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Saturday 21 January 2023 12:37:11 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय केतहत उपभोक्ता कार्य विभाग ने प्रसिद्ध लोगों, प्रभावशाली व्यक्तियों और सोशल मीडिया पर असर डालने वाली जानी-मानी हस्तियों केलिए 'एंडोर्समेंट नो-हाउ!' नाम से दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस दिशा निर्देशिका का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना हैकि विज्ञापन बनाने वाले उत्पादों या सेवाओं का विज्ञापन करते समय अपने श्रोताओं एवं दर्शकों या उपभोक्ताओं को गुमराह न करें और विज्ञापन, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम तथा किसीभी संबंधित नियम या दिशानिर्देशों के अनुपालन मेही प्रदर्शित हों। उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने 'एंडोर्समेंट नो-हाउ!' दिशा निर्देशिका जारी करते हुए कहाकि तेजीसे बढ़ती डिजिटल दुनिया केलिए फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म तथा सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच केसाथ ही विज्ञापन अब प्रिंट, टेलीविजन या रेडियो जैसे पारंपरिक मीडिया तकही सीमित नहीं रह गए हैं, ऐसे में नियमों का स्पष्ट होना आवश्यक है। उन्होंने कहाकि इससे विज्ञापनों के प्रचार और अनुचित व्यापार प्रणालियों से उपभोक्ताओं के गुमराह होने का खतरा बढ़ गया है।
उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव ने कहाकि 'एंडोर्समेंट नो-हाउ!' दिशा निर्देशिका यह निर्दिष्ट करती हैकि किसीभी विज्ञापन में स्पष्टीकरण को प्रमुखता से और साफ-साफ शब्दों में प्रदर्शित किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें याद करना बेहद मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहाकि कोईभी प्रसिद्ध सेलिब्रिटी, जिसकी उपभोक्ताओं तक अधिक पहुंच है और वह किसी उत्पाद, सेवा, ब्रांड या अनुभव के बारेमें उनके क्रय निर्णयों या विचारों को प्रभावित कर सकता है तो उसे विज्ञापनदाता केसाथ किसीभी अपने भौतिक संबंध का खुलासा करना चाहिए, इसमें न केवल लाभ और प्रोत्साहन शामिल हैं, बल्कि मौद्रिक या अन्य फायदे, यात्राएं अथवा होटल में ठहरने, मीडिया बार्टर्स, कवरेज तथा पुरस्कार, शर्तों केसाथ या बिना मुफ्त उत्पाद, छूट, उपहार और कोईभी पारिवारिक या व्यक्तिगत अथवा रोज़गार संबंध शामिल हैं। रोहित कुमार सिंह ने कहाकि विज्ञापन सरल, स्पष्ट भाषा में किया जाना चाहिए और किसीभी उत्पाद के प्रचार केलिए 'विज्ञापन', 'प्रायोजित' या 'सशुल्क प्रचार' शब्द का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहाकि ऐसे किसीभी उत्पाद या सेवा और कार्य का विज्ञापन नहीं करना चाहिए, जिसमें मूल बातों को उचित तरीके से व्यक्त न किया गया हो या जिसे उन्होंने व्यक्तिगत रूपसे इस्तेमाल अथवा अनुभव नहीं किया हो।
रोहित कुमार सिंह ने कहाकि दिशा निर्देशिका को 2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप जारी किया गया है, अधिनियम ने उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार कार्य प्रणालियों और भ्रामक विज्ञापनों से बचाने केलिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। उपभोक्ता कार्य विभाग ने 9 जून 2022 को भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और प्रचार केलिए दिशानिर्देश प्रकाशित किए थे, ये दिशानिर्देश वैध विज्ञापनों के मानदंड और निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, विज्ञापनदाताओं तथा विज्ञापन एजेंसियों की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हैं। इन दिशानिर्देशों ने मशहूर हस्तियों और विज्ञापन बनाने वालों केलिए निर्देश स्पष्ट किए हैं। इसमें कहा गया हैकि किसीभी रूप, प्रारूप या माध्यम में भ्रामक विज्ञापन कानून द्वारा प्रतिबंधित है। दिशानिर्देश जारी करने केलिए आयोजित प्रेस कॉंफ्रेंस में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए सोशल मीडिया पर असर डालने वाली कई जानी-मानी हस्तियों और एजेंसियों ने भाग लिया। उद्योग जगत ने इन दिशानिर्देशों को जारी करने की सराहना की और समर्थन दिया। उन्होंने कहाकि इससे उद्योग को और मजबूती मिलेगी तथा उपभोक्ता हितों की रक्षा होगी।