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Wednesday 2 November 2022 05:51:09 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'यथास्थान झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास परियोजना' केतहत झुग्गीवासियों के पुनर्वास केलिए दिल्ली के कालकाजी में बनाएगए 3024 नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का दिल्ली के विज्ञान भवन में समारोहपूर्वक उद्घाटन किया और पात्र लाभार्थियों को चाबियां सौंपी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि हमारी सरकार दिल्लीमें नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करनेमें कोई कसर नहीं छोड़ रही है और हमारा लक्ष्य हैकि हम दिल्लीको देशकी राजधानी की प्रतिष्ठा के अनुरूप और शानदार एवं सुविधा संपन्न शहर बनाएं। प्रधानमंत्री ने कहाकि दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी में रहनेवाले ग़रीबों को पक्का मकान देनेके संकल्पमें आज हमने अहम पड़ाव तय किया है, दिल्ली के सैकड़ों-हजारों ग़रीब परिवारों केलिए बहुत बड़ा दिन है, वर्षों सेजो परिवार दिल्ली की झुग्गियों में रहरहे थे, आज उनके लिए एक नई शुरुआत होने जा रही है। लालकिले की प्राचीर से आकांक्षी समाज की अपनी बात का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि दिल्ली का ग़रीब हो या मध्यम वर्ग, वह भी आकांक्षी है और अभूतपूर्व प्रतिभा से भरा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि अकेले कालकाजी एक्सटेंशन के पहले चरण मेही 3000 से अधिक घर तैयार किएजा चुके हैं, बहुत जल्द क्षेत्रमें रहनेवाले अन्य परिवारों को भी अपने नए घरों में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि केंद्र सरकार के ये प्रयास दिल्ली को एक आदर्श शहर बनाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे, दिल्ली जैसे बड़े शहरों मेजो विकास होता है और जो सपने साकार होते हैं, उनकी नींव ग़रीबों की कड़ी मेहनत और प्रयासों से बनी है। उन्होंने कहाकि यह कितना विरोधाभास हैकि इन ग़रीब लोगों को दयनीय परिस्थितियों में रहने केलिए छोड़ दिया गया है, एकही शहर में इतना असंतुलन हैतो हम समग्र विकास के बारेमें कैसे सोच सकते हैं? आजादी के अमृतकाल में हमें इस विशाल अंतर को भरना है और इसलिए देश सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास केपथ पर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि दशकों से देशमें शासन व्यवस्था इस मानसिकता से ग्रसित थीकि ग़रीबी ग़रीब लोगों की समस्या है, लेकिन आज देशमें जो सरकार है, वह ग़रीबों की सरकार है, इसलिए वह ग़रीब को अपने हालपर नहीं छोड़ सकती। उन्होंने कहाकि आज देशकी नीतियों और निर्णयों के केंद्रमें ग़रीब है, विशेषकर शहरमें रहनेवाले ग़रीब भाई-बहनों परभी हमारी सरकार उतना ही ध्यान दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि दिल्ली में 50 लाख ऐसे लोग थे, जिनके पास बैंक खाता तक नहीं था, इससे वे बैंकिंग प्रणाली के किसीभी लाभ से वंचित रह जाते थे। उन्होंने कहाकि वे दिल्ली मेथे, लेकिन दिल्ली उनसे बहुत दूर थी, सरकार ने इस स्थिति को बदल दिया और खाता खोलकर वित्तीय समावेशन केलिए एक अभियान चलाया, जिसका सीधा लाभ रेहड़ी-पटरी वालों समेत दिल्लीके ग़रीबों को हुआ है। उन्होंने यूपीआई की सर्वव्यापी पहुंच केबारे मेभी बताया। उन्होंने कहाकि स्वनिधि योजना केतहत 50 हजार से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को आर्थिक सहायता मिली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने वन नेशन वन राशन कार्ड की व्यवस्था करके दिल्ली के लाखों ग़रीबों का जीवन आसान बनाया है, यह महामारी के दौरान देशभर में ग़रीब तबके केलिए बेहद फायदेमंद साबित हुई है, इस वैश्विक संकट के समयमें दिल्लीके लाखों ग़रीबों को केंद्र सरकार बीते 2 साल से मुफ्त राशन भी देरही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस योजना का लाभ कोरोना महामारी के समय दिल्ली के ग़रीबों नेभी उठाया है, दिल्ली मेही इसपर ढाई हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए। प्रधानमंत्री ने कहाकि दिल्ली में 40 लाख से अधिक ग़रीबों को बीमा की सुरक्षा मिली है, जन औषधि योजनाओं के माध्यम से चिकित्सा व्यय को कम किया गया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब जीवन में स्वास्थ्य सुरक्षा होती है तो ग़रीब बिना आराम के पूरीताकत से मेहनत करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यहसब प्रयास बिनाकिसी धूमधाम और व्यापक विज्ञापनों के किए जाते हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि हम ग़रीबों के जीवनमें बदलाव लाने केलिए जीते हैं। दिल्लीमें अनधिकृत कॉलोनियों के विषय पर प्रधानमंत्री ने घरों की स्थिति केबारे में लोगों की निरंतर चिंता का उल्लेख किया और कहाकि