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Thursday 23 March 2023 12:17:24 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि आतंकवाद को अंजाम देने वालों को अंतत: आतंकवाद ही खा जाता है। उन्होंने कहाकि एक आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रसे होनेके नाते वह आतंकवाद के सभी प्रभावों के साक्षी रहे हैं और एक निश्चित मात्रा में विश्वास केसाथ कह सकते हैंकि आतंक का अपराधी बाघ की सवारी करता है और अंत में उसी बाघ द्वारा खाया जाता है। नई दिल्ली में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने केलिए 'बसंती चोला दिवस' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि ब्रिटिश शासन के आतंक का अंत हुआ, क्योंकि आंतरिक विरोधाभासों ने ब्रिटिशराज को आखिरकार भारत से जाने पर मजबूर कर दिया।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि 23 मार्च 1931 को लाहौर में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की पुण्यतिथि पर शहीद दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन लाहौर सेंट्रल जेल में इन्हें फांसी दी गई थी। शहीद-ए-आजम भगत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भगत सिंह के क्रांतिकारी उत्साह ने ब्रिटिश साम्राज्य को हिला दिया था और केवल 16-17 साल बाद 1947 में अंग्रेजों को भारत छोड़ने केलिए मजबूर होना पड़ गया था। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि जब मानवाधिकारों की अवधारणा अस्तित्व में आई थी, उससे भी पहले भगत सिंह 20वीं शताब्दी के पहले मानवाधिकार कार्यकर्ता थे। उन्होंने कहाकि एक शहीद और स्वतंत्रता सेनानी के अलावा भगत सिंह महान विचारक और दार्शनिक थे, उनके लेखन और विचारों में गांधीजी एवं कार्ल मार्क्स दोनों का प्रभाव था।
डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर पद्मश्री से सम्मानित डॉ जितेंद्र सिंह शंटी का 1995 में स्थापित शहीद भगत सिंह सेवा दल, जिसे एसबीएस फाउंडेशन के नाम सेभी जाना जाता है के सामाजिक कार्यों की प्रशंसा की और रेखांकित कियाकि कोविड महामारी केदौरान एसबीएस जमीन पर काम करने वाला एकमात्र दृश्यमान संगठन था। डॉ जितेंद्र सिंह ने याद कियाकि यह एनजीओ कोविड-19 महामारी केदौरान अपने अनुकरणीय कार्य केलिए बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें कोविड के मृत रोगियों केलिए नि:शुल्क शव वाहन सेवा, कोविड संदिग्धों और रोगियों केलिए नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करना और कोरोना से मृत मरीजों केलिए उनके मृत शरीर प्रबंधन केसाथ नि:शुल्क दाह संस्कार सेवाएं देना शामिल है। इन्हीं अनुकरणीय सेवाओं केलिए डॉ जितेंद्र सिंह शंटी राष्ट्रपति के हाथों 2021 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किए गए थे।