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Friday 17 March 2023 03:44:04 PM
बेंगलुरु/ नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत में सेल्सफोर्स और ट्रू कॉलर कार्यालयों के उद्घाटन पर कहा हैकि व्यापार करने में आसानी पर नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों ने नए भारत के विनिर्माण और स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करने में सहायता की है और वैश्विक कंपनियों को यहां कार्यालय खोलने केलिए प्रोत्साहित किया है एवं इससे भारतीय युवाओं केलिए नौकरियों और उद्यमशीलता के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी। राजीव चंद्रशेखर ने सेल्सफोर्स के हैदराबाद में और ट्रूकॉलर के बेंगलुरु में अपने-अपने कार्यालय खोलने के कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहाकि इससे दुनिया केलिए एक विश्वसनीय प्रौद्योगिकी भागीदार के रूपमें भारत के विकास के बारेमें पता चलता है और यह सब नरेंद्र मोदी सरकार की सक्रिय नीतियों, वाइब्रेंट स्टार्टअप और इनोवेशन इकोसिस्टम के कारणही संभव हो सका है। राजीव चंद्रशेखर नई दिल्ली से इन वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के कार्यालयों के उद्घाटन समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
प्रौद्योगिकी के उपयोग में प्रमुख राष्ट्र के रूपमें भारत के उदय के बारेमें राजीव चंद्रशेखर ने कहाकि लंबे समय तक भारत को दुनिया केलिए एक बैक ऑफिस के रूपमें जाना जाता था, हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कंपनियों की संख्या की उपस्थिति से परिभाषित होती थी। उन्होंने उल्लेख कियाकि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने केबाद उन्होंने डिजिटल अर्थव्यवस्था को भारत की विकास गाथा में एक बड़ी और अधिक विस्तृत भूमिका निभाने और उभरते हुए भारत के सकल घरेलू उत्पाद का एक बड़ा हिस्सा बनने की परिकल्पना की थी। राजीव चंद्रशेखर ने कहाकि वर्ष 2015 में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के शुभारंभ केसाथ एक एकल आयामी डिजिटल अर्थव्यवस्था जो हमें 2014 में विरासत में मिली थी, एक व्यापक आधार वाली और उच्च विकासदर वाली डिजिटल अर्थव्यवस्था बन गई है, जिसमें कई अतुल्यकालिक घटक हैं, जो तेजीसे बढ़ रहे हैं और देश में नवाचार पैदा कर रहे हैं।
राजीव चंद्रशेखर ने सेल्सफोर्स के कार्यक्रम में कहाकि भारत में वैश्विक प्रमुख की सक्रिय उपस्थिति से बड़ी संख्या में नौकरियां और अवसर पैदा होने की आशा है और यह भारत के टैकेड बनने की कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहाकि भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में अपनी छाप छोड़ी है और यह एक उत्पादन शक्ति के रूपमें उभर रहा है और विश्वस्तर के स्टार्टअप एवं नवाचार इकोसिस्टम होने का दावा करता है, जो दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है। राजीव चंद्रशेखर ने उद्योग प्रासंगिक भविष्य केलिए तैयार कौशल में एक कुशल कार्यबल बनाने केलिए सरकार के प्रयासों के बारेमें भी जानकारी दी। केंद्रीय बजट 2023 में घोषित नई कौशल पहल केबारे में जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 एक ऐसी योजना है, जिसे कोविड केबाद के अवसरों और चुनौतियों से निपटने केलिए डिज़ाइन किया गया है और इसमें कोडिंग, आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस-एआई, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल्स जैसे उद्योग 4.0 पर नए युग के पाठ्यक्रम शामिल होंगे।
भारत को दुनिया केलिए प्रतिभा का विशाल और शक्तिशाली केंद्र बनाने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना का जिक्र करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहाकि देश में कौशल और प्रतिभा के विकास केलिए उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों केसाथ सह साझेदारी में एक रूपरेखा विकसित की जा रही है। उन्होंने हालही में जारी फ्यूचर स्किल्स रिपोर्ट का उदाहरण दिया, जिसका उद्देश्य उद्योग की नवीनतम आवश्यकताओं के अनुसार अगले चार वर्ष में 85,000 सेमीकंडक्टर इंजीनियरों, डिजाइनरों और अन्य सहायक प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करना है। ट्रूकॉलर के स्वीडन मुख्यालय के बाहर इसके कार्यालय के उद्घाटन पर चंद्रशेखर ने उचित व्यवस्था करते हुए प्रौद्योगिकी की अच्छाई का समर्थन करने की आवश्यकता केबारे में बात की। उन्होंने कहाकि हम नए कानून, नए नियमों को डिजाइन और तैयार कर रहे हैं, जो आनेवाले दशक केलिए भारत के नवाचार इकोसिस्टम केलिए सुरक्षा कवच, सक्षम और उत्प्रेरक प्रदान करेंगे।