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एससीओ फिल्म महोत्सव मुंबई में शुरू

विश्व सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ सहयोग और अनुभव का अवसर

एससीओ की फिल्म विविधता और निर्माण शैलियों का प्रदर्शन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 28 January 2023 01:24:29 PM

sco film festival begins in mumbai

मुंबई। शंघाई सहयोग संगठन फिल्म महोत्सव मुंबई के एनसीपीए में फ़िल्मी सितारों से भरे एक भव्य उद्घाटन समारोह और भारत की विविधता को प्रदर्शित करनेवाली एक रंगीन सांस्कृतिक शाम केसाथ शुरू हो चुका है। भारतीय सिनेमा केसाथ-साथ एससीओ देशों की लोकप्रिय फिल्मी हस्तियों की उपस्थिति में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर एवं केंद्रीय विदेश कार्य और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने एससीओ फिल्म महोत्सव का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि हेमा मालिनी और अक्षय कुमार, टाइगर श्रॉफ, साजिद नाडियाडवाला, ईशा गुप्ता, पूनम ढिल्लों, एली अवराम, ऋषिता भट्ट और जैकी भगनानी जैसी प्रतिष्ठित फिल्मी हस्तियों का सम्मान किया गया। एससीओ फिल्म महोत्सव के सात ज्यूरी सदस्य-चीन की फिल्म निर्देशक निंग यिंग, कजाकिस्तान के संगीतकार दिमाश कुदाईबर्गेन, किर्गिस्तान की फिल्मकार और फिल्म समीक्षक गुलबारा तोलोमुशोवा, रूसी फिल्म निर्माता और पत्रकार इवान कुद्रयावत्सेव, तजाकिस्तान के फिल्म निर्माता अभिनेता और लेखक मेहमदसैद शोहियों, उज्बेकिस्तान के अभिनेता मत्यकुब सादुल्लायेविच माचानोव और ज्यूरी के अध्यक्ष एवं प्रशंसित भारतीय फिल्मकार राहुल रवैल को भी सम्मानित किया गया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने स्वागत भाषण में कहाकि एससीओ फिल्म महोत्सव फिल्मकारों केलिए नेटवर्क, प्रस्तुति, सहयोग और सिनेमा की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अनुभव केलिए अद्वितीय अवसर और अविश्वसनीय संभावनाएं प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहाकि एससीओ फिल्म महोत्सव का आयोजन एससीओ में भारत की अध्यक्षता को रेखांकित करने केलिए किया जारहा है और महोत्सव के आयोजन का लक्ष्य एससीओ क्षेत्र की फिल्मों की विविधता और फिल्म निर्माण की विभिन्न शैलियों को प्रदर्शित करना है। उन्होंने कहाकि हमारा उद्देश्य सिनेमाई साझेदारी, कार्यक्रमों का आदान-प्रदान, युवा फिल्म निर्माण प्रतिभाओं को सहयोग देना और इस अनूठे क्षेत्र की संस्कृतियों केबीच एक सेतु के रूपमें काम करना है। अनुराग ठाकुर ने कहाकि सिनेमा की कला को एकजुट करने और बढ़ावा देने तथा सिनेमाई साझेदारी करने की भावना केसाथ एससीओ और एनएफडीसी का उद्देश्य एससीओ फिल्म महोत्सव को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समुदाय, नवोदित फिल्मकारों और एससीओ क्षेत्रके सिनेप्रेमियों केलिए एक सामूहिक सिनेमाई अनुभव प्रदान करना है।
सूचना प्रसारण मंत्री ने कहाकि नेटवर्किंग में तेजी लाना और भारतीय सिनेमा को आगे बढ़ाना एससीओ फिल्म महोत्सव के मूल में है। उन्होंने कहाकि एससीओ की भारत की अध्यक्षता में यह महोत्सव असंख्य जीवंत संस्कृतियों, सौंदर्य संवेदनाओं के प्रदर्शन और सिनेमाई उत्कृष्टता का एक अवसर सिद्ध होगा। उन्होंने कहाकि हमें इस प्लेटफार्म का उपयोग समकालीन समय की आवश्यक चिंताओं पर विचार-विमर्श करने और उसपर ध्यान केंद्रित करने केलिए करना चाहिए, ताकि वे सिनेमा के माध्यम से