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Thursday 10 November 2022 12:42:02 PM
पुणे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडेय ने सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में 'मतदाता पंजीकरण-लोकतंत्र की दिशामें पहला कदम' विषय पर मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो मतदाता के रूपमें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेनेके महत्व को रेखांकित करती है और भारतीय चुनावों की भव्यता को प्रदर्शित करती है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय केतहत केंद्रीय संचार ब्यूरो ने जिला चुनाव अधिकारी पुणे के सहयोग से आयोजित ये तीन दिवसीय प्रदर्शनी मतदाता जागरुकता को बढ़ाने की एक कवायद है, जो मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण 2023 के राष्ट्रव्यापी लॉंच पर की गई है। डीईओ पुणे ने प्रदर्शनी स्थल पर युवा मतदाताओं को नामांकित करने केलिए विशेष पंजीकरण शिविर भी लगाए हैं। भारतीय चुनाव और मतदाता पंजीकरण के विषय को कई तरह से उभारा जा रहा है जैसे-सीबीसी के वर्चुअल रियलिटी कियोस्क के माध्यम से जो मतदान केंद्रों को प्रदर्शित करते हैं, चुनाव पर फ्लिप बुक, एक ऑगमेंटेड रियलिटी टच वॉल, एसएसआर 2023 फॉर्मों के डिजिटल प्रदर्शन और चुनावी कहानियों पर एक साउंड शो के माध्यम से।
मल्टीमीडिया प्रदर्शनी में चुनाव आयोग की नई पहलों पर एक अलग खंड है, स्वीप के दायरे का प्रदर्शन और भारतीय लोकतंत्र पर एक वॉल भी है, साथही सीबीसी के गीत और नाट्य कलाकारों ने कोई मतदाता पीछे न छूटे की ईसीआई वाली थीम पर रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर सीईसी राजीव कुमार ने सीबीसी की रंगारंग प्रदर्शनी की प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि सोशल मीडिया के युग मेभी सीबीसी आउटरीच गतिविधियां संचार का अत्यंत शक्तिशाली माध्यम हैं। उन्होंने कहाकि देशका लोकसंगीत और लोककथा की सांस्कृतिक विरासत इतनी समृद्ध, विविध और विस्तृत हैकि इन्हें जानने-समझने मेही वर्षों लग जाएंगे। उन्होंने कहाकि ये सांस्कृतिक माध्यम देशको एकशक्ति के रूपमें एकजुट रखते हैं। सीईसी ने कहाकि सीबीसी प्रदर्शनियां और लोकसंगीत के कार्यक्रम चुनाव आयोग केलिए अपने मतदाता जागरुकता अभियानों में सदाउपयोगी साबित हो सकते हैं। देश के युवाओं केलिए अपने संदेश में सीईसी ने उनसे बढ़चढ़कर मतदाता बनने और मतदान का आग्रह किया, क्योंकि यह लोकतंत्र केलिए जरूरी है। उन्होंने कहाकि इस देशकी जनसांख्यिकी और विशालता को देखें, जिसमें हमसाथ मिलकर रहने में यकीन रखते हैं, चर्चा में यकीन रखते हैं, हम अपने सभी मुद्दों को भागीदारीपूर्ण चुनावों के माध्यम से हल करने में विश्वास रखते हैं और यह तभी संभव है, जब हम मतदान करें।
सीईसी ने कहाकि सत्ता मतपत्र की जबरदस्त शक्ति के माध्यम से निर्बाध रूपसे स्थानांतरित होती है। उन्होंने कहाकि चुनाव हमें व्यवस्था की निरंतरता देता है और युवाओं एवं समाज में मौजूद लचीलेपन को बरकरार रखता है। चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडेय ने कहाकि पुणे भारत का एक सांस्कृतिक केंद्र है और पुणे विश्वविद्यालय का एक समृद्ध इतिहास है, जिससे गोपालकृष्ण गोखले जैसे दिग्गजों के नाम जुड़े हैं, इसलिए चुनाव आयोग ने एसएसआर 2023 के शुभारंभ पर पुणे से मतदाता जागरुकता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहाकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जिसकी जनसांख्यिकी पूरे यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका सेभी बड़ी है। उन्होंने कहाकि लोकतंत्र तभी मजबूत होता है, जब सभी पात्र मतदाता पंजीकृत हों, मतदाता निर्भय होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें और चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से हो। उन्होंने बतायाकि आजादी के समय देशमें केवल 16 प्रतिशत साक्षरता थी, फिरभी लोग मतदान करने गए। उन्होंने कहाकि देशके पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा थाकि देशके लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करना जानते हैं। उन्होंने कहाकि भारत सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार वाला सबसे मजबूत लोकतंत्र है, जहां कई जगहों पर वोट डालने में महिलाओं की संख्या पुरुषों सेभी ज्यादा है।
भारत में युवा आबादी का प्रतिशत बताते हुए उन्होंने कहाकि लोकतंत्र को केवल ज्यादा संख्या में युवा पात्र मतदाताओं के पंजीकरण के साथही मजबूत किया जा सकता है, इसलिए आयोग का लक्ष्य यह देखना हैकि कोई भी युवा मतदाता पीछे न छूटे। सीबीसी की अतिरिक्त महानिदेशक रंजना देव शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहाकि सीबीसी व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी कार्यक्रमों केतहत अपनी क्षेत्रीय और जमीनी गतिविधियों के माध्यम से भारत के चुनाव आयोग के संचार और आउटरीच अभियानों का एक अभिन्न अंग रहा है। देशभर में लगभग 150 स्थानों पर अपने क्षेत्रीय कार्यालयों केसाथ सीबीसी ने देशमें विभिन्न संचार अभियानों के लिए भारत निर्वाचन आयोग केसाथ मिलकर काम किया है। उन्होंने कहाकि इस संदेश को अंतिम छोर तक पहुंचाने केलिए सीबीसी ने अपनी सभी संसाधनों का उपयोग किया है, जिसमें देश के नागरिकों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारेमें जागरुक करने केलिए दूरदराज के गांवों में लोककलाकार मंडलियों और फील्ड अधिकारियों का डेरा जमाना, युवाओं तक पहुंचने केलिए उन्नत तकनीकी घटकों का उपयोग करके अभियान चलाना आदि शामिल है।
फिल्म्स डिवीजन ने इन-हाउस रूपसे निर्मित पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंट्री फिल्म फर्स्ट इंक की डीवीडी सीईसी को निर्देशक केएस श्रीधर ने प्रस्तुत की। यह फिल्म हिमाचल प्रदेश के पहले मतदाता एसएस नेगी के जीवन पर है, जिनका हालही में निधन हो चुका है, मल्टीमीडिया प्रदर्शनी में उनको श्रद्धांजलि के रूपमें इसे प्रदर्शित किया जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त ने प्रदर्शनी का दौरा किया और उपस्थित मतदाताओं से बातचीत की, ताकि उन्हें मतदाता के रूपमें पंजीकृत होने और चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने केलिए प्रेरित किया जा सके। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीकांत देशपांडे, पुणे के जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ राजेश देशमुख और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कालभरी काले भी उपस्थित थे।