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'विश्व में भारत को जानने की बड़ी जिज्ञासा'

प्रधानमंत्री ने लॉंच की जी-20 की लोगो थीम और वेबसाइट

जी-20 का लोगो एक बड़ा संदेश और संकल्प है-प्रधानमंत्री

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Wednesday 9 November 2022 01:16:13 PM

pm launches g20 logo theme and website

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से भारत की जी-20 की अध्यक्षता के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि 1 दिसंबर 2022 से भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा। उन्होंने कहाकि यह देश केलिए एक ऐतिहासिक अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जी-20 ऐसे देशों का समूह है, जिनका आर्थिक सामर्थ्य विश्व की 85 प्रतिशत जीडीपी का प्रतिनिधित्व करता है, जो विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या समाहित है। इसे एक बड़ा अवसर बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष केदौरान जी-20 की अध्यक्षता करना हर भारतवासी केलिए गर्वकी बात है, उसका गौरव बढ़ाने वाली बात है। प्रधानमंत्री ने जी-20 और संबंधित आयोजनों को लेकर बढ़ती रुचि और गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार को लोगो केलिए हजारों रचनात्मक विचार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने सभी को उनके सहयोग केलिए धन्यवाद देते हुए कहाकि ये सुझाव वैश्विक आयोजन का चेहरा बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जी-20 का लोगो केवल एक प्रतीकचिन्ह नहीं है, यह एक संदेश है, यह एक भावना है, जो हमारी रगों में है, यह एक संकल्प है, जो हमारी सोच में शामिल रहा है। उन्होंने कहाकि वसुधैव कुटुंबकम के माध्यम से यह एक संकल्प है, जो हमारी सोच में शामिल रहा है। उन्होंने कहाकि वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र केजरिए विश्वबंधुत्व की जिस भावना को हम जीते आए हैं, वह विचार इस लोगो और थीम में प्रतिबिंबित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस लोगो में कमल का फूल, भारत की पौराणिक धरोहर, आस्था, बौद्धिकता को चित्रित कर रहा है। उन्होंने कहाकि अद्वैत का दर्शन, सभी प्राणियों की एकता पर जोर देता है और यह दर्शन आजके संघर्षों के समाधान का माध्यम होगा, यह लोगो और थीम भारत के कई प्रमुख संदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहाकि युद्ध से मुक्ति केलिए बुद्ध का संदेश, हिंसा के संदर्भ में महात्मा गांधी के समाधान जी-20 के माध्यम से भारत उन्हें एक नई ऊंचाई दे रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत जी-20 की अध्यक्षता संकट और अराजकता के समय में कर रहा है। उन्होंने कहाकि दुनिया एक सदी में एकबार आनेवाली भयंकर वैश्विक महामारी, संघर्षों और बहुत सारी आर्थिक अनिश्चितता के विनाशकारी प्रभावों से निपट रही है। उन्होंने कहाकि जी-20 के लोगो में कमल ऐसे कठिन समय में आशा का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भलेही दुनिया एक बड़े संकट में है, फिरभी हम इसे एक बेहतर जगह बनाने की दिशामें प्रगति कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने जी-20 के लोगो में कमल पर रखी धरती की ओर इशारा किया और कहाकि साझा ज्ञान हमें कठिन परिस्थितियों से उबरने में मदद करता है, जबकि साझा समृद्धि हमें अंतिमछोर तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कमल की सात पंखुड़ियों के महत्व को समझाया, जो सात महाद्वीपों और सात सार्वभौमिक संगीत के स्वर का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने कहाकि जब सात संगीत स्वर एकसाथ आते हैं तो वे पूर्ण सामंजस्य बनाते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जी-20 का उद्देश्य विविधता का सम्मान