबरी, अंतरराष्ट्रीय आईडीईए के महासचिव केविन कैसास-ज़मोरा और आर्मेनिया, मॉरीशस, नेपाल, काबो वर्डे, ऑस्ट्रेलिया, चिली, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, ग्रीस, फिलीपींस सहित यूएनडीपी एवं ईएमबी के प्रतिनिधि, राजदूत/ उच्चायुक्त तथा कोस्टा रिका, घाना, जमैका, अल्बानिया, नेपाल, ग्रीस, मोंटेनेग्रो, स्पेन के राजनयिक कोर के सदस्य, भारत निर्वाचन आयोग और भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर ईएमबी की उत्कृष्ट पहल को दर्शाते हुए मतदाता शिक्षा और जागरुकता केलिए सहयोग एवं भागीदारी विषय पर भारत निर्वाचन आयोग की पत्रिका वॉयस इंटरनेशनल के नवीनतम संस्करण का विमोचन किया गया। चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय भी सम्मेलन में मौजूद थे।

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