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'दुर्भावनापूर्ण प्रचार लोकतंत्र व राष्ट्रहित का नाशक'

'भारतीय सूचना सेवा भारत की सरकारी सूचना व्यवस्था की संरक्षक है'

सूचना और प्रसारण मंत्री का आईआईएस अधिकारियों को संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 1 April 2023 03:01:49 PM

union information and broadcasting minister anurag thakur

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय सूचना सेवा के 2018, 2019 और 2020 बैच के 52 अधिकारियों को प्रतिष्ठित सेवा में शामिल होने पर बधाई दी और कहाकि वे इतने सारे युवा उत्साही अधिकारियों को देखकर रोमांचित हैं, जो राष्ट्रसेवा केलिए अपनी ऊर्जा समर्पित करने केलिए उत्सुक और तैयार हैं। अनुराग ठाकुर ने कहाकि भारतीय सूचना सेवा बेहद गर्व और पर्याप्त तरीके से संचार एवं पहुंच की भूमिका निभाती है तथा भारतीय सूचना सेवा भारत की सरकारी सूचना व्यवस्था की अग्रिम पंक्ति की रक्षक है, जो भारत के हितों और शासन के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करती है। सूचना प्रसारण मंत्री ने भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली में प्रशिक्षु अधिकारियों केसाथ सेवा से जुड़े और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि जल्दही उनको विभिन्न मीडिया के माध्यम से केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के बारेमें महत्वपूर्ण जानकारियों केबारे में लोगों से संवाद करने की महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी जाएगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहाकि आईआईएस अधिकारी ऐसे समय में सेवा में प्रवेश कर रहे हैं, जब मात्र 280 अक्षरों के ट्वीट में दुनियाभर में 8 अरब की आबादी को प्रभावित करने की शक्ति है। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी संचालित युग में आईआईएस अधिकारी अधिक विश्वसनीय और संपूर्ण जानकारी प्रदान करने केलिए गैर-आधिकारिक सूचना प्रसारकों केसाथ प्रतिस्पर्धा करेंगे। उन्होंने कहाकि उभरती प्रौद्योगिकियों केसाथ मीडिया परिदृश्य लगातार आकार ले रहा है, अत: अधिकारियों को दर्शकों से प्रभावी ढंग से जुड़ने और हमारे संदेशों को प्रेषित करने केलिए अत्याधुनिक उपकरणों, विचारधारा एवं तकनीकों से अच्छी तरह वाकिफ होने एवं नागरिकों केसाथ सक्रिय रूपसे जुड़ने केलिए नए अवसर तलाशने केलिए प्रेरित किया। अनुराग ठाकुर ने कहाकि आगे का कार्य चुनौतियों से भरा है और पांच सी मंत्र की पेशकश की, जो भारत@2047 केलिए संवाद का मार्गदर्शन करेगा। अनुराग ठाकुर ने कहाकि पांच सी मंत्र हैं-संचार नागरिकों की जरूरतों और हितों पर केंद्रित होना चाहिए, यह सुनिश्चित होकि यह सभी केलिए सुलभ, समावेशी और समझने योग्य हो।
सूचना और संदेश के निर्माण एवं डिजाइन में लक्षित दर्शकों को शामिल करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि यह उपयुक्त है और समझ में आता है। सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने केलिए हितधारकों केसाथ मिलकर काम करें और एक-दूसरे की ताकत एवं विशेषज्ञता का लाभ उठाएं। आवश्यकतानुसार सुधार और समायोजन करने केलिए संचार रणनीतियों की प्रभावशीलता को प्रतिबिंबित करने और मूल्यांकन करने केलिए समय निकालें। संचार क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनौतियों के अनुकूल होने केलिए कौशल एवं ज्ञान को लगातार विकसित करें। अनुराग ठाकुर ने उस समय की तुलना की, जब आईआईएस सेवा की स्थापना की गई थी और युद्ध केबाद की वैश्विक सूचना व्यवस्था आकार ले रही थी। उन्होंने कहाकि अब हम एक महामारी केबाद नई सूचना व्यवस्था का जन्म देख रहे हैं, क्‍योंकि एक-दूसरे से उचित तालमेल की भू-राजनीतिक सीमाएं नए सिरे से बन रही हैं और भू-रणनीतिक मुद्दों को फिरसे तैयार किया जारहा है।
अनुराग ठाकुर ने कहाकि ने कहाकि वर्तमान पैटर्न और नियमों पर आधारित सूचना का प्रसार विशाल टेक्नोलॉजी कम्पनियों के जबरदस्त प्रभुत्व वाली नई सूचना व्यवस्था के मूल में निहित है और एकबार फिर हम पश्चिम को नई सूचना व्यवस्था को आकार और रूप देते हुए देख रहे हैं, विशाल टेक्नोलॉजी उनके साथ मजबूती से जुड़ी हुई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने आगाह कियाकि यह स्वतंत्र देशों को उनकी स्वायत्तता से बाहर कर सकता है, यह तय करने केलिए कि उनके लिए सबसे अच्छा क्या है। उन्होंने कहाकि अधिकारियों की एक भूमिका है, जिन्हें बाहर से थोपी गई सूचना व्यवस्था के खिलाफ चारदीवारी बनना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूपमें नई सूचना व्यवस्था को आकार और रूप देने में समान भागीदार होना चाहिए। अनुराग ठाकुर ने कहाकि अधिकारियों का प्राथमिक कार्य मुद्दों के बारेमें जानकार समझ को बढ़ावा देना होगा, ताकि सार्वजनिक तौरपर सही सूचना प्राप्त हो, गलत जानकारी राष्ट्र को कमजोर करती है, इसके संस्थान बदनाम होते हैं और निर्वाचित सरकार पर भरोसा कमजोर होता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहाकि दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार से प्रभावित सार्वजनिक जानकारी लोकतंत्र और राष्ट्रीय हित केलिए नाशक और खतरनाक है। इस इन्फोडेमिक के खतरे पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहाकि निस्संदेह तकनीकी प्लेटफॉर्मों के उपलब्ध कराए गए पब्लिक स्पेस का लोकतंत्रीकरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे लोकप्रिय बहस और संवाद में नीचे से ऊपर तककी भागीदारी सुनिश्चित हुई है और इसी समय दुर्भावनापूर्ण मतभेद पैदा करने केलिए दुष्प्रचार चाहे आंतरिक हो या बाहरी ने पब्लिक स्पेस के लोकतंत्रीकरण के सकारात्मक लाभों के खिलाफ किया है। अनुराग ठाकुर ने अधिकारियों का यह सुनिश्चित करने का आह्वान कियाकि डिजिटल स्पेस के लोकतंत्रीकरण से होनेवाले लाभों को भ्रामक सूचनाओं से कम न होने दें।

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