करते हुए दुनिया को एकसाथ लाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह शिखर सम्मेलन केवल राजनयिक बैठक नहीं है, भारत इसे एक नई जिम्मेदारी और दुनिया के भरोसे के तौरपर लेता है। उन्होंने कहाकि विश्वमें भारत को जानने और समझने की एक अभूतपूर्व जिज्ञासा है, भारत का नए आलोक में अध्ययन किया जा रहा है, हमारी वर्तमान की सफलताओं का आकलन किया जा रहा है, हमारे भविष्य को लेकर अभूतपूर्व आशाएं प्रकट की जा रही हैं। उन्होंने कहाकि ऐसे माहौल में यह नागरिकों की जिम्मेदारी हैकि वे इन अपेक्षाओं से बढ़कर दुनिया को भारत की क्षमताओं, दर्शन, सामाजिक और बौद्धिक ताकत से परिचित कराएं। उन्होंने कहाकि हमें सभीको एकजुट करना है और दुनिया केप्रति उनकी जिम्मेदारी केलिए उन्हें सक्रिय करना है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत को आज इस मुकाम तक पहुंचने में हजारों साल का सफर तय करना पड़ा है। उन्होंने कहाकि हमने समृद्धि के उच्चस्तर और वैश्विक इतिहास में सबसे काला दौरभी देखा है, भारत कई आक्रमणकारियों और उनके अत्याचारों के इतिहास केसाथ यहां पहुंचा है, वे अनुभव आज भारत की विकासयात्रा की सबसेबड़ी ताकत हैं। उन्होंने कहाकि आजादी केबाद हमने जीरो से शुरू करते हुए एक बड़े सफर की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य शिखर पर पहुंचना था, इसमें 75 वर्ष में सभी सरकारों के प्रयास शामिल हैं, सभी सरकारों और नागरिकों ने मिलकर अपने-अपने तरीके से भारत को आगे लेजाने का प्रयास किया, इसी भावना केसाथ आज हमें एक नई ऊर्जा केसाथ पूरीदुनिया कोसाथ लेकर आगे बढ़ना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की संस्कृति के एक महत्वपूर्ण सबक को रेखांकित करते हुए कहाकि जब हम अपनी प्रगति के लिए प्रयास करते हैं, तो हम वैश्विक प्रगति कीभी परिकल्पना करते हैं। उन्होंने भारतीय सभ्यता की लोकतांत्रिक विरासत परभी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहाकि भारत विश्व का इतना समृद्ध और सजीव लोकतंत्र है। उन्होंने कहाकि हमारे पास लोकतंत्र के संस्कार हैं और मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में गौरवशाली परंपरा भी है, भारत के पास जितनी विशिष्टता है, उतनी ही विविधता भी है, यह डेमोक्रेसी, डायवर्सिटी, इंडीजीनस अप्रोच, इंक्लूसिव सोच, लोकल लाइफस्टाइल, ग्लोबल थॉट आज वर्ल्ड इन्हीं आइडियाज में अपनी सभी चुनौतियों के समाधान देख रहा है। प्रधानमंत्री ने सतत विकास के क्षेत्रमें भारत के प्रयासों के बारेमें भी बताया। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें सतत विकास को केवल सरकारों की एक प्रणाली के बजाय व्यक्तिगत जीवन का एक हिस्सा बनाना है, पर्यावरण हमारे लिए एक वैश्विकहित केसाथ व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है। उन्होंने आयुर्वेद के योगदान पर भी प्रकाश डाला और योग तथा मोटे अनाज केलिए वैश्विक उत्साह के बारेमें भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की कई उपलब्धियों का इस्तेमाल दुनियाके दूसरे देश कर सकते हैं, विकास, समावेशन, भ्रष्टाचार को दूर करने, व्यापार करने में आसानी और जीवनयापन की सुगमता में डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग कई देशों केलिए टेम्पलेट हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन खाते के माध्यम से भारत के महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और वित्तीय समावेशन परभी प्रकाश डाला, जो जी-20 की अध्यक्षता के अवसर के माध्यम से दुनिया तक पहुंचेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनिया सामूहिक नेतृत्व कीओर आशा से देख रही है, चाहे वह जी-7, जी-77 या यूएनजीए हो, ऐसे में भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता का एक महत्व है। उन्होंने बतायाकि भारत एकओर