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Thursday 29 December 2022 03:56:03 PM
नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने रोज़गार, शिक्षा या अन्य कारणों से गृहनगर से देश में अन्यत्र बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया है। देश में कहीं सेभी अपने गृह या मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा, प्रवासी मतदाताओं को मतदान केलिए वापस अपने गृह राज्य जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। चुनाव आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन विकसित की, जो एक रिमोट पोलिंग बूथ से ही 72 तक निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान करा सकती है। निर्वाचन आयोग ने प्रोटोटाइप आरवीएम के प्रदर्शन केलिए राजनीतिक दलों को किया आमंत्रित है एवं कानूनी, प्रक्रियात्मक, प्रशासनिक और प्रौद्योगिक चुनौतियों पर राजनीतिक दलों की राय जानने केलिए अवधारणा पत्र भी जारी किया है। निर्वाचन आयोग का कहना हैकि प्रौद्योगिकीय युग में प्रवासन के आधार पर मतदान के अधिकार से वंचित करना स्वीकार योग्य विकल्प नहीं है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में हितधारकों केलिए विश्वसनीय, सुगम और स्वीकार्य प्रौद्योगिकीय समाधान की तलाश करने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं केलिए रिमोट मतदान केंद्रों अर्थात गृह निर्वाचन क्षेत्र केलिए रोज़गार एवं शिक्षा स्थल के मतदान केंद्रों से मतदान करने में सक्षम करने केलिए समय की कसौटी पर खरे उतरे M3 ईवीएम मॉडल के संशोधित संस्करण का उपयोग करने का विकल्प ढूंढा है। इस तरह प्रवासी मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने केलिए वापस अपने गृह जिले की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी। निर्वाचन आयोग सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित उद्यम के सहयोग से घरेलू प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी को संभव करने केलिए उनके रिमोट लोकेशन अर्थात शिक्षा या रोज़गार आदि के प्रयोजन से उनके मौजूदा निवास स्थान से उनके गृह निर्वाचन क्षेत्रों केलिए मतदान करने की सुविधा प्रदान करने केलिए एक बहुनिर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को प्रायोगिक तौरपर शुरू करने केलिए तैयार है।
ईवीएम का यह संशोधित रूप एक एकल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करा सकता है। यह पहल प्रवासियों केलिए एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन लेकर आने की क्षमता रखती है और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मददगार होगी, क्योंकि कई बार वे विभिन्न कारणों से अपने कार्यस्थान पर स्वयं को मतदाता के रूपमें पंजीकृत करवाने के प्रति अनिच्छुक रहते हैं। माना जाता हैकि एक मतदाता के निवास के नए स्थान में पंजीकरण न कराने और मतदान करने के अधिकार का प्रयोग करने का अवसर गंवाने के अनेक कारण होते हैं। वोटर टर्नआउट में सुधार लाने और निर्वाचन में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशामें एक प्रमुख बाधा आंतरिक प्रवासन के कारण मतदाताओं का मतदान न कर पाना भी है, जिसका समाधान किया जाना आवश्यक है। हालांकि देश के भीतर प्रवासन केलिए कोई केंद्रीय डेटाबेस उपलब्ध नहीं है, फिरभी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता हैकि रोज़गार, शादी और शिक्षा से संबंधित प्रवासन समग्र घरेलू प्रवासन का महत्वपूर्ण घटक है। अगर समग्र घरेलू प्रवासन को देखें तो ग्रामीण आबादी केबीच बहिर्प्रवासन बड़े पैमाने पर देखा गया है। आंतरिक प्रवासन का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा राज्यों के भीतर होता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार चमोली जिले के दुमक गांव के दूरस्थ मतदान केंद्र की अपनी पैदल यात्रा से आंतरिक प्रवासन की समस्या से सीधे रूबरू हुए और उन्होंने अपना ध्यान इस बात पर केंद्रित कियाकि प्रवासी मतदाताओं को निवास के उनके वर्तमान स्थान सेही मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जाए। चुनाव आयोग की टीम ने सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों पर प्रवासियों की चुनावी भागीदारी को संभव बनाने केलिए सर्वसमावेशी समाधान ढूंढने और मतदान करने की वैकल्पिक पद्धतियों जैसे दो तरफ़ा प्रत्यक्ष ट्रांजिट पोस्टल बैलट, परोक्षी मतदान, विशेष समय-पूर्व मतदान केंद्रों में जल्दी मतदान, डाक मतपत्रों का एकतरफा या दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रेषण, इंटरनेट आधारित मतदान प्रणाली आदि सभी विकल्पों पर विचार-विमर्श किया है और इसे कार्यांवित करने केलिए कानूनी, वैधानिक, प्रशासनिक और प्रौद्योगिकीय पहल की जरूरत बताई है। अन्य विषयों के साथही घरेलू प्रवासियों को परिभाषित करने, आदर्श आचार संहिता लागू करने, मतदान की गोपनीयता बनाए रखने, मतदाताओं की पहचान के लिए पोलिंग एजेंटों को सुविधा देने, रिमोट मतदान की प्रक्रिया और पद्धति तथा मतों की गणना में आनेवाली चुनौतियों का उल्लेख करते हुए सभी राजनैतिक दलों केबीच एक अवधारणा पत्र परिचालित किया गया है।
चुनाव आयोग ने बहुनिर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन करने केलिए सभी मान्यताप्राप्त 8 राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को 16 जनवरी 2023 को आमंत्रित किया है। इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। आयोग ने अपेक्षित विधिक परिवर्तनों, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में परिवर्तनों और घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान की पद्धति/ आरवीएम/ प्रौद्योगिकी यदि कोई हो सहित विभिन्न संबंधित मामलों पर मान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों से 31 जनवरी 2023 तक लिखित मंतव्य देने का भी अनुरोध किया है। विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटॉइप के प्रदर्शन के आधार पर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को क्रियांवित करने की प्रक्रिया को उपयुक्त तरीके से आगे ले जाएगा। आम चुनाव 2019 में 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था और निर्वाचन आयोग 30 करोड़ से अधिक निर्वाचकों के मतदान करने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं करने और विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग होने को लेकर सजग है।