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Monday 27 February 2023 01:57:22 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'रीचिंग द लास्ट माइल' पर बजट उपरांत वेबिनार श्रृंखला को संबोधित करते हुए बजट पर संसद में होनेवाली बहस के महत्व को रेखांकित किया और कहाकि सरकार ने इससे एक कदम आगे बढ़ाया है तथा पिछले कुछ साल में सरकार ने बजट केबाद हितग्राहियों केसाथ गहन विचार-विमर्श की एक नई परंपरा शुरू की है। उन्होंने कहाकि यह कार्यांवयन और समयबद्ध आपूर्ति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, इससे करदाताओं के धन की पाई-पाई का सही इस्तेमाल सुनिश्चित होता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि विकास केलिए धन केसाथ राजनीतिक इच्छाशक्ति कीभी जरूरत होती है। सुशासन और वांच्छित लक्ष्यों केलिए निरंतर निगरानी के महत्व पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि हम सुशासन पर जितना बल देंगे, अंतिम छोर तक पहुंचने का हमारा लक्ष्य उतनीही आसानी से पूरा हो जाएगा। उन्होंने मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण, वैक्सीन कवरेज और कोरोना महामारी के मद्देनज़र नए सोच-विचार का उदाहरण दिया तथा इस तरह अंतिम छोर तक आपूर्ति में सुशासन की शक्ति का परिचय दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिपूर्णता की नीति के पीछे की सोच के बारेमें कहाकि अंतिम छोर तक पहुंचने की दृष्टि और परिपूर्णता की नीति एक-दूसरे की पूरक हैं। उन्होंने कहाकि पुराने परिदृश्य में सबकुछ इसके उलट था, जहां ग़रीबों को बुनियादी सुविधाओं केलिए सरकार के पीछे दौड़ना पड़ता था, लेकिन अब सरकार ग़रीबों के द्वारतक पहुंच रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जिस दिन हम तय कर लेंगे कि हर क्षेत्रमें हर नागरिक तक हर बुनियादी जरूरत पहुंचाई जाएगी, तब स्थानीय स्तरपर कार्यसंस्कृति में हम बड़ा बदलाव आता देखेंगे, परिपूर्णता की नीति के पीछे यही भावना काम कर रही है, जब हमारा लक्ष्य हर व्यक्ति तक पहुंचना है, तब भेदभाव और भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं होगी और तभी हम अंतिम छोर तक पहुंचने का लक्ष्य पूरा करने में सक्षम होंगे। प्रधानमंत्री ने पीएम स्वानिधि योजना की चर्चा की, जिसके जरिये रेहड़ी-पटरी वालों को औपचारिक बैंकिंग से जोड़ा गया। उन्होंने डेवलपमेंट एंड वेलफेयर बोर्ड फॉर डी-नोटीफाइड, नोमैडिक एंड सेमी-नोमैडिक कम्यूनिटीज, गावों के पांच लाख सामान्य सेवा केंद्रों तथा टेली-मेडिसिन काभी उदाहरण दिया। उल्लेखनीय हैकि टेली-मेडिसिन के क्षेत्रमें 10 करोड़ परामर्श किए गए हैं। गौरतलब हैकि केंद्रीय बजट 2023 में घोषित होनेवाली पहलों के कारगर क्रियांवयन केलिए सुझाव और विचार आमंत्रित करने के क्रम में नरेंद्र मोदी सरकार के आयोजित 12 बजट उपरांत वेबिनारों मेसे यह चौथा वेबिनार है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि इस वर्ष के बजट में जनजातीय और ग्रामीण इलाकों के अंतिम छोर तक पहुंचने के मंत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है, इस संदर्भ में जल जीवन मिशन केलिए करोड़ों रुपयों का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहाकि 60 हजार से अधिक अमृत सरोवरों पर काम चालू हो चुका है, जिनमें से 30 हजार सरोवरों का निर्माण हो गया है, ये दूर-दराज रहने वाले उन भारतीयों के जीवनस्तर में सुधार ला रहे हैं, जो दशकों से इन सुविधाओं का इंतजार करते रहे हैं। उन्होंने कहाकि हमें यहीं नहीं रुकना है, हमें पानी के नए कनेक्शनों और पानी की खपत के तरीकों केलिए प्रणाली बनानी है, हमें इस बात कीभी समीक्षा करनी होगीकि जल समितियों को और मजबूत करने केलिए क्या किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने हितग्राहियों से आग्रह कियाकि वे मजबूत मगर सस्ते मकान बनाने केलिए प्रौद्योगिकी केसाथ आवासन को जोड़ने के तरीकों पर चर्चा करें, वे सौर ऊर्जा से लाभ उठाने के आसान तरीकों को खोजने तथा शहरी व ग्रामीण, दोनों इलाकों में लागू करने योग्य ग्रुप हाउसिंग के मॉडलों पर भी चर्चा करें। उन्होंने कहाकि इस साल के बजट में ग़रीबों केलिए मकान बनाने के मद्देनज़र 80 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि पहलीबार देश इतने बड़े पैमाने पर हमारे देश के जनजातीय समाज की विशाल क्षमता को आगे ला रहा है, इस बजट में जनजातीय विकास को प्रमुखता दी गई है।
एकलव्य आवासीय विद्यालयों में स्टाफ की नियुक्ति के प्रावधान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उपस्थितजनों से कहाकि वे इन स्कूलों के शिक्षकों एवं छात्रों के फीडबैक को देखें तथा यह विचार करेंकि इन स्कूलों के छात्रों को कैसे बड़े शहरों का अनुभव कराया जा सकता है। उन्होंने सबसे आग्रह कियाकि वे इन स्कूलों में अधिक से अधिक अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं बनाने के तरीकों पर विचार करें तथा स्टार्टअप सम्बंधी पक्षों पर कार्यशालाएं आयोजित करें। प्रधानमंत्री ने कहाकि पहलीबार जनजातीय समुदायों के सबसे अधिक वंचितों केलिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, हमें देश के 200 से अधिक जिलों में 22 हजार से अधिक गांव के अपने जनजातीय मित्रों को तेजीसे सुविधाए उपलब्ध करानी हैं। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में पसमांदा मुसलमानों का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि इस बजट में सिकिल सेल से पूरी तरह मुक्ति पाने काभी लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए सम्पूर्ण राष्ट्र की सोच अपनानी होगी, इसलिए स्वास्थ्य सम्बंधी हर हितग्राही को तेजीसे काम करना होगा। उन्होंने कहाकि आकांक्षी जिला कार्यकम अंतिम छोर तक पहुंचने के संदर्भ में एक सफल मॉडल के रूप में उभरा है, इस सोच को बढ़ावा देते हुए देश के 500 उपखंडों में एक आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम केलिए हमें तुलनात्मक मानदंडों को उसी तरह ध्यान में रखना होगा, जैसा हम आकांक्षी जिलों के मामले में करते हैं, ब्लॉक स्तरपर भी हमें प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार करना होगा।