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Wednesday 23 November 2022 11:49:01 AM
सिएम रीप (कंबोडिया)। भारत-आसियान संबंधों की 30वीं वर्षगांठ मनाने केलिए कंबोडिया के सिएम रीप में भारत-आसियान रक्षामंत्रियों की पहली बैठक हुई, जिसे 'आसियान-भारत मैत्री वर्ष' के रूपमें भी नामित किया गया है। बैठक की सहअध्यक्षता रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री एवं रक्षामंत्री जनरल टी बान ने की। यह बैठक 9वीं आसियान रक्षामंत्रियों की बैठक प्लस से पहले हुई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आसियान देशों केसाथ भारत के ऐतिहासिक एवं मजबूत संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि भारत-आसियान संबंध हाल हीमें 12 नवंबर 2022 को कंबोडिया में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के दौरान व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ चुके हैं। राजनाथ सिंह ने कहाकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान की केंद्रीयता भारत की एक्ट ईस्ट नीति की आधारशिला है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी तरह की पहली भारत-आसियान रक्षामंत्रियों की बैठक के दौरान भारत-आसियान रक्षा संबंधों के दायरे एवं गहराई को और बढ़ाने केलिए दो प्रमुख पहल करने का प्रस्ताव दिया। रक्षामंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रमों मेसे एक 'संयुक्तराष्ट्र के पीस कीपिंग ऑपरेशंस में महिलाओं केलिए भारत-आसियान पहल' है, जिसमें भारत में संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना केंद्र में आसियान सदस्य देशोंकी महिला शांति सैनिकों केलिए आवश्यकतानुसार तैयार किएगए पाठ्यक्रम का संचालन और संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना चुनौतियों के पहलुओं को शामिल करते हुए आसियान की महिला अधिकारियों केलिए भारतमें 'टेबल टॉप अभ्यास' का आयोजन करना शामिल है। रक्षामंत्री ने स्थायी शांति सुनिश्चित करने केलिए शांति मिशनों में महिला अधिकारियों के महत्व का उल्लेख किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का घोषित दूसरा कार्यक्रम 'समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण पर भारत-आसियान पहल' था, जिसमें समुद्री प्रदूषण के महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने की दिशामें युवाओं की ऊर्जा को चैनलाइज़ करना शामिल है। रक्षामंत्री ने आसियान सदस्यों को एनसीसी द्वारा भारतीय समुद्र तटों की सफाई और भारतीय तटीय समुदाय में प्लास्टिक प्रदूषण केबारे में जागरुकता बढ़ाने के महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी साझा की। उन्होंने समुद्री क्षेत्रमें इस दिशामें सामूहिक प्रयास केलिए एनसीसी और आसियान देशों के समकक्ष युवा संगठनों केबीच समन्वय का सुझाव दिया। राजनाथ सिंह ने समुद्री प्रदूषण की घटनाओं से निपटने केलिए क्षेत्रीय प्रयासों को रेखांकित करने और इसे पूरक बनाने केलिए भारतीय तटरक्षक के चेन्नई में एक भारत-आसियान समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया केंद्र की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा।
आसियान के रक्षा नेतृत्व ने दोनों कार्यक्रमों का बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया और सर्वसम्मति एवं दृढ़ता से इसकी व्यावहारिकता एवं प्रासंगिकता के लिए समर्थन दिया गया। आसियान के रक्षामंत्रियों नेभी इस क्षेत्रमें भारत की सकारात्मक भूमिका को स्वीकार किया। राजनाथ सिंह ने मुक्त, खुले, समावेशी और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र केलिए भारत की निरंतर वकालत के बारेमें सूचित किया। इसके साथही क्षेत्रमें समुद्री सुरक्षा केलिए भारत तथा आसियान को मिलकर काम करने की आवश्यकता का भी सुझाव दिया। उन्होंने अगले वर्ष मई में होनेवाले पहले भारत-आसियान समुद्री अभ्यास केलिए आसियान के सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। आसियान फोरम ने क्षेत्रमें शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने केलिए भारत-आसियान संबंधों के महत्व को स्वीकार किया।