वर्तमान सदी और हमारे लोगों की वास्तविकताओं को सटीक रूपसे प्रतिबिंबित कर सकें। अनुराग ठाकुर ने कहाकि एससीओ क्षेत्र विविध सभ्यताओं और कला तथा संस्कृति की समृद्ध परंपराओं का संगम है, यह एससीओ देशों में निर्मित सिनेमा में परिलक्षित होता है, जिनकी विश्वस्तर पर सराहना की जाती है और पुरस्कार दिए जाते हैं। उन्होंने एससीओ सदस्यों से आग्रह कियाकि हमें एकजुट होना चाहिए और ऐसी फिल्मों का सहनिर्माण करना चाहिए, जो हमारी सभ्यता, संस्कृति और सहयोग को दर्शाती हों।
अनुराग ठाकुर ने याद कियाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में मुंबई में भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय के उद्घाटन पर कहा थाकि फिल्में और समाज एक-दूसरे के प्रतिबिंब हैं, जो फिल्मों में दिखता है, वो समाज में हो रहा है और जो समाज में हो रहा है, वही फिल्मों में दिखता है। सिनेमा केबारे में केंद्रीय मंत्री ने कहाकि सिनेमा किसी देशकी समृद्ध संस्कृति, विरासत, आशाओं और सपनों, आकांक्षाओं, महत्वाकांक्षाओं एवं बदलाव के दौरमें देश की कालातीत कहानियों को बेहतर रूपमें प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहाकि सिनेमा वास्तव में समुदायों, संस्कृतियों, विरोधाभासों के मूलभाव को दिखाता है और विभिन्न सिनेमाई तरीकों से हमारे सामूहिक विवेक को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि सिर्फ एक सदी में भारतीय सिनेमा ने सीमाओं को पार किया है, उसे न केवल एक कला के रूपमें देखा जाता है, बल्कि वो दुनियाभर में लोगों एवं संस्कृतियों को जोड़ने और प्रभावित करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहाकि हम भारत को दुनिया का कंटेंट और पोस्ट प्रोडक्शन हब बनाने की तैयारी में है, जिसे हमारे फिल्ममेकिंग की शानदार प्रतिभाओं के जुनून और कौशल से ऊर्जा मिल रही है।
सूचना प्रसारण मंत्री ने कहाकि हम दुनिया में सबसे ज्यादा फ़िल्में बनाते हैं और लगातार अपडेट व इनोवेट कर रहे हैं और दुनिया की कुछ सबसे पसंदीदा फिल्मों केलिए हम एनिमेशन-वीएफएक्स का पसंदीदा विकल्प हैं और इसमें इजाफा होरहा है। अनुराग ठाकुर ने कहाकि भारत में रचनात्मक प्रतिभाओं, तकनीकी कौशल, कौशलयुक्त मैनपावर, लागत दक्षता और विश्वस्तरीय पोस्ट प्रोडक्शन सुविधाओं की सबसे बड़ी कम्युनिटी है, जो दुनियाभर में फिल्म उद्योगों को अपनी सेवाएं दे सके। उन्होंने कहाकि हमारी रचनात्मक अर्थव्यवस्था ओटीटी प्लेटफार्मों का लाभ उठा रही है और मोदी सरकार की नीतियां भी उद्योग की जरूरतों के साथ तालमेल बिठाकर आगेकी ओर देख रही हैं। उन्होंने कहाकि भारत ने आधिकारिक रूपसे ऑडियो-विजुअल सेवाओं को 12 'चैंपियन सेवा क्षेत्रों' मेसे एकके रूपमें नामित किया है और इंडस्ट्री लीडर्स से युक्त एवीजीसी टास्क फोर्स ने इस क्षेत्र के कायापलट केलिए एक रोडमैप साझा किया है, इसके अलावा फिल्ममेकर्स और कंटेट क्रिएटर्स को भारत आकर शूट करने का प्रोत्साहन देने केलिए पिछले साल कान फिल्म फेस्टिवल में भारत ने दो योजनाओं की घोषणा की थी।
