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Thursday 15 December 2022 12:59:41 PM
दुबई। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा हैकि भारत को इंटरनेट के भविष्य पर अपनी नीति बनाने केलिए किसी अन्य देश या वैश्विक प्रणाली का पालन करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहाकि भारत में 820 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, भारतीयों केपास यह तय करने का अपना तरीका होना चाहिएकि उन्हें किस प्रकार का इंटरनेट चाहिए। उन्होंने कहाकि यूरोपीय जीडीपीआर को गोपनीयता और डेटा सुरक्षा केलिए एक स्वर्णिम मानक माना जाता है, लेकिन इससे हम सहमत नहीं होना चाहेंगे, हमारी वैश्विक इंटरनेट पर सबसे बड़ी उपस्थिति है और हमें अपनी पॉलिसी को आकार देने का अवसर मिलना चाहिए।
आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहाकि हम अपने स्वयं की ढांचागत संरचना का निर्माण करेंगे और हमारे लिए उपयुक्त रूपरेखा तैयार करेंगे। राजीव चंद्रशेखर ने दुबई में इंडिया ग्लोबल फोरम में यह बात कही। इस दौरान संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री उमर सुल्तान अल ओलमा भी उपस्थित थे। आईटी राज्यमंत्री ने परामर्श केलिए खुले हुए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक का उल्लेख करते हुए कहाकि हमारे नागरिकों के डिजिटल अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहाकि हम इसे भारत में और अन्य देशों केसाथ साझेदारी में मौजूद नवाचार केलिए पारिस्थितिकी तंत्र को धीमा करने की कीमत पर बाइनरी के रूपमें नहीं देखते हैं। राजीव चंद्रशेखर ने कहाकि सरकार इंटरनेट का कड़ाई से नियमन नहीं करेगी। उन्होंने कहाकि सरकार खुले, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह इंटरनेट के सिद्धांतों केलिए प्रतिबद्ध है।
राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारतीय बाजार का उल्लेख करते हुए कहाकि इंडिया स्टैक ने सरकार और उसके नागरिकों केबीच विश्वास कायम करने में मदद की है, इसने बाधाओं को दूर किया है और लाभार्थियों केलिए सरकारी धन का हस्तांतरण आसान बनाया है। उन्होंने कहाकि इंडिया स्टैक अन्य देशों केलिए भी अपनाने हेतु खुला है, यह वैश्विक दक्षिण या उन देशों केलिए एक अवसर का प्रतिनिधित्व करता है, जो डिजिटलीकरण की सीढ़ी को तेजीसे ऊपर चढ़ने केलिए इस दिशा में आनेवाले खर्च को उठाने में सक्षम नहीं हैं। उमर सुल्तान अल ओलमा ने इंडिया स्टैक केलिए भारत की सराहना करते हुए कहाकि भारत ने कभी किसी का अनुकरण नहीं किया, भारत ने अपना रास्ता खुद तैयार किया है, जिसका कई अन्य देश अनुकरण कररहे हैं। उन्होंने कहाकि भारत के आकार का देश एक दशक सेभी कम समय में कुछ ऐसा लागू करने में सक्षम था, जो वास्तव में बेहद अविश्वसनीय है।
राजीव चंद्रशेखर ने इससे पहले आईजीएफ में एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहाकि गलत सूचनाओं को हथियार बनाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि साइबर बुलिंग जैसे इंटरनेट उपयोगकर्ता नुकसान के मुद्दों का हवाला देते हुए डिजिटल इंडिया अधिनियम लागू किया जाएगा, जो आईटी अधिनियम का स्थान लेगा। उन्होंने कहाकि डिजिटल क्लाउड के प्रसार और इंटरनेट की सीमाहीन प्रकृति को देखते हुए भौगोलिक सीमाओं के पार डेटा प्रवाह लगभग एक जैसा है, हम विश्वसनीय भौगोलिक क्षेत्रों या 'ट्रस्ट कॉरिडोर' की पहचान करेंगे, जहां डेटा को संग्रहीत और संसाधित किया जा सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि भारतीयों का डेटा सुरक्षित है।