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Monday 10 April 2023 06:03:45 PM
नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे केसाथ हाथ मिलाया है, ताकि लोगों का कभीभी, कहींभी आसान उपयोग केलिए एक मजबूत टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम विकसित किया जा सके। समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूपमें यूआईडीएआई और आईआईटी बॉम्बे कैप्चर सिस्टम से जुड़े लाइवनेस मॉडल केसाथ फिंगरप्रिंट केलिए एक मोबाइल कैप्चर सिस्टम बनाने केलिए संयुक्त रूपसे अनुसंधान करेंगे। टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम एकबार विकसित और चालू होने केबाद घरसे चेहरे के प्रमाणीकरण की सुविधा केसाथ फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी।
उम्मीद की जाती हैकि नई प्रणाली एकबार में उंगलियों के कई निशान लेगी और प्रमाणीकरण की सफलता दर में और सहायता करेगी। एक बार नई प्रणाली लागू हो जाने केबाद आधार इकोसिस्टम में उपलब्ध मौजूदा सुविधाओं में वृद्धि होगी। इस तरह की प्रणाली एक अच्छे उपयोगकर्ता के रूपमें अनुभव वाले अधिकांश नागरिकों केलिए उपलब्ध एक सामान्य मोबाइल फोन केसाथ सिग्नल या इमेज प्रोसेसिंग और मशीन लर्निंग/ डीप लर्निंग के एक बुद्धिमान संयोजन का उपयोग करेगी। यूनिवर्सल ऑथेंटिकेटर को वास्तविकता बनाने की दिशामें यह एक अगला कदम होगा।
यूआईडीएआई और आईआईटी बॉम्बे केबीच अपने राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र के सहयोग से यूआईडीएआई केलिए एक प्रणाली के विकास केलिए अनुसंधान और विकास में संयुक्त जुड़ाव होगा। एनसीईटीआईएस अपने प्रमुख डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत आईआईटी बॉम्बे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है। एनसीईटीआईएस का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के व्यापक क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा बलों केलिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करना है।