विकसित देशोंसे घनिष्ठ रिश्ते रखता है और साथही विकासशील देशों के दृष्टिकोण को भी अच्छी तरह से समझता है, उनकी अभिव्यक्ति करता है। उन्होंने कहाकि इसी आधार पर हम 'ग्लोबल साउथ' के सभी दोस्तों केसाथ मिलकर अपने जी-20 की अध्यक्षता का खाका तैयार करेंगे, जो दशकों से विकास केपथ पर भारत के सहयात्री रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारा प्रयास रहेगाकि विश्वमें कोईभी फर्स्ट वर्ल्ड या थर्ड वर्ल्ड न हो, बल्कि केवल वन वर्ल्ड हो। भारत के दृष्टिकोण और बेहतर भविष्य केलिए पूरीदुनिया को ए साथ लाने के साझे उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड के मंत्र केसाथ विश्व में रिन्यूएबल एनर्जी में रिवोल्यूशन का आह्वान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत ने वन अर्थ, वन हेल्थ के मंत्र के साथ ग्लोबल हेल्थ को मजबूत करने का अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि अब जी-20 में भी हमारा मंत्र है-एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य, यह भारत के विचार और मूल्य हैं, जो दुनिया के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहाकि मुझे यकीन है यह आयोजन न केवल भारत केलिए एक यादगार होगा, बल्कि भविष्य इसका विश्वके इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवसर के रूपमें भी आकलन करेगा। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों केसाथ-साथ सभी राजनीतिक दलों से इस प्रयास में सक्रिय रूपसे भाग लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहाकि यह कार्यक्रम भारत के लोगों द्वारा आयोजित किया जाता है और जी-20 हमारे लिए 'गेस्ट इज गॉड' की अपनी परंपरा की एक झलक दिखाने का एक बड़ा अवसर है। उन्होंने कहाकि जी-20 से जुड़े कार्यक्रम सिर्फ दिल्ली या कुछ जगहों तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि देशके कोने-कोने में कार्यक्रम होंगे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारे प्रत्येक राज्य की अपनी विशेषताएं, विरासत, संस्कृति, सुंदरता, आभा और आतिथ्य है। प्रधानमंत्री ने राजस्थान, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के आतिथ्य का उदाहरण देते हुए कहाकि यह आतिथ्य और विविधता है, जो दुनिया को चकित करती है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि वे भारत की जी-20 की अध्यक्षता की औपचारिक घोषणा केलिए अगले सप्ताह इंडोनेशिया जाएंगे और भारत के सभी राज्यों एवं राज्य सरकारों से इस संबंध में अपनी भूमिका को यथासंभव बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि देशके नागरिकों और बुद्धिजीवियों कोभी इस आयोजन का हिस्सा बनने केलिए आगे आना चाहिए। उन्होंने सभी से अपने सुझाव भेजने और जी-20 की वेबसाइट पर अपने विचार व्यक्त करने का आग्रह कियाकि कैसे भारत दुनियाके कल्याण में अपनी भूमिका को सर्वाधिक कर सकता है। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप वैश्विक मंच पर नेतृत्व की भूमिका निभाने केलिए भारत की विदेश नीति विकसित हो रही है। इस दिशामें भारत 1 दिसंबर 2022 को जी-20 की अध्यक्षता करेगा। जी-20 की अध्यक्षता भारत को अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक एजेंडे में योगदान करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। जी-20 की अध्यक्षता का लोगो थीम और वेबसाइट भारत के संदेश और दुनियाकी व्यापक प्राथमिकताओं को दर्शाएंगे। जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारतभर में कई स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 बैठकें आयोजित की जाएंगी। अगले साल होनेवाला जी-20 शिखर सम्मेलन भारत के शीर्षस्तर के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में से एक होगा।

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