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Friday 13 January 2023 02:14:02 PM
हुबली (कर्नाटक)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुबली में 26वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया, जो स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मनाए जानेवाले राष्ट्रीय युवा दिवस पर उनके आदर्शों, शिक्षाओं, योगदानों को सम्मान देने और संजोने केलिए आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव का विषय 'विकसित युवा-विकसित भारत' है और यह देशके सभी हिस्सों से विविध संस्कृतियों को एक मंच पर लाता है और प्रतिभागियों को एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना से जोड़ता है। विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि कर्नाटक का हुबली क्षेत्र अपनी संस्कृति, परंपरा और ज्ञान केलिए जाना जाता है, जहां कई महान हस्तियों को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने बतायाकि इस क्षेत्र ने पंडित कुमार गंधर्व, पंडित बासवराज राजगुरु, पंडित मल्लिकार्जुन मंसूर, भारतरत्न भीमसेन जोशी और पंडिता गंगूबाई हंगल जैसे कई महान संगीतकार दिए हैं और इन हस्तियों को नमन किया। वर्ष 2023 में राष्ट्रीय युवा दिवस के महत्व पर प्रधानमंत्री ने कहाकि एक ओर हमारे पास उत्साहपूर्ण राष्ट्रीय युवा महोत्सव है और दूसरी ओर आजादी का अमृत महोत्सव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद के संदेश-उठो, जागो और लक्ष्य तक मत रुको को उद्धृत करते हुए कहाकि स्वामी विवेकानंद का यह उद्घोष भारत के युवाओं का जीवन मंत्र है। उन्होंने कहाकि अमृत काल में देश को आगे ले जाने केलिए हमें अपने कर्तव्यों को समझना चाहिए और उनपर जोर देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस प्रयास में स्वामी विवेकानंद से मिली प्रेरणा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कर्नाटक की भूमि केसाथ स्वामी विवेकानंद के जुड़ाव पर कहाकि स्वामीजी ने कईबार कर्नाटक का दौरा किया और मैसूर महाराजा उनकी शिकागो यात्रा के प्रमुख समर्थकों में से एक थे। उन्होंने कहाकि स्वामीजी का भारत भ्रमण राष्ट्र की चेतना की एकरूपता का साक्षी है और यह एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का एक शाश्वत उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भविष्य और राष्ट्र का विकास तब आसान हो जाता है, जब हमारे पास युवा शक्ति होती है। उन्होंने कहाकि कर्नाटक की भूमि ने देश को कई महान विभूतियां दी हैं, जिन्होंने राष्ट्र केप्रति अपने कर्तव्यों को सबसे अधिक महत्व दिया और बहुत कम उम्र में असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चित्तूर की महारानी चेन्नम्मा और सांगोली रायन्ना का उदाहरण दिया, जिनके साहस ने ब्रिटिश साम्राज्य के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया। प्रधानमंत्री ने नारायण महादेव डोनी काभी जिक्र किया, जिन्होंने 14 वर्ष की छोटी उम्र में देश केलिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उन्होंने लांस नायक हनुमंथप्पा कोप्पड का जिक्र किया, जो सियाचिन में -55 डिग्री सेल्सियस के तापमान में जीवित रहे। देश की बहुमुखी युवा प्रतिभा केबारे में प्रधानमंत्री ने कहाकि भारतीय युवा हर क्षेत्र में नए मुकाम हासिल कर रहा है और 21वीं सदी का यह समय बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज भारत एक विशाल युवा आबादी वाला युवा देश है। प्रधानमंत्री ने कहाकि युवा शक्ति भारत की यात्रा की प्रेरक शक्ति है, अगले 25 वर्ष राष्ट्र निर्माण केलिए अहम है, युवा शक्ति के सपने और आकांक्षाएं भारत की दिशा व मंजिल तय करती हैं और युवा शक्ति का जुनून भारत की राह तय करता है, युवा शक्ति का दोहन करने केलिए हमें अपने विचारों-प्रयासों से युवा होना चाहिए, युवा होना हमारे प्रयासों में गतिशील होना है, युवा होना हमारे परिप्रेक्ष्य में मनोरम होना है, युवा होना व्यावहारिक होना है। उन्होंने कहाकि यदि दुनिया समाधान के लिए हमारी ओर देखती है तो यह हमारी अमृत पीढ़ी के प्रतिबद्धता के कारण है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत आज 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हमारा लक्ष्य इसे शीर्ष 3 में ले जाना है। प्रधानमंत्री ने कृषि और खेल क्षेत्र में उभरते अवसरों को दोहराया और इस क्रांति केलिए युवाओं की शक्ति को श्रेय दिया। देश के इतिहास में वर्तमान क्षण के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित कियाकि अर्थव्यवस्था, शिक्षा, खेल और स्टार्टअप के क्षेत्रमें मजबूत नींव रखी जा रही है। उन्होंने कहाकि दुनिया भारत और इसके युवाओं केप्रति बेहद आशावाद है, दुनिया में कहा जारहा हैकि यह सदी भारत की सदी है, यह सदी भारत के युवाओं की सदी है, यह एक ऐतिहासिक समय है, जब आशावाद और अवसर एक साथ हैं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की ताकत को जीवित रखने में महिला शक्ति की भूमिका पर जोर दिया और सशस्त्र बलों, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और