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Tuesday 7 February 2023 03:04:08 PM
तुमकुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा क्षेत्रमें आत्मनिर्भरता की दिशामें एक और कदम बढ़ाते हुए तुमकुरु में एचएएल हेलीकॉप्टर फैक्ट्री राष्ट्र को समर्पित की, जिसकी आधारशिला 2016 में स्वयं उन्होंने ही रखी थी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि यह एक समर्पित नई ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर फैक्ट्री है, जो हेलीकॉप्टर बनाने की क्षमता और इकोसिस्टम को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहाकि यह एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण सुविधा है और शुरुआत में लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर का उत्पादन करेगी। एलयूएच एक स्वदेशी रूपसे डिजाइन और विकसित 3-टन वर्ग, एकल इंजन बहुउद्देश्यीय उपयोगिता हेलीकाप्टर है, जिसमें उच्च गतिशीलता की अनूठी विशेषता है। प्रधानमंत्री ने तुमकुरु औद्योगिक टाउनशिप, तुमकुरु में तिप्टूर और चिक्कानायकनहल्ली में दो जल जीवन मिशन परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने हेलीकॉप्टर संयंत्र और संरचना हैंगर का दौरा किया और लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर का अनावरण किया। उन्होंने ने समर्पित एचएएल परियोजना के जरिए उस बिंदु पर जोर देते हुए इसका उदाहरण दिया, जिसके लिए उन्होंने रक्षा जरूरतों केलिए विदेशी निर्भरता को कम करने के संकल्प केसाथ 2016 में आधारशिला रखी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहाकि कर्नाटका संतों, ऋषियों मनीषियों की भूमि है, जिसने अध्यात्म, ज्ञान विज्ञान की महान भारतीय परंपरा को सशक्त किया है। उन्होंने कहाकि इसमें भी तुमकुरु का विशेष स्थान है और सिद्धगंगा मठ की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने बतायाकि पूज्य शिवकुमार स्वामी की छोड़ी गई अन्ना, अक्षरा और आश्रय की विरासत को श्री सिद्धलिंग स्वामी आगे बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि संतों के आशीर्वाद से कर्नाटका के युवाओं को रोज़गार देने वाले, ग्रामीणों और महिलाओं को सुविधा देने वाले, देशकी सेना और मेड इन इंडिया को ताकत देने वाले, सैकड़ों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के युवाओं की प्रतिभा एवं नवाचार की सराहना की और कहाकि कर्नाटका युवा टैलेंट, युवा इनोवेशन की धरती है और ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग से लेकर तेजस फाइटर प्लेन बनाने तक, कर्नाटक की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ताकत को दुनिया देख रही है। उन्होंने कहा कि डबल-इंजन सरकार ने कर्नाटक को निवेशकों की पहली पसंद बना दिया है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि आज सैकड़ों ऐसे हथियार और रक्षा उपकरण हैं, जो भारत मेही बन रहे हैं, जो हमारी सेनाएं उपयोग कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्नत असॉल्ट राइफल से लेकर टैंक, विमान वाहक, हेलीकॉप्टर, लड़ाकू जेट, परिवहन विमान तक भारत इन सभीका निर्माण कर रहा है। एयरोस्पेस क्षेत्र पर प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले 8-9 वर्ष में इस क्षेत्रमें किया गया निवेश 2014 से 15 साल पहले किएगए निवेश की तुलना में पांच गुना अधिक है। प्रधानमंत्री ने कहाकि मेड इन इंडिया हथियारों की न केवल हमारे सशस्त्र बलों को आपूर्ति की जाती है, बल्कि 2014 से पहले के वर्षों की तुलना में रक्षा निर्यात भी कई गुना बढ़ गया है, निकट भविष्य में जो 4 लाख करोड़ के व्यवसायों को जन्म देगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब ऐसी निर्माण इकाइयां स्थापित की जाती हैं तो यह न केवल सशस्त्र बलों को मजबूत करती है, बल्कि रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर भी पैदा करती है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि उन्होंने तुमकुरु में हेलीकॉप्टर