अनुराग ठाकुर ने एससीओ सदस्य देशों से आग्रह कियाकि वे ऑडियो-विजुअल को-प्रोडक्शन की प्रोत्साहन योजना और भारत में विदेशी फिल्मों की शूटिंग की प्रोत्साहन योजना को आज़माकर देखें। उन्होंने कहाकि ये वाकई में इस एससीओ क्षेत्र की संभावनाओं को रेखांकित कर सकता है। एससीओ देशों में भारतीय सिनेमा केप्रति दिखाए गए प्यार केलिए एससीओ प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहाकि भारतीय फिल्में एससीओ देशों में बेहद लोकप्रिय हैं और लोगों केबीच के संबंधों में इसने एक महान भूमिका निभाई है। उन्होंने कहाकि भारतीय सिनेमा मध्य एशियाई क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय रहा है। उन्होंने याद कियाकि 1957 में मदर इंडिया एक अंतर्राष्ट्रीय हिट बन गई थी और अभिनेता-निर्देशक राज कपूर को मास्को और बीजिंग की सड़कों पर प्यार से घेर लिया गया था, राज कपूर की 'आवारा' तत्कालीन सोवियत संघ में दिखाई जानेवाली पहली बॉलीवुड फिल्मों मेसे एक थी। उन्होंने कहाकि इनमें से कई देशों में दिलीप कुमार, देव आनंद और नरगिस के लाखों प्रशंसक थे, वर्ष 1970 और 1980 के दशक में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने कई हिट और प्रभावशाली संवादों के साथ सीमापार जुनून पैदा कर दिया था, मिथुन चक्रवर्ती की लोकप्रियता और डांस मूव्स को एससीओ क्षेत्र में बड़े प्यार से याद किया जाता है और वो आजभी बेजोड़ हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहाकि बाहुबली के एक्शन से भरपूर सीक्वेंस बेहद लोकप्रिय थे और इसने एससीओ क्षेत्र में कई सारे प्रशंसक जुटाए, ऐसे ही प्रशंसक अजय देवगन की अभिनीत 'दृश्यम' केभी रहे, जिसे उनकी अदाकारी, कथानक और कहानी केलिए बड़े पैमाने पर सराहा गया। उन्होंने बतायाकि हालही में जिस एससीओ युवा प्रतिनिधिमंडल की उन्होंने नई दिल्ली में मेजबानी की थी, वहां आए प्रतिनिधियों ने विभिन्न भारतीय गाने गाए और राज कपूर एवं मिथुन चक्रवर्ती के युगके कुछ पॉपुलर गानों की धुनों पर डांस भी किया, यह सिनेमा और फिल्म उद्योग की ताकत है। उन्होंने कहाकि कजाकिस्तान में संगीत और सीडी स्टोर की लोकप्रिय मेलोमन चेन में भारतीय फिल्मों केलिए एक खास कॉर्नर बना हुआ है। संस्कृति और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहाकि हम इस फिल्म महोत्सव के माध्यम से जिस बातको स्थापित कररहे हैं, वह वास्तव में एससीओ, जो एक बहुपक्षीय निकाय है के माध्यम से इस क्षेत्र में हमारी दोस्ती है और यह पड़ोसी देशों केबीच दोस्ती के बारेमें बहुत कुछ बताता है। उन्होंने कहाकि 17 सितंबर 2022 को भारत ने एससीओ देशों की अध्यक्षता ग्रहण की थी, यह फिल्म महोत्सव एससीओ उत्सवों के हिस्से के रूपमें होनेवाले कार्यक्रमों मेसे एक है।
संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहाकि इस क्षेत्रके हमारे सभी साथियों को कहानी सुनाने, दृष्टिकोण विकसित करने, एक-दूसरे को करीब से जानने केलिए इसमें प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है, क्योंकि तबतक कोई एकजुटता नहीं हो सकती, जब तककि हम सभी एक-दूसरे को समझ नहीं पाते और एक-दूसरे केसाथ खड़े नहीं होते। रंगमंच को परिभाषित करने वाले प्राचीन भारतीय पाठ ‘नाट्यशास्त्र’ का जिक्र करते हुए मीनाक्षी लेखी ने कहाकि भारत में कहानी सुनाने की महान परंपरा रही है। इस अवसर पर मुंबई उत्तर-पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से सांसद मनोज कोटक, मुंबई उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद गोपाल शेट्टी, महाराष्ट्र के पर्यटन, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता और महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव (फिल्म) नीरजा शेखर और महोत्सव के निदेशक एवं एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार भी उपस्थित थे।

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