खेल में महिलाओं के बेहतर करने के उदाहरण दिए। नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने केलिए अत्याधुनिक सोच और दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया और कहाकि यह जरूरी हैकि युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने केलिए हम सकारात्मक प्रयास करें और विकसित राष्ट्रों से भी आगे बढ़ें। अत्याधुनिक क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि जो नौकरियां है ही नहीं, वे भविष्य में हमारे युवाओं केलिए मुख्यधारा के व्यवसाय होंगे, इसलिए युवाओं को भविष्य के कौशल केलिए तैयार करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से उभररही व्यवहारिक और भविष्योन्मुखी शिक्षा व्यवस्था का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद के दो संदेशों पर जोर दिया जो आज की इस तेजी से बदलती दुनिया में हर युवा के जीवन का हिस्सा बनने चाहिए, ये दो संदेश हैं-संस्थाएं और नवाचार। प्रधानमंत्री ने बतायाकि एक संस्था तब बनती है, जब हम अपने विचार का विस्तार करते हैं और टीम भावना केसाथ काम करते हैं और आज के प्रत्येक युवा से टीम की सफलता के रूपमें अपनी व्यक्तिगत सफलता को बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि यह टीम भावना विकसित भारत को 'टीम इंडिया' के रूपमें आगे बढ़ाएगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रत्येक कार्य को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है-उपहास, विरोध और स्वीकृति। उन्होंने डिजिटल भुगतान, स्वच्छ भारत अभियान, जनधन योजना और स्वदेश में निर्मित कोविड वैक्सीन का उदाहरण दिया और टिप्पणी कीकि जब पहलीबार इसे पेश किया गया था तो इसका मजाक उड़ाया गया था। उन्होंने कहाकि आज भारत डिजिटल भुगतान में विश्व में अग्रणी है, जन धन खाते हमारी अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बन गए हैं और टीकों के क्षेत्र में भारत की उपलब्धि की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यदि आपके पास कोई नया विचार है तो याद रखेंकि आपका उपहास बनाया जा सकता है या विरोध किया जा सकता है, लेकिन यदि आप अपने विचार में विश्वास करते हैं तो उसपर टिके रहें, उसपर भरोसा रखें।
प्रधानमंत्री ने बतायाकि देश में युवाओं को साथ लेकर कई नए प्रयास और प्रयोग किए जारहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश के अलग-अलग राज्यों के युवा राष्ट्रीय युवा महोत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं, यहां इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतता है, क्योंकि अंततः ये भारत की ही जीत होगी। उन्होंने कहाकि यहां के युवा न केवल एक-दूसरे केसाथ प्रतिस्पर्धा करेंगे, बल्कि सहयोग भी करेंगे और हमारी कामयाबी हमारे देश की कामयाबी से मापी जाती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे देश का लक्ष्य है-विकसित भारत, सशक्त भारत, हम तबतक नहीं रुक सकते, जबतक विकसित भारत का ये सपना पूरा नहीं हो जाता है। प्रधानमंत्री ने भरोसा व्यक्त कियाकि देश का हर युवा इस सपने को अपना बनाएगा और देशकी ये जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएगा। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यमंत्री निसिथ प्रमाणिक और कर्नाटक सरकार के मंत्री भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय युवा महोत्सव की पृष्ठभूमि हैकि प्रतिभावान युवाओं को राष्ट्रीय स्तरपर पहचान दिलाने और राष्ट्र निर्माण की ओर उन्हें प्रेरित करने केलिए हर साल इसका आयोजन किया जाता है। ये देश के सभी हिस्सों से विविध संस्कृतियों को एक साझे मंच पर लाता है और प्रतिभागियों को एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना से जोड़ता है।
राष्ट्रीय युवा महोत्सव 12 से 16 जनवरी तक कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ में होरहा है, यहां युवा शिखर सम्मेलन में जी20 और वाई20 आयोजनों से जुड़े पांच विषयों पर चर्चाएं होंगी। ये विषय हैं-काम, उद्योग, नवाचार और 21वीं सदी के कौशल का भविष्य, जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम में कमी, शांति निर्माण और सुलह, साझा भविष्य-लोकतंत्र और शासन में युवा और स्वास्थ्य व कल्याण। शिखर सम्मेलन में 60 से ज्यादा जाने-माने विशेषज्ञों की भागीदारी देखने को मिलेगी। कई प्रतिस्पर्धी और गैर-प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। प्रतिस्पर्धी कार्यक्रमों में लोकनृत्य और गीत प्रतियोगिताएं शामिल होंगी और इन्हें स्थानीय पारंपरिक संस्कृतियों को प्रोत्साहन प्रदान करने केलिए आयोजित किया जाएगा। गैर-प्रतिस्पर्धी आयोजनों में योगाथॉन शामिल होगा, जिसका उद्देश्य योग करने केलिए करीब 10 लाख लोगों को जुटाना है। राष्ट्रीयस्तर के कलाकार आयोजन के दौरान आठ स्वदेशी खेल और मार्शल आर्ट्स प्रस्तुत करेंगे। यहां के अन्य आकर्षणों में फूड फेस्टिवल, यंग आर्टिस्ट कैंप, एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज और नो योर आर्मी, नेवी एंड एयर फोर्स के स्पेशल कैंप शामिल हैं।