निर्माण संयंत्र के पास छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब राष्ट्र प्रथम की भावना से काम होता है तो सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के कामकाज में प्रगति और सुधार केसाथ-साथ निजी क्षेत्र केलिए अवसर खोलने की बात की। उन्होंने हालही में एचएएल के नाम पर सरकार को निशाना बनाने के प्रचार का जिक्र किया और कहाकि हमारी सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाए गए, यही एचएएल है, जिसका नाम लेकर लोगों को भड़काने की साजिश रची गई लोगों को उकसाया गया, लेकिन झूठ कितना ही बड़ा क्यों ना हो, सचके आगे हारता है और एकदिन जरूर हारता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि एचएएल कि यह हेलीकॉप्टर फैक्ट्री एचएएल की बढ़ती ताकत, बहुत से पुराने झूंठे आरोप लगाने वालों का पर्दाफाश कर रही है। उन्होंने कहाकि आज वही एचएएल भारत की सेना केलिए आधुनिक तेजस बना रहा है, विश्व के आकर्षण का केंद्र है और रक्षा क्षेत्रमें भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि फूड पार्क और एचएएल केबाद औद्योगिक टाउनशिप तुमकुरु केलिए एक बड़ा उपहार है, जो तुमकुरु को देशके एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूपमें विकसित करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान केतहत टाउनशिप का विकास किया जा रहा है, जो मुंबई-चेन्नई राजमार्ग, बेंगलुरु हवाई अड्डे, तुमकुरु रेलवे स्टेशन, मंगलुरु बंदरगाह के माध्यम से मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी से जुड़ा होगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि डबल इंजन सरकार सामाजिक बुनियादी ढांचे पर उतना ही ध्यान दे रही है, जितना भौतिक बुनियादी ढांचे पर दे रही है। इस वर्ष के बजट पर प्रधानमंत्री ने बतायाकि जल जीवन मिशन केलिए बजट आवंटन में पिछले वर्ष की तुलना में 20000 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है और कहाकि योजना के सबसे बड़े लाभार्थी माताएं और बहनें हैं, जिन्हें अपने घरों केलिए पानी लाने केलिए दूरतक नहीं जाना पड़ता है। उन्होंने कहाकि पिछले तीन वर्ष में परियोजना का दायरा 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों से बढ़कर 11 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ऊपरी भद्रा परियोजना केलिए 5500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे तुमकुरु, चिकमंगलुरु, चित्रदुर्ग, दावणगेरे और मध्य कर्नाटक के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को लाभ होगा। उन्होंने उन किसानों को होनेवाले लाभों पर भी प्रकाश डाला, जो वर्षा जल पर निर्भर हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि इस वर्ष का मध्यवर्ग हितैषी बजट 'विकसित भारत' केलिए सभी के प्रयासों को बल देगा, यह बजट समर्थ भारत, संपन्न भारत, स्वयंपूर्ण भारत, शक्तिमान भारत, गतिवान भारत की दिशामें एक बहुत बड़ा कदम है और अमृतकाल में कर्तव्यों पर चलते हुए विकसित भारत के संकल्पों को सिद्ध करने में इस बजट का बड़ा योगदान है, यह सर्वप्रिय, सर्वहितकारी, सर्वसमावेशी एवं सर्वस्पर्शी बजट है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा, उस सशक्त भारत की नींव इसबार के बजट में और मजबूत की गई है, इस साल के गरीब हितैषी मध्यम वर्ग हितैषी बजट की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और विकसित भारत के निर्माण केलिए सब जुड़ें, सब जुटें, सबका प्रयास कैसे हो, इसके लिए यह बजट बहुत ताकत देने वाला है। उन्होंने कृषि में वंचितों, युवाओं और महिलाओं केलिए बजट के लाभों के बारेमें बतायाकि यह भारत के युवा को रोज़गार के नए अवसर देने वाला बजट है, यह भारत की नारी शक्ति की भागीदारी बढ़ाने वाला बजट है, यह भारत की कृषि को गांव को आधुनिक बनाने वाला बजट है, यह श्रीअन्न से छोटे किसानों को वैश्विक ताकत देने वाला बजट है, यह भारत में रोजगार बढ़ाने वाला और स्वरोजगार को बल देने वाला बजट है। उन्होंने कहाकि हमने तीनों पहलुओं-आपकी जरूरतें, आपको दी जाने वाली सहायता और आपकी आय को ध्यान में रखा है। प्रधानमंत्री ने समाज के उस वर्ग को सशक्त बनाने केलिए 2014 से सरकार के प्रयासों पर जोर दिया, जिनके लिए सरकारी सहायता प्राप्त करना एक कठिन कार्य था। प्रधानमंत्री ने कहाकि या तो सरकारी योजनाएं उन तक नहीं पहुंचीं, या इसे बिचौलियों द्वारा लूटा गया।