केंद्र सरकार ने दिल्ली के लोगों की इस चिंता को कम करने का कामभी किया है, दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में बने घरों को पीएम उदय योजना केतहत नियमित करने का काम चल रहा है, अबतक हजारों लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने बतायाकि ग़रीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को अपना घर बनाने केलिए ब्याज सब्सिडी प्रदान करने में 700 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि 2014 में जब हमारी सरकार आई थीतो दिल्ली-एनसीआर में 190 किलोमीटर रूटपर ही मेट्रो चला करती थी, आज दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो का विस्तार बढ़कर करीब-करीब 400 किलोमीटर तक हो चुका है। उन्होंने कहाकि इन 8 वर्ष में 135 नए मेट्रो स्टेशन नेटवर्क में जोड़ने के कार्य को समय और धनकी बचत केसाथ पूरा कर लिया गया है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि भारत सरकार की ओर से 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश से दिल्ली को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने केलिए से सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। उन्होंने द्वारका एक्सप्रेसवे, अर्बन एक्सटेंशन रोड, अक्षरधाम से बागपत 6-लेन एक्सेस कंट्रोल हाईवे और एलिवेटेड कॉरिडोर के रूपमें गुरुग्राम-सोहना रोड का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि दिल्ली-एनसीआर केलिए रैपिड रेल जैसी सेवाएं निकट भविष्य में शुरू होने जारही हैं। उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के भव्य निर्माण के बारेमें भी चर्चा की और द्वारका में 80 हेक्टेयर भूमिपर भारत वंदना पार्क के निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो अब अगले कुछ महीने में पूरा होनेवाला है। प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि दिल्ली में 700 से अधिक बड़े पार्कों का रखरखाव डीडीए करता है, डीडीए वजीराबाद बैराज से ओखला बैराज केबीच 22 किलोमीटर की दूरी पर विभिन्न पार्क विकसित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने नए घरों के लाभार्थियों से कहाकि वे केवल बिजली बचाने केलिए एलईडी बल्ब का उपयोग करें, यह सुनिश्चित करेंकि कहीं पानी बर्बाद न हो और सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैकि पूरी कॉलोनी को साफ और सुंदर बनाए रखना है। उन्होंने कहाकि आज भारत सरकार करोड़ों ग़रीब लोगों केलिए घर बना रही है, नलसे पानीकी आपूर्ति कररही है, बिजली कनेक्शन, उज्ज्वला सिलेंडर उपलब्ध करा रही है और इसलिए हमें सदियों पुरानी भ्रांति को तोड़ना होगाकि झुग्गी-झोपड़ी गंदगी से जुड़ी होती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्हें यकीन हैकि हर कोई दिल्ली और देशके विकास में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा, प्रत्येक नागरिक के योगदान से दिल्ली की यात्रा और भारत की प्रगति नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी और सांसद इस अवसर पर मौजूद थे।
गौरतलब हैकि सभी केलिए आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप दिल्ली विकास प्राधिकरण 376 झुग्गी झोपड़ी समूहों में उसी स्थान के इर्द-गिर्द झुग्गी पुनर्वास का कार्य कररहा है। परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी समूहों के निवासियों को उचित सुविधाओं और सहूलियत केसाथ बेहतर और स्वस्थ रहन-सहन का वातावरण प्रदान करना है। डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलोरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं। कालकाजी विस्तार परियोजना के अंतर्गत कालकाजी में तीन मलिन बस्तियों अर्थात भूमिहीन शिविर, नवजीवन शिविर और जवाहर शिविर का यथास्थान पुनर्वास का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पहले चरण में पासके खाली वाणिज्यिक केंद्रस्थल पर 3024 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया गया है। भूमिहीन शिविर में झुग्गी-झोपड़ी स्थल को भूमिहीन शिविर केपात्र परिवारों को नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में पुनर्वासित करके खाली किया जाएगा। भूमिहीन कैंपसाइट के अवकाश केबाद इस खाली साइट का उपयोग द्वितीय चरण में नवजीवन कैंप और जवाहर कैंप के पुनर्वास केलिए किया जाएगा। परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है, जिसमें 345 करोड़ रुपए की लागत आई है। ये फ्लैट सभी नागरिक सुविधाओं से लैस हैं, जिसमें विट्रिफाइड फर्श टाइल्स, सिरेमिक टाइल्स, रसोई में उदयपुर ग्रीन मार्बल काउंटर आदि लगाया गया है। सामुदायिक पार्क, इलेक्ट्रिक सबस्टेशन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, दोहरी पानी पाइपलाइन, लिफ्ट सार्वजनिक सुविधाएं स्वच्छ जलआपूर्ति आदि केलिए भूमिगत जलाशय भी उपलब्ध कराएगए हैं।