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Saturday 7 January 2023 04:27:28 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज एक कार्यक्रम में डिजिटल इंडिया अवार्ड्स-2022 प्रदान किए और इसके सातवें संस्करण को संबोधित करते हुए कहाकि सभी स्तरों पर अभिनव डिजिटल पहलों को प्रोत्साहित और सम्मानित करने का यह एक अनुकरणीय अवसर है। उन्होंने कहाकि डिजिटल इंडिया अवार्ड्स न केवल सरकारी संस्थाओं, बल्कि स्टार्टअप्स कोभी डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को प्राप्त करने केलिए स्वीकार और प्रेरित करता है, यह भारत को डिजिटल रूपसे सशक्त समाज में बदलने की दिशामें एक कदम है, जहां डिजिटल गवर्नेंस के प्रभावी उपयोग से लोगों की क्षमता का पता चलता है। राष्ट्रपति ने कहाकि भविष्य में बदलाव की गति काफी तेज होगी और तकनीक के इस्तेमाल से संचालित होगी, इस संदर्भ में सामाजिक न्याय डिजिटल नवाचारों का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहाकि भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूपमें तभी विकसित होगा, जब प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिए डिजिटल अंतर को काफी हदतक पाट दिया जाएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विश्वास जतायाकि डिजिटल अंत्योदय की हमारी यात्रा में भारत समाज के कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्गों को शामिल करने, आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को मजबूत करने का सही उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने कहाकि डिजिटल प्रौद्योगिकियों ने सरकार को एक बटन के क्लिक पर देशके दूरस्थ भागों तक पहुंचने में सक्षम बनाया है, भारत के डिजिटल परिवर्तन की कहानी नवाचार, कार्यांवयन और समावेश की कहानी है एवं दुनिया को अधिक सुलभ और न्यायसंगत स्थान बनाने केलिए अभिनव समाधान खोजने केलिए सहयोगी मंच बनाने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहाकि आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाने वाली तकनीक को सामाजिक स्तरपर स्वीकार किया जाता है, मैंने देखा हैकि बमुश्किल साक्षर लोग भी बैंक खातों को संचालित करने और अपने अधिकारों का दावा करने केलिए प्रौद्योगिकी के उपयोग में कुशल हो रहे हैं, इसी जागरुकता को सुशासन की ताकत बनाया जाए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि इसमें कोई संदेह नहीं हैकि डिजिटलीकरण सेवा वितरण प्रणाली में दक्षता, प्रभावशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाता है और नागरिकों में विश्वास पैदा करता है। उन्होंने कहाकि भारत ने नागरिकों को डिजिटल सेवाओं तक सस्ती पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देनेवाली नवीन डिजिटल परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। उन्होंने कहाकि कोरोना महामारी का सामना करने में हमारे सक्रिय तकनीकी हस्तक्षेपों ने महामारी प्रबंधन में मदद की और महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं की परिचालन निरंतरता सुनिश्चित की, परिणामस्वरूप भारत एक लचीली अर्थव्यवस्था और जनकेंद्रित शासन केलिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए एक महत्वपूर्ण देशके रूपमें उभरा है। राष्ट्रपति ने कहाकि वास्तव में इस दिशामें भारत की सफलता विशेष रूपसे महामारी के दौरान शेष विश्व केलिए भी अनुकरणीय और लाभकारी रही है, इस प्रकार डिजिटल इंडिया भी विश्वमंच पर देशकी छवि को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहाकि यह औरभी अधिक प्रासंगिक हो जाता है, क्योंकि भारत जी20 की अध्यक्षता संभालेगा, जो एक मील का पत्थर है, यहां उल्लेखनीय बात यह हैकि भारत, लोकतंत्र की जननी के रूपमें हमारी मिट्टी में निहित लोकतांत्रिक परंपराओं को गहरा करने केलिए इन तकनीकी नवाचारों का पर्याप्त रूपसे उपयोग कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहाकि पिछले साल भारत ने स्वदेशी 5G नेटवर्क सेवाएं लॉंच कीं, जो उच्च डेटा गति, बड़ी संख्या में उपकरणों केलिए विश्वसनीय कनेक्टिविटी और बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को बहुत तेज़ीसे संसाधित करने की क्षमता प्रदान करती हैं, इससे शासन और समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा। राष्ट्रपति ने कहाकि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और इसके संगठन विशेष रूपसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र एक परेशानी मुक्त सरकार-नागरिक इंटरफेस प्रदान करने का उत्कृष्ट काम कर रहे हैं। उन्होंने यह जानकर खुशी व्यक्त कीकि भारतीय आईटी कंपनियों ने दुनिया को भारतीय प्रतिभा के मूल्य का एहसास कराने में उल्लेखनीय काम किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सॉफ्टवेयर में अपनी ताकत साबित करने केबाद भारत को सॉफ्टवेयर उत्पादों का हब बनने का प्रयास करना चाहिए, हमें प्रचलित नीतियों का लाभ उठाना चाहिए और नवीन मेड इन इंडिया तकनीकों का निर्माण करके देश को सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उत्पादों केलिए वैश्विक पावरहाउस के रूपमें स्थापित करने केलिए पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम बनाना चाहिए। उन्होंने कहाकि डेटा नए ज्ञान, अंतर्दृष्टि और इस प्रकार समाधान बनाने की आधारशिला है और आवेदन के पूरे नए क्षेत्रों की ओर ले जाता है। राष्ट्रपति ने कहाकि हमें सरकारी डेटा के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि युवा प्रौद्योगिकी उत्साही इसका उपयोग स्थानीयकृत डिजिटल समाधान बनाने केलिए कर सकें। उन्होंने कहाकि डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ड्रोन जैसी नई तकनीकें हमारे जीने के तरीके को काफी हद तक बदल रही हैं, दैनिक जीवन में ये प्रौद्योगिकियां सार्वजनिक स्वास्थ्य और वित्त के क्षेत्रमें आमूल-चूल परिवर्तन लाएंगी। उन्होंने कहाकि उन्हें सरकारी संस्थाओं की जमीनी स्तरपर और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने केलिए स्टार्टअप्स के सहयोग से की गई अभिनव पहलों को देखकर प्रसन्नता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हमें नागरिकों के जीवन को आसान बनाने केलिए अभिनव समाधान देने केलिए खुद को चुनौती देनी होगी, चाहे वह न्यायपालिका हो, भूमि पंजीकरण हो, उर्वरक हो या सार्वजनिक वितरण प्रणाली हो, इस तरह की कई पहलों ने इस साल विजेताओं की सूची में जगह बनाई है। राष्ट्रपति ने डिजिटल इंडिया अवार्ड्स की स्थापना और प्रबंधन, शासन के सभी स्तरों पर डिजिटल इंडिया के उद्देश्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका केलिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और एनआईसी की सराहना की। उन्होंने कहाकि वर्ष 2022 केलिए 7 श्रेणियों में 22 डिजिटल इंडिया अवार्ड प्राप्तकर्ताओं ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरपर सकारात्मक बदलाव लाया है, नागरिक सशक्तिकरण और डेटा साझाकरण मंच से लेकर व्यापार करने में आसानी तक लोगों को लाभ पहुंचाने केलिए विविध प्रकार के नवाचारों को देखकर खुशी है। उन्होंने प्रतिभागियों को डिजिटल गवर्नेंस के जरिए नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के औरभी तरीके विकसित करने केलिए प्रोत्साहित किया।