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Saturday 18 March 2023 05:50:02 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अगुवाई में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के उत्सव के अंतर्गत दो दिवसीय वैश्विक मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस उपलक्ष्य में उन्होंने डाक टिकट, सिक्के का अनावरण एवं श्री अन्न स्टार्टअप और श्री अन्न मानकों के संग्रह को डिजिटल रूपसे लांच किया, साथही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबंधित भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान को बजट में की गई घोषणा के क्रम में उत्कृष्टता का केंद्र घोषित किया। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया और कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी केसाथ प्रदर्शनी सह क्रेता-विक्रेता सम्मिलन मंडप का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि श्री अन्न समृद्धि एवं समग्र विकास का माध्यम बन रहा है, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा। स्वागत भाषण में कृषिमंत्री ने कहाकि देश के छोटे किसानों की ताकत बढ़ाने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री अन्न को प्रतिष्ठा प्रदान की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी प्रतिनिधियों को श्री अन्न केलिए भारत की ब्रांडिंग पहल केबारे में जानकारी देते हुए बतायाकि श्री अन्न केवल भोजन या खेती तक ही सीमित नहीं हैं, भारतीय परंपरा से परिचित लोग किसी भी चीज के आगे श्री लगाने के महत्व को समझेंगे, श्री अन्न गांवों व गरीबों से जुड़ा हुआ है, श्री अन्न देश के छोटे किसानों के लिए समृद्धि का द्वार, करोड़ों देशवासियों के पोषण की आधारशिला व आदिवासी समुदाय का सम्मान है, श्री अन्न की फसल कम पानी में अधिक प्राप्त की जा सकती है, रसायनमुक्त खेती केलिए यह नींव है, वहीं जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार है। श्री अन्न को एक वैश्विक आंदोलन में बदलने के लिए सरकार के लगातार प्रयासों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने बतायाकि 2018 में मिलेट्स को पोषक अनाज घोषित किया गया था, जहां किसानों को इसके लाभों के बारेमें जागरुक करने से लेकर इसमें रूचि पैदा करने तक सभी स्तरों पर काम किया गया है। उन्होंने उल्लेख कियाकि मोटे तौर पर देश के 12-13 राज्यों में श्री अन्न की खेती की जाती है और प्रति व्यक्ति प्रतिमाह घरेलू खपत दो-तीन किलो थी, जो बढ़कर अब 14 किलो प्रति माह हो गई है। उन्होंने कहाकि मिलेट्स खाद्य उत्पादों की बिक्री में भी लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, वहीं एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत 19 जिलों में मिलेट्स भी चुना गया है।
श्री अन्न से संबंधित उद्यमों एवं खेती केलिए स्टार्टअप लाने की युवाओं की पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहाकि यह श्री अन्न केलिए भारत की प्रतिबद्धता का संकेत है। यह सूचित करते हुए कि लगभग 2.5 करोड़ छोटे किसान भारत में मिलेट्स उत्पादन में प्रत्यक्ष रूपसे शामिल हैं, प्रधानमंत्री ने कहाकि बहुत कम भूमि होने के बावजूद उन्हें जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इनके लिए भारत का मिलेट मिशन श्री अन्न का अभियान वरदान साबित होगा। उन्होंने कहाकि आजादी के बाद पहली बार सरकार ने मिलेट्स उगाने वाले 2.5 करोड़ छोटे किसानों की सुध ली है, श्री अन्न अब प्रसंस्कृत व पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के माध्यम से दुकानों-बाजारों तक पहुंच रहा है, श्री अन्न बाजार को बढ़ावा मिलने से इन 2.5 करोड़ छोटे किसानों की आय बढ़ेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री ने बतायाकि श्री अन्न पर काम कर रहे 500 से अधिक स्टार्टअप सामने आए हैं और पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में एफपीओ भी आगे आ रहे हैं, देशमें एक पूरी आपूर्ति श्रृंखला विकसित की जा रही है, जहां छोटे गांवों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं श्री अन्न के उत्पाद बना रही हैं, जो मॉल और सुपरमार्केट में पहुंच रहे हैं।