प्रधानमंत्री ने प्रत्येक वर्ग को मिल रही सरकारी सहायता पर प्रकाश डाला, जो पहले इससे वंचित था। प्रधानमंत्री ने कहाकि पहलीबार कर्मचारी-मजदूर वर्ग को पेंशन और बीमा की सुविधा मिली है। उन्होंने छोटे किसानों की मदद केलिए पीएम किसान सम्मान निधि का जिक्र किया और स्ट्रीट वेंडर्स के लिएगए कर्ज का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने पीएम विकास योजना पर प्रकाश डाला, जो कुम्बरा, काम्मारा, अक्कासलिगा, शिल्पी, गारेकेलासदावा, बग्गी और अन्य जैसे शिल्पकारों या विश्वकर्माओं को बढ़ावा देगी और जो अपनी हस्तकला एवं हाथ के औजारों के बलपर कुछ बनाते हैं, वे अपनी कला और कौशल को और समृद्ध करते हैं। प्रधानमंत्री ने वंचितों और ग़रीबों की मदद केलिए किएगए उपाय गिनाए। उन्होंने कहाकि सरकार ने महामारी के दौरान गरीबों केलिए मुफ्त राशन पर 4 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, गरीबों के आवास केलिए अभूतपूर्व 70 हजार करोड़ रुपये आवंटित किएगए हैं। मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने वाले बजट के प्रावधानों पर प्रधानमंत्री ने आयकर में कर लाभों के बारेमें बताया। उन्होंने कहाकि 7 लाख रुपये तक की आय पर आयकर शून्य होने से मध्यम वर्ग में बहुत उत्साह है, खासकर 30 साल से कम उम्र के युवा, जिनके पास नई नौकरी है, नया कारोबार है, उनके खाते में हर महीने ज्यादा पैसा आएगा, इसी तरह जमा सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख करने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों और वरिष्ठ नागरिकों को मदद मिलेगी, लीव इनकैशमेंट पर टैक्स छूट अब 25 लाख तक है, जो पहले 3 लाख थी।
महिलाओं के वित्तीय समावेशन की केंद्रीयता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि महिलाओं का वित्तीय समावेशन घरों में उनकी आवाज़ को मजबूत करता है और घरेलू फैसलों में उनकी भागीदारी को बढ़ाता है। इस बजट में हमने अपनी माताओं, बहनों और बेटियों को अधिक से अधिक बैंकों से जोड़ने केलिए बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हम महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र लेकर आए हैं, सुकन्या समृद्धि, मुद्रा, जनधन योजना और पीएम आवास केबाद महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण केलिए यह एक बड़ी पहल है। प्रधानमंत्री ने कहाकि डिजिटल तकनीक या सहकारी समितियों के विस्तार के जरिए हर कदम पर किसानों की सहायता करते हुए बजट का अधिकतम फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर है। उन्होंने कहाकि इससे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को लाभ होगा, जबकि कर्नाटक के गन्ना किसानों को गन्ना सहकारी समितियों की स्थापना से मदद मिलेगी। उन्होंने बतायाकि निकट भविष्य में खाद्यान्न भंडारण केलिए देशभर में कई नई सहकारी समितियां भी बनेंगी और बड़ी संख्या में स्टोर बनाए जाएंगे, इससे छोटे किसान भी अपना अनाज स्टोर कर सकेंगे और बेहतर कीमत पर बेच सकेंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्राकृतिक खेती के जरिए छोटे किसानों की लागत कम करने केलिए हजारों सहायता केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में मोटे अनाज के महत्व की चर्चा करते हुए कहाकि यहां मोटे अनाज को 'श्री अन्न' के रूपमें पहचान दी गई है, बजट में मोटे अनाज के उत्पादन पर दिएगए जोर परभी प्रकाश डाला और कहाकि इससे कर्नाटक के छोटे किसानों को बहुत फायदा होगा। इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ए नारायणस्वामी, कर्नाटक सरकार के मंत्री और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।