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Friday 3 March 2023 02:45:45 PM
गांधीनगर/ नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ सस्टेनेबिलिटी गुजरात विश्वविद्यालय में आयोजित कश्मीर महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा हैकि भारत सदियों से सहअस्तित्व से आगे बढ़ता आया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेभी विविधताओं से भरे देशमें सहअस्तित्व की मजबूती केलिए अनेक पहलों केसाथ 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का मूलमंत्र दिया है। गृहमंत्री ने कहाकि कश्मीर कई संस्कृतियों का मेल और भारत माता का मुकुट मणि है, कश्मीर में जो बदलाव हो रहे हैं, वो कश्मीरियों केसाथ-साथ देश केलिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। अमित शाह ने कहाकि अनेक संस्कृतियां, भाषाएं, खान-पान और वेशभूषाएं सब हमारी ताकत हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों विशेषकर युवाओं से एक भारत श्रेष्ठ भारत के कॉन्सेप्ट को जीवनमंत्र के रूपमें अपनाने का आह्वान किया है। अमित शाह ने कहाकि पिछले साल लगभग 1 करोड़ 80 लाख पर्यटक कश्मीर आए, उन्होंने कश्मीरियत और कश्मीर की संस्कृति को जाना और एक अच्छा संदेश लेकर गए।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि एक जमाने में कश्मीर में बम धमाके, हड़ताल, पत्थरबाजी होती थी, लेकिन आज मोदीजी के नेतृत्व में आए बदलाव से यहां के युवाओं के हाथ में पुस्तकें और लैपटॉप केसाथ स्टार्टअप केलिए नई सोच है और वे विश्व के युवाओं को चुनौती देने की क्षमता रखते हैं। अमित शाह ने कहाकि कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटने केबाद पहलीबार वहां डेमोक्रेसी ग्रासरूट स्तरपर पहुंची है, आज जनता के चुने हुए 30 हज़ार से ज़्यादा प्रतिनिधि कश्मीर की पंचायत व्यवस्था में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गत 9 साल में लाए गए इस परिवर्तन से पूरा देश प्रसन्न है। अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री ने देशमें सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की, इसके माध्यम से हर गांव को विकास तंत्र और देश के ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति को अर्थतंत्र से जोड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने कहाकि गुजरात यूनिवर्सिटी सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ विक्रम साराभाई और नरेंद्र मोदी की यूनिवर्सिटी है, इस विश्वविद्यालय से देश निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कई महान लोग निकले हैं। उन्होंने कहाकि देश का सबसे पहला इनोवेशन पार्क गुजरात यूनिवर्सिटी में ही बना और ये 300 से अधिक स्टार्ट-अप को समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहाकि गुजरात में अमूल कोऑपरेटिव संस्था 28 लाख महिलाओं के परिश्रम से चलती है और इसका सालाना टर्नओवर 60 हज़ार करोड़ रूपए है।
अमित शाह ने कहाकि हालही में नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने निर्णय लिया हैकि अगले 3 साल में देश की 2 लाख पंचायतों में मल्टीडायमेंशनल प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी बनाई जाएंगी, जिनके माध्यम से इन पंचायतों को ग्रामीण विकास के नए आयाम मिलेंगे। अमित शाह ने कहाकि सहकारिता मंत्रालय राज्य सरकारों के माध्यम से इन बहुद्देश्यीय पैक्स को ज़मीन पर उतारने का काम कर रहा है। गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री ने देशभर के युवाओं केलिए कई मंच प्रदान किए हैं, स्किल इंडिया का प्लेटफॉर्म एक ऐसाही प्लेटफॉर्म है, जो युवाओं के अंदर की शक्ति और प्रतिभा को वैश्विक मंच देने का काम करता है। उन्होंने कहाकि कई नए आईटीआई में 4 हज़ार सीटें बनी हैं, 15 हज़ार आईटीआई संस्थानों में 126 स्ट्रीम में 20 लाख से ज़्यादा युवाओं का कौशल प्रशिक्षण हुआ है। अमित शाह ने कहाकि स्टार्टअप इंडिया एक ऐसाही इनीशिएटिव है, जिसके तहत आज 70 हज़ार से अधिक स्टार्टअप अपने इकोसिस्टम को मज़बूत कर रहे हैं, जबकि 2016 में ये संख्या सिर्फ 724 थी। उन्होंने कहाकि स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरूआत केबाद 70 हज़ार से अधिक स्टार्टअप बने हैं और इनमें से 44 प्रतिशत स्टार्टअप बालिकाएं और महिलाएं चला रही हैं, इसके अलावा 100 से अधिक स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न क्लब में आ गए हैं और 45 प्रतिशत स्टार्ट-अप टियर-2 और टियर-3 शहरों में हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने युवाओं का आह्वान कियाकि कश्मीर मेभी स्टार्टअप मूवमेंट को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहाकि मोदीजी ने 2015 में मेक इन इंडिया योजना की शुरूआत की, इसके परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 2022 में भारत का व्यापारिक निर्यात 400 करोड़ डॉलर को पार कर गया है। उन्होंने कहाकि पीएलआई योजना केतहत 12 क्षेत्रों में लगभग 3 लाख करोड़ रूपए का नया निवेश आया है। अमित शाह ने कहाकि भारत के युवाओं केलिए पेटेंट रजिस्ट्रेशन केलिए भी कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं। उन्होंने बतायाकि 2013-14 में भारत से सिर्फ 3 हज़ार आवेदन आते थे, जबकि आज भारत से 24 हज़ार आवेदन सालाना आते हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, डिजिटल इंडिया मिशन, फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसी कई योजनाएं प्रधानमंत्री मोदी देश के युवाओं केलिए लेकर आए हैं। गृहमंत्री ने कहाकि यह आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है और प्रधानमंत्री ने 2022 से 2047 तक के 25 वर्ष को अमृतकाल के रूपमें वर्णित किया है, इसमें हमें संकल्प लेना हैकि आज़ादी की शताब्दी के समय भारत दुनिया में हरक्षेत्र में सर्वप्रथम होगा। उन्होंने कहाकि जब देश का युवा अपनी बौद्धिक क्षमता, ऊर्जा और जोश को स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और पीएम मुद्रा योजना जैसी योजनाओं के सांचे में ढालेगा, तब भारत को दुनिया में सर्वप्रथम बनने से कोई नहीं रोक सकता।