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Thursday 10 November 2022 12:34:06 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देशभर के इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों की नई दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठक में देशकी आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में काउंटर टेररिज़्म, कट्टरवाद से खतरे, साइबर सुरक्षा संबंधित मुद्दों, सीमा से जुड़े पहलुओं, राष्ट्रकी अखंडता और स्थिरता को सीमापार से विरोधी तत्वों के खतरों सहित राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व में केंद्र सरकार सुरक्षा के सभी पहलुओं को मजबूत करके राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने केलिए कटिबद्ध है और इन 8 वर्ष में देशकी आंतरिक सुरक्षा को पुख्ता करने केलिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि देशकी आज़ादी से अबतक देशमें शांति बनाए रखने में बिना किसी यशके गुमनाम तरीकेसे आईबी ने बेहद अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि हमारी लड़ाई आतंकवाद केसाथ-साथ इसके सपोर्ट सिस्टम से भी है, जबतक हम इन दोनों के खिलाफ सख्ती से नहीं लड़ते, तबतक आतंकवाद पर जीत हासिल नहीं हो सकती। गृहमंत्री ने राज्यों की आतंकवादरोधी और ड्रग्सरोधी ऐजेंसियों केबीच संपर्क बढ़ाने, सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहाकि वामपंथी उग्रवाद पर काबू पाने केलिए उसके फायनेंशियल और लॉजिस्टिकल सपोर्ट सिस्टम को खत्म करने की ज़रूरत है।
गृहमंत्री ने कहाकि हमें देशकी तटीय सुरक्षा को अभेद्य बनाना होगा और इसके लिए सबसे छोटे और सबसे आइसोलेटेड पोर्ट परभी हमारी पैनी नज़र होनी चाहिए। अमित शाह ने कहाकि नशीले पदार्थ न सिर्फ देशकी युवा पीढ़ी को बर्बाद करते हैं, बल्कि इससे कमाया गया पैसा, देशकी आतंरिक सुरक्षा कोभी प्रभावित करता है, इसीलिए इसके समूलनाश केलिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहाकि सीमापार से ड्रोन के माध्यम से होरही मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने केलिए हमें ड्रोनविरोधी तकनीक का अधिकतम उपयोग करना होगा। गौरतलब हैकि आसूचना ब्यूरो या इंटेलिजेंस ब्यूरो भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी है और ख्यात रूपसे दुनिया की सबसे पुरानी खुफिया एजेंसी है। इसे प्रायः 'आईबी' कहा जाता है। इसे गृह मंत्रालय के अधीन केंद्रीय खुफिया ब्यूरो के रूपमें पुनर्निर्मित किया गया था।