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Saturday 3 December 2022 05:26:56 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर आज नई दिल्ली में वर्ष 2021 और 2022 केलिए राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहाकि संयुक्तराष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार विश्वभर में एक अरब सेभी अधिक दिव्यांगजन हैं, इसका अर्थ यह हुआकि विश्व में हर आठवां व्यक्ति किसी न किसी तरह की दिव्यांगता में है। उन्होंने कहाकि भारत की दो प्रतिशत से अधिक की आबादी दिव्यांग है, इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती हैकि हम यह सुनिश्चित करेंकि दिव्यांगजन सम्मानपूर्वक मुक्त जीवन जी सकें।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हमारा यहभी कर्तव्य हैकि हम सुनिश्चित करेंकि दिव्यांगजनों को अच्छी शिक्षा मिले, वे अपने घरों एवं समाज में सुरक्षित रहें, उन्हें अपना करियर चुनने की आजादी हो और रोज़गार के समान अवसर मिलें। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय संस्कृति और परंपरा में दिव्यांगता को कभीभी ज्ञान तथा उत्कृष्टता प्राप्त करने के मार्ग में अवरोध नहीं समझा गया है, प्रायः देखा गया हैकि दिव्यांगजनों में नैसर्गिक रूपसे उत्कृष्ट गुण होते हैं, ऐसे अनेक उदाहरण है, जहां हमारे दिव्यांग भाइयों और बहनों ने अपने अदम्य साहस, प्रतिभा और संकल्प के बलपर अनेक क्षेत्रों में प्रभावशाली उपलब्धियां अर्जित की हैं, यदि उन्हें सही माहौल में पर्याप्त अवसर दिए जाएं तो वे हर क्षेत्र में निखरेंगे।
राष्ट्रपति ने कहाकि शिक्षा ही हर व्यक्ति के सशक्तिकरण की कुंजी है, इनमें दिव्यांगजन भी शामिल हैं। उन्होंने कहाकि शिक्षा में भाषाई अवरोधों को हटाने केलिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए तथा शिक्षा को दिव्यांग बच्चों के लिए अधिक सुगम बनाना चाहिए। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के समान अवसर प्राप्त होने के महत्व को रेखांकित किया गया है। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुईकि पहली से छठवीं कक्षा के श्रवणबाधित दिव्यांग बच्चों केलिए एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को भारतीय सांकेतिक भाषा में बदला गया है। उन्होंने कहाकि श्रवणबाधित छात्रों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने केलिए यह महत्वपूर्ण पहल है। राष्ट्रपति ने कहाकि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण केलिए सरकार अनेक कदम उठा रही है। उन्होंने कहाकि दिव्यांगजनों में आत्मविश्वास का संचार करना उन्हें अधिकार सम्पन्न बनाने केलिए बहुत महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति ने कहाकि दिव्यांगजों के पासभी उतनीही प्रतिभा और क्षमता होती है, जितनी सामान्य लोगों केपास तथा कभी-कभी तो उनसे ज्यादा प्रतिभा होती है, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने केलिए जरूरी हैकि उनके भीतर आत्मविश्वास का संचार किया जाए। राष्ट्रपति ने समाज के सभी वर्गों से आग्रह कियाकि वे आत्मनिर्भर बनने तथा जीवन में आगे बढ़ने केलिए दिव्यांगजनों को प्रेरित करें। उन्होंने कहाकि हमारे दिव्यांग भाई-बहन मुख्यधारा में शामिल होकर प्रभावशाली योगदान करेंगे, ऐसी स्थिति में हमारा देश प्रगतिपथ पर और तेजी से अग्रसर होगा। सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के अधीन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग हर वर्ष व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों, राज्यों एवं जिलों आदि को दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के क्षेत्रमें किएगए शानदार कामों केलिए राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार देता है।