जी20 अध्यक्षता केलिए भारत के एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य के आदर्श वाक्य पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित कियाकि दुनिया को एक परिवार के रूपमें मानना अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष में भी परिलक्षित होता है, भारत ने हमेशा विश्व के प्रति कर्तव्य की भावना और मानवता की सेवा के संकल्प को प्राथमिकता दी है। योग का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस केजरिए यह सुनिश्चित किया हैकि योग का लाभ पूरी दुनिया तक पहुंचे, आज विश्व के 100 से अधिक देशों में योग को बढ़ावा दिया जा रहा है, विश्व के 30 से अधिक देशों ने आयुर्वेद को भी मान्यता प्रदान की है। उन्होंने कहाकि खेत से बाजार तक और एक देश से दूसरे देश में साझा जिम्मेदारियों केसाथ श्री अन्न की एक नई आपूर्ति श्रृंखला विकसित की जानी चाहिए। कृषिमंत्री ने कहाकि यह मिलेट्स वर्ष के शुभारंभ का उत्सव है, मिलेट्स के विषय को लेकर जबभी कोई सवाल आया तो प्रधानमंत्री ने उत्साह से मार्गदर्शन किया, परिणामस्वरूप यह कार्यकम उत्तरोत्तर ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है, आज विश्वभर के लोग इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि दुनिया इस बातकी साक्षी हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना भारत को आगे बढ़ाने केलिए प्रयत्न करते हैं, उसी तरह से विश्व का कल्याण हो, विश्व में शांति हो, दुनिया के सामने विद्यमान चुनौतियों का समाधान हो सके, इसके लिए भी उनका प्रयास रहता है।
कृषिमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्रीजी की मान्यता रही हैकि हम स्वास्थ्य सुविधाएं कितनी भी बढ़ा लें, लेकिन अगर रोग बढ़ेंगे तो सुविधा कम पड़ जाएगी, उनकी कोशिश हैकि रोग कम से कम हों, इसके लिए देश में स्थान-स्थान पर वेलनेस सेंटर की स्थापना करने का काम किया है। उन्होंने कहाकि दुनिया ने प्रधानमंत्री के आग्रह को स्वीकार किया और योग को अपनाया, यह हमारे लिए गर्व का विषय है, इसी प्रकार प्रधानमंत्री लगातार इस बात की चिंता करते रहे हैंकि देश-दुनिया के छोटे किसान, वर्षा आधारित खेती करने वाले किसानों की ताकत बढ़नी चाहिए। उन्होंने कहाकि खाद्यान्न की प्रचुरता है, लेकिन भोजन की थाली में पोषकता के अभाव को भरने की कोशिश करनी चाहिए, इसके लिए वर्ष 2018 में मिलेट्स को पोषक अनाज के रूपमें अधिसूचित किया गया, ताकि भोजन की थाली में मोटे अनाज को प्रतिष्ठा मिले, छोटे किसान की ताकत बढ़े, इसकी खेती को प्रोत्साहित किया जा सके, इससे श्री अन्न का उत्पादन व मांग भी बढ़ी है। कृषिमंत्री ने कहाकि 2018 में मिलेट्स के महत्व को बताते हुए प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखा था, जिसने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। उन्होंने कहाकि श्री अन्न समूची दुनिया केलिए महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है, पोषक तत्वों से भरपूर श्री अन्न की खेती को सामान्य भूमि में किया जा सकता है, इसमें फर्टिलाइजर की आवश्यकता नहीं होती है। कृषिमंत्री ने कहाकि मिलेट्स का पौधा भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में योगदान करता है, साथ ही इसकी खेती पर्यावरण को भी संरक्षित करती है।
कृषिमंत्री ने कहाकि 2023 इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर की तैयारी में देशभर में भारत सरकार ने राज्य सरकारों, इंडस्ट्रीज, आयातकों-निर्यातकों, स्कूल-कॉलेजों सबके साथ मिलकर इसे प्रोत्साहित किया है, आज कहींभी बात चलती है तो मिलेट्स की बात जरूर आती है, बजट में भी मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने हेतु प्रावधान किया है। अंतर्राष्ट्रीय नेताओं ने इस अवसर पर अपने संदेश दिए। इथियोपिया के राष्ट्रपति सहले-वर्क ज़ेवडे ने आयोजन केलिए भारत सरकार को बधाई देते हुए कहाकि मिलेट्स एक सस्ता एवं पौष्टिक विकल्प प्रदान करता है। उन्होंने मिलेट्स के प्रसार केलिए आवश्यक नीतिगत व्यवस्था व पारिस्थितिकी तंत्र अनुसार फसलों की उपयुक्तता का अध्ययन करने हेतु आयोजन की उपयोगिता को रेखांकित किया। गुयाना के राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद इरफ़ान अली ने कहाकि भारत ने मिलेट्स को बढ़ावा देने में वैश्विक नेतृत्व ग्रहण किया है, ऐसा करने में यह बाकी दुनिया के उपयोग केलिए अपनी विशेषज्ञता दे रहा है। उन्होंने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष की सफलता एसडीजी हासिल करने में काफी मददगार साबित होगी। उन्होंने कहाकि गुयाना ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने केलिए मिलेट्स को एक महत्वपूर्ण कारक के रूपमें मान्यता दी है और विशिष्ट मिलेट्स उत्पादन केलिए 200 एकड़ भूमि निर्धारित करके बाजरा के बड़े पैमाने पर उत्पादन केलिए भारत के साथ सहयोग शुरू कर रहा है, जहां भारत प्रौद्योगिकी के साथ तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेगा।