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फेक न्यूज़ इकोनॉमी बना रहे यूट्यूब चैनल!

फेक न्यूज़ से निपटने के लिए पीआईबी फैक्ट चेक में हुआ खुलासा

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने छह और यूट्यूब चैनलों का किया भंडाफोड़

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 12 January 2023 04:45:43 PM

youtube channel making fake news economy

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने यूट्यूब चैनलों पर चलने वाली फर्जी खबरों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए छह यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया है, जो भारत में समन्वित तरीके से काम कर रहे थे और गलत जानकारी फैला रहे थे। पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने इन चैनलों की फैलाई जा रही फर्जी खबरों का मुकाबला करने केलिए 100 से ज्यादा फैक्ट चेक वाले छह अलग-अलग ट्विटर थ्रेड जारी किए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय केतहत यूनिट की ओरसे यह दूसरी ऐसी कार्रवाई की गई है, जहां इन यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया गया है ये हैं-नेशन टीवी, संवाद टीवी, सरोकार टीवी, नेशन 24, स्वर्णिम भारत, संवाद समाचार।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और चुनाव आयोग से संबंधित फर्जी समाचारों को चलाने केलिए इन यूट्यूब चैनलों ने क्लिकबेट थंबनेल का इस्तेमाल किया है। इनके लगभग 20 लाख सब्सक्राइबर हैं और इन यूट्यूब चैनलों के वीडियो को 51 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है। इन यूट्यूब चैनलों ने चुनाव, भारत के सर्वोच्च न्यायालय और भारत की संसद में कार्यवाही, भारत सरकार के कामकाज आदि केबारे में फर्जी खबरें फैलाई हैं, उदाहरणों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर प्रतिबंध के बारेमें झूंठे दावे और झूंठे बयान शामिल हैं, भारत के राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित वरिष्ठ संवैधानिक पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। ये
सूचना और प्रसारण मंत्रालय का आम जनता को सावधान करते हुए कहना हैकि ऐसे और भी कई यूट्यूब चैनल एक नकली समाचार अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं, जो नकली समाचारों से कमाई पर पनप रहे हैं, ये नकली, क्लिकबेट और सनसनीखेज थंबनेल और टीवी चैनलों के टेलीविजन समाचार एंकरों की छवियों का उपयोग दर्शकों को यह विश्वास दिलाने केलिए करते हैंकि समाचार प्रामाणिक हैं और उनके प्रकाशित वीडियो से कमाई करने केलिए उनके चैनलों पर व्यूज जुटाते हैं। पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट का यह बड़ा खुलासा है, इससे पहले 20 दिसंबर 2022 को कार्रवाई करते हुए फर्जी समाचार फैलाने वाले तीन यूट्यूब चैनलों का पर्दाफाश किया था, जिनपर सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से कड़ी कार्रवाई भी की गई।

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